Close Menu
Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    0 Shopping Cart
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    0 Shopping Cart
    Home » क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत
    Uncategorized

    क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJuly 27, 2023Updated:July 27, 2023
    Share
    Facebook WhatsApp

    चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अटूट प्रेम की याद दिलाती है। कहते हैं कि एक बार नंदलाल काफी बीमार पड़ गए। कोई दवा या जड़ी-बूटी उन पर बेअसर साबित हो रही थी। तभी श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गोपियों से एक ऐसा उपाय करने को कहा जिसे सुन गोपियां दुविधा में पड़ गईं।

    दरअसल श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त या फिर जो उनसे अति प्रेम करता है तथा उनकी चिंता करता है यदि उसके पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को वे ग्रहण कर लें तो वे निश्चित ही ठीक हो जाएंगे। लेकिन दूसरी ओर गोपियां और भी चिंता में पड़ गईं। श्रीकृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, वे सभी उनकी परम भक्त थीं लेकिन उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता सता रही थी।

    उनके मन में बार-बार यह आ रहा था कि यदि उनमें से किसी एक गोपी ने अपने पांव के इस्तेमाल से चरणामृत बना लिया और कृष्णजी को पीने के लिए दिया तो वह परम भक्त का कार्य तो कर देगी। परन्तु किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उसे नर्क भोगना पड़ेगा। अब सभी गोपियां व्याकुल होकर श्रीकृष्ण की ओर ताक रहीं थी और किसी अन्य उपाय के बारे में सोच ही रहीं थी कि वहां कृष्ण की प्रिय राधा आ गईं। अपने कृष्ण को इस हालत में देख के राधा के तो जैसे प्राण ही निकल गए हों।

    जब गोपियों ने कृष्ण द्वारा बताया गया उपाय राधा को बताया तो राधा ने एक क्षण भी व्यर्थ करना उचित ना समझा और जल्द ही स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी। राधा जानतीं थी कि वे क्या कर रही हैं। जो बात अन्य गोपियों के लिए भय का कारण थी ठीक वही भय राधा को भी मन में था लेकिन कृष्ण को वापस स्वस्थ करने के लिए वह नर्क में चले जाने को भी तैयार थीं।

    आखिरकार कान्हा ने चरणामृत ग्रहण किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए। क्योंकि वह राधा ही थीं जिनके प्यार एवं सच्ची निष्ठा से कृष्णजी तुरंत स्वस्थ हो गए। अपने कृष्ण को निरोग देखने के लिए राधाजी ने एक बार भी स्वयं के भविष्य की चिंता ना की और वही किया जो उनका धर्म था।

    Share. Facebook WhatsApp
    Previous Articleक्या है गणेश जी के शरीर का रंग
    Next Article २०१३ मैं आयी केदारनाथ की प्रलय मैं कैसे एक डमरूनुमा भीमशिला ने की जोय्तिर्लिंग व शिव भक्तो की रक्षा।

    Related Posts

    1xslots зеркало рабочее

    ggpokerok скачать клиент

    Промокоды Казино 1xslots На Сегодня Апрель 2025: Получи Бонусы Без Депозита, Лучшие Фриспины

    Leave A Reply Cancel Reply

    Special for You

    1xslots зеркало рабочее

    Uncategorized June 2, 2025

    В случае возникновения проблем со входом или других вопросов служба технической поддержки 1xslots всегда готова…

    casino 1xslots

    June 2, 2025

    1xslots официальный сайт, скачать

    June 2, 2025

    Покердом: Официальный Сайт Онлайн Казино Poker-dom

    June 2, 2025
    Recent
    • 1xslots зеркало рабочее
    • casino 1xslots
    • 1xslots официальный сайт, скачать
    • Покердом: Официальный Сайт Онлайн Казино Poker-dom
    • 1xslots casino вход

    Mahashivratri 2024 Date : जानें- तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Festival March 4, 2024

    महाशिवरात्रि | Mahashivratri  महाशिवरात्रि सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान शिव…

    Hanuman Jayanti 2024 में कब है? जानिए तारीख, पूजा का समय और जरूरी बातें

    Festival February 27, 2024

    हनुमान जयंती | Hanuman Jayanti हनुमान जयंती सनातन धर्म का प्रमुख उत्सव है जिसे हनुमान…

    Recent Posts
    • 1xslots зеркало рабочее
    • casino 1xslots
    • 1xslots официальный сайт, скачать
    • Покердом: Официальный Сайт Онлайн Казино Poker-dom
    • 1xslots casino вход
    Sale is Live
    Oversized t-shirt
    Top Product
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    Imp Links
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    © 2022-23 Prabhubhakti Private Limited

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.