महादेव की भक्ति देश नहीं विदेशों में भी की जाती है। इसका पुख्ता सबूत हमें जापान के एक जंगल में मिला है जहां पर एक रहस्यमय गुफा है।यह गुफा काफी गहरी और खतरनाक है। जिसके अंदर एक बंद दरवाज़ा है जिसमें शिवजी भगवान ने खुद को कैद कर रखा है। जी हां, यह सुनने में आपको काफी हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है कि, महादेव स्वयं रूप में इस गुफा में बंद है। जिसकी जानकारी खुद जापान की पुरात्व विभाग ने जापानी सरकार को दी है। अब इस जानकारी को भारत के साथ साझा किया गया है कि, उनके महादेव आज भी एक दरवाजे के पीछे बने मंदिर में कैद हैं। इतना ही नहीं, जापानी सरकार ने इस बंद दरवाजें को खोलने के लिए काफी मशक्कत की है।
जापान के स्थानीय लोग बताते हैं कि, यहां पर पुरात्तव विभाग ने आकर पहाड़ी इलाके की जांच पड़ताल की थी, क्योंकि यहां पर सरकार स्थानीय लोगों का जीवन आसान करने के लिए विकास की योजना बना रही है। जिसके लिए सबसे पहले यहां पर सरकार ने पुरात्तव विभाग को भेजा। पुरात्तव विभाग ने इस पहाड़ की पड़ताल करनी शुरु कर दी। जिस दौरान उन्हें एक काफी सालों पुरानी गुफा मिली। जिसके आगे एक नाग बैठा था। जिसको देखकर वह हैरान रह गये। जैसे-जैसे विभाग के अधिकारी उस नाग की तरफ बढ़ रहे थे वैसे-वैसे वह पीछे होता जा रहा था। इसी तरह चलते-चलते वह कब गुफा की गहराई में पहुंच गए किसी को पता नहीं चला। जैसे ही वह रहस्यमय दरवाज़ा उनके सामने आया वैसे ही वह रूक गए और काफी देर तक उस दरवाज़े की पड़ताल करने लगे। किसी गुफा में दरवाज़े का होना और वो भी इतनी गहराई में जाकर जहां पर देख पाना भी मुश्किल हो रहा था। वहां पर रहस्यमय दरवाज़े का होना एक आर्श्चचकित बात है। गुफा की जांच करते हुए पुरात्तव विभाग के अधिकारी अपनी ट्रॉर्च के जरिए आगे बढ़ते जा रहे थे, लेकिन बिना किसी रोशनी के इस गुफा में घुस पाना काफी मुश्किल है।
पुरात्तव विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, सबसे पहले उस सांप का बाहर दिखना और फिर धीरे-धीरे गायब हो जाना हमेंं हैरत में डाल रहा था। इसके अलावा हम भी उस सांप के साथ-साथ क्यों चलने लगे हम खुद नहीं जानते। हम उस समय अपना मानसिक संतुलन खो चुके थे और बस सांप के पीछे – पीछे चलने लगे। जब वह दरवाज़ा सामने आया तो हमारे एक साथी को होश आया और उसने सभी को रोका, कहा कि, आगे तो रास्ते नहीं है हम सब एक रहस्यमय दरवाज़े के पास आ गये। जिसके बाद शुरु हुआ दरवाज़े को खोलने का काम। काफी मशक्कत के बावजूद भी यह दरवाज़ा खुलने का नाम नहीं ले रहा था। जिसके बाद फिर से वह सांप अधिकारियों को बंद दरवाज़े पर नज़र आया। यह सब देखकर पुरात्तव अधिकारी वहां से जान बचाकर भागने लगे। इसके बाद काफी सालों तक उस दरवाज़े को खोलने का काम चल रहा था, लेकिन हर कोई उस दरवाज़े को खोलने में नाकाम हो रहा। इसके बाद भारतीय पुरात्तव के अधिकारी ने वहां पर महादेव के होने की आंशका जाताई। जिसके बाद भारतीय पुरात्तव के अधिकारी जापान गये और पंडित के कहने पर वहां पंचअमृत छिड़ककर दरवाज़ा खोलने की कोशिश की, लेकिन कोशिशें नाकाम रही। फिर कुछ साल बाद उस बंद दरवाज़े के सामने पंडितों ने पूजा-पाठ हवन वगैरह किया। उसके बाद इस दरवाज़े को खोला गया। यह चमत्कार देखकर जापानी पुरात्तव अधिकारियों के पसीने छूटने लगे और वह सहमे हुए गुफा के अंदर गये।
जैसे ही यह दरवाज़ा खुला तो पुरात्तव विभाग ने पाया कि, वहां पर एक शिवलिंग है, जिसके ऊपर शेषनाग का वास है। वह शेषनाग इतना ज़हरीला और खतरनाक लग रहा था कि, विभाग के कुछ अधिकारी यह सब देखकर डरकर भाग गये। कुछ अधिकारी वहां पर रहकर उस स्थिति का जायजा लेने लगे। इतना ही नहीं, वहां पर करीबन 100 से ज्यादा नाग शिवलिंग की भक्ति करते नज़र आ रहे थे। वह शिवलिगं की तरफ देखते हुए फन उठाकर पूजा कर रहे थे। हमने थोड़ा पास जाने की कोशिश की, लेकिन सांपों का झुंड वहां से हट नहीं रहा था। काफी मशक्कत के बावजूद भी सांप टस से मस नहीं हो रहे थे। यह नज़ारा वाकई अद्भूत था। महादेव को मानने वाले भक्त यदि इस नज़ारे को अपनी आंखों से देखते तो उनका महादेव के प्रति आस्था और विश्वसा भाव अधिक बढ़ जाता। बताते हैं कि, उन सांपों और शिवलिंग को वहां से हटाकर कही और मंदिर में रखने की कोशिश सालों से चल रही थी, लेकिन आज वह शिवलिंग, सांपों का झुंड और शेषनाग कहां चले गये यह राज़ किसी को नहीं पता।
महादेव के भक्तजनों का कहना है कि, यह महादेव की नाराज़गी है जिसकी वजह से वह वहां से खुद चले गये। उनको वहां से हटाने का फैसला जापानी सरकार का उन्हें मंजूूर नहीं था, इसलिए वह खुद वहां से चले गये। कहते हैं कि, जिन पुरात्तव विभाग के लोगों को यह काम दिया गया था, वो लोग भी शिवलिंग की तरह कुछ ही दिन में लापाता हो गये थे। वह कहां है कहां नहीं परिवार वालों को भी नहीं पता। इसे चमत्कार समझे या फिर महादेव की नाराज़गी कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल होगा, इसलिए भगवानों के साथ छेड़छाड़ करने से पहले आप उनकी मंजूरी को जरूर जान लें ताकि आपके साथ भविष्य में कुछ ऐसा ना हो जिसके बारे में पता लगाना मुश्किल हो जाए।