राजस्थान के एक छोटे से गांव की यह घटना हमें समीर राजपूत ने बताई। उन्होंने बताया कि, इस समय में भी इच्छाधारी नागिन होती है। हम लोगों ने फिल्मों और पुस्तकों में ही इच्छाधारी नागिन की कहानियां पढ़ी है, लेकिन ऐसा असल जिंदगी में भी हो सकता है। इस बात पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। दरअसल, यह इच्छाधारी नागिन अपनी झलक दिखाने के लिए कुछ समय तक के लिए ही आती है। जी हां, यह नागिन किस्मत वालों को दिखती है यदि किसी ने इस इच्छाधारी नागिन को देख लिया और अपनी मनोकामना मांग ली तो आपको इच्छा कम समय में ही पूर्ण होती है। ऐसा क्यों होता है, इसके पीछे क्या राज़ है। इन सब बातों की जानकारी यहां के स्थानीय बुजुर्गा और पुजारियों ने बताई है। पुजारी के मुताबिक, कई सालों पहले यहां पर एक साधु हिमालय से इस इच्छाधारी नागिन को लाया था। यह नागिन किसी मकसद से उन पहाड़ों में घूम रही थी, लेकिन यह साधु उसको अपनी इच्छा पूर्ण करने के लिए उपयोग करने वाला था। ऐसे में स्थानीय लोगों ने उस साधु को कई बार इच्छाधारी नागिन को सामने बैठकर पूजा करते पकड़ा। यह देखकर लोगों को लगा कि, वह कुछ गलत मकसद से यहां पूजा-पाठ कर रहा है। तभी लोगों ने उसे पत्थर मार-मारकर साधु वहां से भाग दिया, लेकिन नागिन भी इस हमले में उनका शिकार हो गई। जख्मी नागिन के लिए लोग कुछ कर पाते उससे पहले उसने महादेव के मंदिर में दम तोड़ दिया। लोगों ने आज भी उस नागिन का शरीर मंदिर के अंदर ही दफन कर दिया। ऐसा मंदिर के पुजारी के कहने पर किया गया। जबसे लेकर आजतक वह नागिन महादेव की पूजा अर्चना करती है, किस्मत वालों को दिखती भी है, उस समय यदि कोई अपनी अधूरी इच्छाओं को मांगता है तो वह पूर्ण होती है। बताते है कि, महादेव का उस इच्छाधारी नागिन से बेहद लगाव है। महादेव ने इच्छाधारी नागिन को अपनी भक्त के रुप में स्वीकारा है। नाग पंचमी की रात उस मंदिर में से रोने की आवाज़ आती है, लेकिन अगली ही सुबह सबकुछ ठीक हो जाता है। यह महादेव का कैसे चमत्कार है इसका रहस्य कोई नहीं जान पाया। समीर ने बताया कि, उनकी 8 साल की बच्ची हर रोज़ महादेव के मंदिर जाती है और 1-2 घंटा वहीं खेलती है। एक बार उसको वहीं के किसी नाग ने डंस लिया। जबतक हम मंदिर पहुंचे तब तक मेरी बेटी की हालत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद मैंने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन मेरी मां महादेव के मंदिर में बैठी रही और रो-रोकर महादेव से विनती करने लगी कि, हे प्रभू मेरी फूल-सी बच्ची के साथ तूने अपने दरबार में क्या कर दिया। अगर उसे कुछ हो गया तो मैं भी यही खत्म हो जाऊंगी। मेरी उम्र मेरी पोती को दे दे। काफी देर तक महादेव की शरण में गिड़गिड़ाने के बाद वह इच्छाधारी नागिन मेरी मां को नज़र आई और मेरी मां ने उससे अपनी पोती के जीवन दान की भीख मांगी। मेरी बेटी की सलामती की विनती करके जैसी ही मेरी मां ने आंख खोली तो वह इच्छाधारी नागिन किसी इंसानी औरत के रूप में मंदिर के पीछे चली गई। यह एक भयानक सपने के रूप में मेरी मां को लग रहा था, लेकिन जब उन्होंने पूरा मंदिर छाना तो मंदिर के पुजारी ने बताया कि, डरने की बात नहीं है वह इस मंदिर की रखवाली करती है व लोगों की इच्छा को पूर्ण करती है। इतने में ही मैंने अपनी मां को मेरी बेटी के ठीक होने की खबर दी। यह सुनकर मेरी मां फूले नही समाई और उस इच्छाधारी नागिन का तह दिल से धन्यवाद किया। जबसे और आजतक मेरी मां उस नागिन की झलक पाने के लिए रोज़ाना महादेव के मंदिर जाती है। यह किस्सा तो मेरे परिवार का है, लेकिन गांव के कई लोगों ने उस इच्छाधारी नागिन को देखा है व इच्छा पूर्ण होने का दावा किया है। लोगों की मानें तो, वह इच्छाधारी नागिन लोगों का उद्दार करने गांव में आई है। भले ही लोगों ने उसके साथ अच्छा नहीं किया, लेकिन वह सभी के दुखों को हरती है।
Previous Articleमां दुर्गा ने ससुराल वालों को सिखाया सबक, पहली बार किसी ने देखी मां दुर्गा की शेर पर सवारी
Next Article यहां वर्जित है हनुमान जी की पूजा