यह घटना ग्रेटर नोएडा के सूरजपूर की है। जहां संदीप नाम का एक व्यक्ति अपने दूध की डेयरी चलता था। शिवजी भगवान की उस पर असीम कृपा थी। वह शिवजी भगवान को पूरे दिल से मानता था व उनकी रोज़ाना पूजा करता था। इसी के साथ वह हर सोमवार व्रत करता था। वहीं, पावन समय सावन में सुबह 4 बजे मंदिर जाकर पूजा करता व पूरा दिन मंदिर में बितता था। शिवजी के प्रति उसकी भक्ति निस्वार्थ थी। वह कभी भी कुछ नहीं मांगता था और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना करता था। पिछले साल 2020 में कोरोनाकाल के समय हालतत बद से बदत्तर हो गए थे। लोगों के बीच हाहाकार मच गया था। इस बीमारी ने हर किसी बुरी तरह से डरा दिया। जिसके चलते कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उसी समय अचानक पता चला कि, संदीप कोरोना पॉजीटिव है। ऐसे में संदीप ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया, लेकिन उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी। जिसके चलते उसको अस्पताल में भर्ती किया गया। 2 दिन एडमिट रहने के बाद अचानक फिर से संदीप की हालत खराब हो गई। उसको सांस लेने में दिक्कत आने लगी।
यही वह समय था जब पूरे देश में ऑक्सीजन की टूट पड़ रही थी। मरीज़ को बचाने के लिए उनके घरवाले दर-दर भटकने लगे। यह समय वाकई मश्किलों भरा था। इस समय हर कोई परेशान इंसान की मदद में जुटा हुआ था। ऐसे में लंबी-लंबी लाईनों में लगने के बावजूद भी ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज़ों तक नहीं पहुंच रहे थे। ऐसे में संदीप की हालत ज्यादा खराब हो गई। कही से भी सिलेंडर का इंतजाम नहीं हो रहा था। फिर संदीप की मां ने अस्पताल में ही शिवजी भगवान की मूर्ति के प्रार्थना की और बोला कि, हे शिवजी भगवान मेरे बेटे ने हर समय तेरा नाम जपा है तूने उसकी मदद किसी ना किसी तरह से की। आज जब वो जिंदगी मौत के बीच जूझझ रहा है तू क्यों नहीं उसकी मदद कर रहा। काफी देर तक भगवान के सामने रोने के बाद अचानक कही से एक शख्स आया और बोला कि, आंटी मैं संदीप का दोस्त हूं। यह गैस सिलेंडर है इससे संदीप की जान बच जाएगी।
उस समय संदीप की मां को कुछ नहीं सूझा तुरंत उन्होंने डॉक्टर को बुलाया और संदीप तक यह गैस सिलेंडर पहुंचाया। इस तरह संदीप की जान बच गई। डॉक्टर ने कहा, यदि आप सही समय पर ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं करती तो आज संदीप हमारे बीच नहीं होता। अब संदीप की हालत में सुधार होने लगा। 14 दिन अस्पताल में क्वांरटीन रहने के बाद संदीप अपने घर वापिस आ गया। फिर संदीप की मां ने कहा कि, बेटा तुम्हारे दोस्त की वजह से आज तुम्हारी जान बची है, उसका शु्क्रिया जरूर करना। संदीप ने पूछा मां कौन सा दोस्त, मां ने कहा जब तुम जिंदगी मौत से लड़ रहे थे तुम्हारा एक दोस्त यह सिलेंडर लेकर आया था और उसने तुम्हारी जान बचाई, यदि वह सही समय पर सिलेंडर नहीं लाता तो आज पता नहीं क्या हो जाता।
यह सुनकर संदीप को हैरानी हुई उसके सारे दोस्त को परिवार वाले जानते हैं, लेकिन यह कौन सा दोस्त है जिसको ना तो घरवाले जानते हैं और ना ही वह जानता है। ठीक होने के बाद एक दिन जब संदीप शिव मंदिर में आंखें बंद करके पूजा कर रहा था तो एक शख्स वहां आया और बोला बेटा अब तुम कैसे हो, सिलेंडर सही समय पर पहुंच गया था। यह सुनकर संदीप को हैरानी हुई। जैसे ही संदीप ने अपनी आंखें खोली तो वहां कोई मौजूद नहीं था। यह बात संदीप ने अपनी मां को बताई। फिर मां ने कहा कि, बेटा लगता है कि, यह शिव की महिमा थी, जिन्होंने तु्म्हें मौत के मुंह से बाहर निकाला। यह सुनकर संदीप काफी प्रसन्न हुआ और मन ही मन मुस्कुराने लगा। साथ ही शिवजी भगवान का दिल से धन्यवाद करने लगा।