र्महाराष्ट्र केपुणेशहर र्मेंगणेश जी का ऐसा चर्मत्कार जजसेदेख सब हैरान रह गये। पुणेर्मेंएक दंपती रहा करतेतो
सुधा और गंगारार्म । सुधा गणेश जी की असीर्म भक्त थी एवंगंगारार्म नाजततक प्रवतृत का व्यजक्त था एवंअपनी
पत्नी को भी पूजा पाठ करनेसेरोका करता था । परन्तुसुधा उसकी एक ना सुना करती उसकी आतथा गणेश जी प्रतत
सच्ची एवंप्रबल थी। गणेश चतुथी का सर्मय आया और गंगारार्म को पता चला कक पास र्मेंही लोगो नेगणेश की
तथापना करी हैव उन लोगो को पुजारी की तलाश हैतो वह वहांपुजारी का भेष बना कर पहुंच गया । वहााँकेलोगो को
खुद को गणेश जी का असीर्म भक्त बता कर वहााँपुजारी का काययकरनेलगा। झूठ बोल कर लोगो केसाथ घुलमर्मल
गया एवंकुछ बडा करनेकी रणनीतत बनानेलगा परतुकोई नहींजानता था कक येभोला भाला ददखनेवाला गंगारार्म
कुछ गलत भी कर सकता है। वह लोगों केसाथ मर्मलकर उस पूजा पाठ ककया करता। र्मंडप र्मेंश्रद्धालुओंकी सदा ही
भीड़ लगी रहती एवंचढावा भी बहुत आया करता था । धीरे-धीरेददन गुजरतेगए एवंगणेश ववसजयन का सर्मय आ
गया। सभी श्रद्धालुव वहांके लोग गणेश ववसजयन केमलए तनकल गये वहांउन लोगों केजानेकेबाद गंगारार्म पीछे
सेपहुंचा और व दानपात्र सेसारेपैसेतनकाल कर वहांसेभाग गयासभी लोग जब वापस र्मंडप र्मेंपहुंचेतो उन्होंनेदेखा
कक वहांदानपात्र बबल्कुल खाली था। तब वह सब सर्मझ गए कक गंगारार्म कोई पुजारी नही था वह र्मात्र बहरूवपया था
जो मसर्य हर्मेंलूटनेकेर्मकसद सेयहांआया था। वहांसेसभी लोग पुमलस थानेकेमलए तनकल गए गंगारार्म की ररपोटय
दजयकरानेतभी उन लोगों केपास सुधा का र्ोन आया। सुधा नेकहा कक आपकेपैसेर्मेरेपास है। आप आइए और पैसे
लेजाइए वह सभी लोग खुदा केपास पहुंचेऔर उनको सुधा नेउनको उनकेपैसेदेददए। लोगों नेसुधा सेपूछा कक
गंगारार्म कहांहैतब सुधा नेसब को बताया कक जब वेपैसेलेकर घर आ रहेथेतब उनका एक्सीडेंट कार सेहो गया।
जजसकेकारण उन्हेंबहुत गंभीर रुप सेचोटेंआई हैंऔर वह अतपताल र्मेंभती हैं। सभी लोग सुधा के साथ उसेदेखने
हॉजतपटल पहुंचे। लोगों नेचोरी करनेके कारण गंगारार्म को बहुत खरी-खोटी सुनाई उस पर गंगारार्म बोला कक र्मुझे
एहसास हैकक जब तक र्मैंगणेश की पूजा अचयना चाहेसच्चेर्मन सेनहींकर रहा था, परंतुर्मेरेसाथ सब कुछ अच्छा हो
रहा था। जब र्मैंनेगलत करनेका प्रयास ककया तो र्मेरी यह दशा हो गई और र्मुझेववश्वास हैकक यह सब गणेश जी नहीं
र्मेरेको सबक मसखानेकेमलए ककया है। सभी लोगों नेगंगा रार्म को र्मार् कर ददया और गंगारार्म एक सादा जीवन
व्यतीत करनेलगा। साथ ही का गणेश जी की भजक्त र्मेंभी लग गया। इस प्रकार गणेश जी नेअपनेचोरी करनेवाले
भक्त को सजा देकर सही र्मागयददखाया ।
Previous ArticleMithun tula rashi-मिथुन व तुला राशि के विवाह संयोग
Next Article भीम में कितना बल था