हाल ही में बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए जहाँ आये दिन राजनितिक दल अपने अपने प्रचार हेतु रोज़ विभिन्न विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर रहे थे, यह घटना ऐसी ही एक चुनावी रैली में फंसे महादेव के भक्त की है।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम नामक जिले में सोहन नाम का एक विकलांग शिव भक्त रहता है , बीरभूम वह स्थान है जहाँ विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक दंगे व हिंसा के मामले सामने आये। सोहन पिछले कई वर्षो से यहाँ रहता है , सोहन काफी समय पहले एक सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर खो चूका था , इसी कारण से उसे विकलांग कोटे के तहत रेलवे में नौकरी भी मिल गई थी। सोहन बचपन से ही महादेव की भक्ति में लीन रहा करता था रोज़ मंदिर जाकर महादेव की पूजा करना , प्रत्येक सोमवार का व्रत करना सोहन का नियम था , साथ ही महा शिवरात्रि को गरीबों को जरुरतमंदो को उनकी जरूरत का सामन दान किआ करता और शिव कीर्तन का भी आयोजन किया करता। उसको किसी प्रकार का कोई दुःख नहीं था और अपने साथ हुए हादसे को भी वह भुला चुका था वह अपना जीवन सुखमय रूप से व्यतीत कर रहा था। एक दिन जब सोहन अपना कार्य समाप्त कर रेलवे दफ्तर से घर को लौट रहा था , तब उसे कोई ऑटो , रिक्शा या किसी प्रकार कोई साधन नहीं मिला , वह शायद कोई साधन आ जाये यह सोच कर सड़क किनारे खड़ा होकर इंतज़ार करने लगा , तभी पास खड़े दुसरे व्यक्ति ने सोहन से कहा आज आपको यहाँ कोई साधन नहीं मिलेगा क्युकी आज यहाँ चुनावी रैली है तो बेहतर यही होगा आप ज्यादा इंतज़ार न करे और पैदल ही निकल जाए। सोहन को उस व्यक्ति की बात सही लगी और वह वह से निकल गया तब कुछ दूर चलने के बाद उसे दिखा की बहुत भीड़ के साथ चुनावी रैली निकल रही है , घर की और जाने का मार्ग भी यही है तब सोहन धीरे धीरे उस भीड़ के बीच से निकलने लगा , भीड़ ज्यादा थी सोहन को आगे बढ़ने में काफी परेशानी हो रही थी। तभी कुछ देर बाद दूसरे मार्ग से दूसरे राजनैतिक दल की भीड़ आ रही थी , कुछ शोर बढ़ गया लोग आपस में चिल्लाने लगे फिर क्या था शोर ने दंगे व हिंसा का रूप ले लिया। लोग आपस में लड़ने लगे एक दुसरे पर प्रहार करने लगे , सामजिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने लगे। लाठी डंडे भlहर आ गए , और इस हिंसा में गलती से एक लाठी का प्रहार सोहन की पीठ पर लगा जिसके कारण वह ज़मीन पर गिर गया। उसकी दोनों बैसाकियाँ लोगो के पैरों से टकरा कर उस से दूर हो गई। सोहन के ऊपर लोगो के पैर पड़ते रहे वह घायल हो चुका था और खड़ा होने में असमर्थ था। कुछ समय में ही सोहन की आँखों के सामने अँधेरा से चiने लगा वह कभी बेहोश हो सकता था उसने ऐसे मुशिकल वक्त सिर्फ महादेव को याद किआ तभी वह एक नागा साधु आये उनका अचानक आना कुछ ऐसा था की वो प्रकट हुए हो , नागा साधु ने सोहन के पास की पूरी भीड़ को मात्र अपने एक हाथ से किनारे कर दिया , और दूसरे हाथ से सोहन को उठा कर भीड़ से भर ले आये। कुछ देर बाद जब सोहन जब स्थिर अवस्था में आया तब सोहन ने साधु महाराज को नमन किआ और धन्यवाद किआ और उनसे पुछा की आप इतनी भयानक भीड़ के बीच कैसे आये और मैं नीचे ज़मीन पर गिरा हुआ हूँ यह आपको कैसे पता चला। इस पर नागा साधु ने उत्तर दिया मुझे तुम ही ने तो याद कर मुझे बुलाया था तो मुझे आना पड़ा इतना बोल वह वहाँ से कुछ ही पलों मैं गायब हो गए। तब कुछ देर बाद सोहन को ज्ञात हुआ की यह कोई और नहीं महादेव ही नागा साधु का रूप लेकर उसकी प्राण रक्षा करने आये थे।
जब चुनावी रैली में दो दलों के बीच के दंगे में अपने भक्त को बचाने पहुंचे स्वयं महादेव।
By Prabhu BhaktiUpdated: