यह सच्ची घटना एक फुटपाथ पर रहने वाले सोमनाथ की है जो गरीब तो है, लेकिन भगवान की कृपा उस पर अधिक है। पैसों से वंचित रहने वाले सोमनाथ छोटा-मोटा रोज़गार करके अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चला रहा था और फुटपाथ तो उसका घर था। वह अकेला फुटपाथ पर रहता था, लेकिन वह भगवानों पर विश्वास करता था। वह इतना गरीब था कि, कुछ लोग तो उसको गलत नज़र से देखते है और कुछ लोग बेचारे जैसी भावना उसके प्रति रखते थे। उसको दोनों ही पसंद भावनाएं खुद को लेकर पसंद नहीं थी। गरीब होने की वजह से कुछ लोगों को लगता था कि, यह चोरी-चकारी करता होगा तो कुछ इसकी गरीबी के प्रति सहानुभूति दिखाते है। जो सोमनाथ को बिल्कुल पसंद नहीं था, क्योंकि उसका मानना था कि, वह काम कर खा रहा है बस उसके पास रहने को छत नहीं है तो क्या हुआ। वह शिवजी भगवान को मानता था और रोज़ उनकी पूजा करता था। वह मंदिर में जाता था तो उसकी गरीबी की वजह से उसे मंदिर के पुजारी गलत व्यवहार करते थे और कभी-कभी उसे भागा भी देते थे। जिसका उसे बहुत बुरा लगा, एक दिन वह सोमनाथ ने सोचा कि, मैं मंदिर नहीं जा सकता तो क्या हुआ मंदिर अपने यहां तो बना सकता हूं। उसने मिट्टी के शिवलिंग बनाए और शिव परिवार बनाया और यह देखकर मंदिर के पुजारी उससे जलने लगे और कहा कि, तू यहां मंदिर बना रहा है यह पाप है भगवान यहां वास नहीं करेगें। सोमनाथ ने कहा आप लोगों ने मुझे भगवान के पास जाने से मना किया, इसलिए मैं भगवान को ही अपने पास ले आया। यह सुनकर दोनों पुजारी गुस्से में वहां से चले गये। फिर एक दिन रात के समय जब सोमनाथ थककर फुटपाथ पर सो रहा था। अचानक रात में बारिश आई और वह एक कोने में सिकुड़ का खड़ा हो गया यह देखकर एक बड़ी पोस्ट के अफसर ने कहा कि, तुम चाहो तो हमारे यहां के पार्क में एक झोपड़ी बनाकर रह सकते हो। यह सुनकर सोमनाथ को अच्छा लगा और उसने परमिशन लेकर पास के पार्क में अपनी झोपड़ी बना ली। इसके बाद धीरे-धीरे सोमनाथ के दिन बदलने लगे। झोपड़ी से सोमनाथ किराए के मकान में आया और किराए के मकान से अपना घर बना लिया। आज सोमनाथ का परिवार है और वह सुखमय जीवन जी रहे हैं। जहां सोमनाथ की झोपड़ी थी वहां उसने शिवजी भगवान का मंदिर बनवाया और अपनी मिट्टी के शिव परिवार को अपने हाथों से वहां स्थापित किया। आज भी लोग वहां जाकर मन्नत मांगते हैं कहते हैं कि, वहां सबकी मुराद पुरी होती है। भले ही सोमनाथ इस दुनिया में ना हो, लेकिन लोग उनके इस संघर्ष से उन्हें जानते हैं। यह मंदिर इतना शक्तिशाली है यहां पर हर किसी को मनोकमाना पूर्ण होती है। जिन पुजारी ने सोमनाथ को उस मंदिर से भागा दिया था वह सोमनाथ के मंदिर में बतौर पुजारी के रुप में कई साल रहे व शिवजी की पूजा की।
शिवजी ने फुटपाथ पर रहने वाले व्यक्ति की चमकाई किस्मत, रातों-रात बना दिया आमिर
By Prabhu BhaktiUpdated: