देवो के देव महादेव की महिमा और चमत्कारों से कौन अवगत नहीं है , सभी ने महादेव के चमत्कारों के बारे में कभी ना कभी सुना व देखा है।
ऐसा ही चमत्कार हुआ चेन्नई मे रहने वाले अंकित जी के साथ जिसे जान कोई भी हैरानी में पड़ सकता है।
अंकित एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता है। अंकित बड़े ही लम्बे समय से महादेव की पूजा अर्चना करता आ रहा है , वह नियमबद्ध रूप से रोज़ मंदिर जाकर महादेव की उपासना करता है साथ ही प्रत्येक सोमवार का व्रत भी किया करता है। एक दिन अंकित ने अपने ऑफिस से कुछ मित्रो के साथ महादेव के धाम केदारनाथ जाने का निर्णय लिया। अंकित के सभी मित्र भी इस बात पर सहमत हो गए वह कुल 12 लोग थे।
अंकित ने सभी के लिए एक छोटी बस मँगा ली थी , जिसमे 12 लोग बड़े ही आराम से बैठ सकते थे। अंकित 2 दिन बाद अपने मित्रो के साथ रात को लगभग 8 बजे चेन्नई से केदारनाथ के लिए रवाना हो गया। उन सभी का सफर कुछ दो दिन का होने वाला था , वह सभी बड़े ही भक्ति भाव से महादेव के जयकारा व भजन गाते हुए आगे बढ़ रहे थे। देखते देखते उन सभी ने अपना पहले दिन का आधा सफर पूर्ण कर लिया।
दुसरे दिन भी उनका भक्ति भाव महादेव के प्रति कम नहीं हुआ था।
दुसरे दिन का सूर्य अस्त हो चुका था , उस समय अंकित की बस जंगल से गुज़र रही थी , जंगल बड़ा ही सुनसान था दूर दूर तक एक व्यक्ति भी नहीं था। अंकित को बस के ड्राइवर ने बताया की यहाँ कुछ लुटेरे रहते है , जो की गाड़ियों को रोक कर लूट पाट करते है , सभी यह सुन काफी भयभीत हो गए , सभी ने बस के सारे खिड़की दरवाजे बंद कर दिए। तभी अचनाक बस का टायर फटने की आवाज आयी , ड्राइवर ने नीचे उतर कर देखा तो एक बड़ी लोहे की कील टायर में घुसी हुई थी जिसके कारण टायर पंचर हो गया था।
सभी बहुत डरे हुए थे , उन्हें भरोसा हो गया की यह उन्ही लूटेरो का काम है। सभी तुरंत ही बस में चढ़ गए और खिड़की दरवाजे फिर से बंद करके महादेव को याद करने लगे। तभी वहाँ दो लूटरे बस का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। ड्राइवर ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने ड्राइवर को धक्का मार कर बस से नीचे फेंक दिया , और सभी के पास से कीमती सामन लूटने लगे , सबसे पीछे बैठा हुआ अंकित महादेव को याद करता हुआ मदद की गुहार लगा रहा था।
कुछ ही देर में लूटरे सभी से कीमती सामान लूट कर भागने लगे , तभी वहाँ एक अन्जा व्यक्ति आया और उन लूटेरो को रोक कर सामान लौटने को कहने लगा , लूटेरो ने उसे भी हथियार दिखा कर उसका उपहास उड़ाते हुए मार्ग से हटने को कहा , परन्तु वह व्यक्ति निडर होकर खड़ा रहा। उस व्यक्ति ने उनमे से एक लूटरे को सीने से स्पर्श किया परन्तु फिर जो हुआ वह देख बस में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए।
वह लूटेरा व्यक्ति के स्पर्श मात्र से जमीन पर गिर गया और उसके हाथ पैर अकड़ गए यह देख दूसरा लूटेरा बहुत डर गया , और सारा सामान छोड़ कर वहाँ से भाग खड़ा हुआ।
अन्जा व्यक्ति ने ड्राइवर को उठा कर पानी पिलाया और बस में बिठाया और पुछा की क्या हुआ आप यहाँ क्या कर रहे है , ड्राइवर ने उत्तर दिया की हमारी बस का टायर पंचर हो गया है और हमारे पास दूसरा टायर भी नहीं है , इस पर अनजान व्यक्ति ने उत्तर दिया की आप यही इंतज़ार करे में किसी को सहायता के लिए लेकर आता हूँ ।
किसी को समज नहीं आया की इस सुनसान जंगल के बीच यह व्यक्ति किसी को कैसे बुला कर लाएगा , सभी बस के अंदर बैठ उस व्यक्ति का इंतज़ार करने लगे , और किसी को पता ही नहीं चला की कैसे सभी की आँख लग गयी। कुछ 30 मिनिट के बाद अंकित की आँख खुली , उसने बस से नीचे उतर कर उस व्यक्ति को ढूंढ़ने का प्रयास किया परन्तु उसे वहाँ कोई नज़र नहीं आया। तभी उसकी नज़र बस के टायर पर पड़ी जो की पंचर था परन्तु वह अब ठीक हो चुका था। यह देख अंकित आश्चर्य मे पड़ गया।
अंकित ने भाग कर ड्राइवर को नीचे बुला कर पुछा की यह टायर कैसे ठीक हो गया , ड्राइवर को भी इसकी कोई जानकारी ना थी। धीरे धीरे सभी बस से नीचे उतर कर आये किसी को यह समाज नहीं आ रहा था की ऐसे भयानक अँधेरे और सुनसान जंगल में वह व्यक्ति कहाँ से आया और वह कौन था , साथ ही बस का पंचर भी कैसे ठीक हो गया , तब अंकित को ज्ञात हुआ की वह व्यक्ति कोई साधारण नहीं था , वह स्वयं महादेव थे जिनसे अंकित ने मदद की गुहार लगायी थी। सभी ने हर हर महादेव का जयकारा लगाया और केदारनाथ की ओर निकल गए।
सभी ने महादेव के दर्शन पूरी आस्था भाव से किये ओर उनकी रक्षा करने के लिए धन्यवाद भी किया , बाद में जब घर पहुंच कर अंकित या उसके मित्रो ने जिसको भी इस घटना के बारे में बताया वह सभी स्तब्ध रह गए। अंकित का भी विश्वास महादेव के प्रति ओर दृढ हो गया।