जीवन में हम रिश्ते नाते चुन नहीं सकते नियति हमें जो देती है हमें वह स्वीकार करना पड़ता है , परन्तु नियति के बाद भी हम कुछ रिश्ते चुन सकते है जिनमे से एक है प्रेम।
प्रेम सम्बन्ध यदि उचित व्यक्ति से हो तो जीवन की राह आसान हो जाती है , बड़ी से बड़ी परेशानियाँ छोटी लगने लगती है। परन्तु यदि उचित साथी न मिले तो और अगर उचित साथी होने के बाद भी सम्बद्ध में परेशानिया और विवाद बढ़ते ही जा रहे हो तो क्या किया जाये , और हमारी राशि का हमारे प्रेम सम्बन्ध पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है।
तो आइये जानते है की तुला राशि व मिथुन राशि के जातको की अनुकूलता , प्रेम सम्बन्ध के लाभ और हानि और क्या है विवाह संयोग इन सभी बातों को विस्तार से आपको बताएंगे।
मिथुन व तुला राशि के जातको के बीच अनुकूलता
यदि ऐसा कहा जाए की तुला और मिथुन के प्रेम संबंध एक – दूसरे के लिए ही बने हैं, तो भी गलत नहीं होगा। हालांकि इनके संबंध में विश्वास और प्रेम धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन एक बार पूर्ण विश्वास कायम होने के बाद इनके प्रेम संबंध को तोड़ा नहीं जा सकता।
तुला के स्वामी शुक्र है, जो महिला शक्ति प्रदान करते हैं, वहीं मिथुन के स्वामी बुध नर शक्ति का संचार करते हैं। इनके बीच तैयार हुआ कोई भी रिश्ता लंबे समय तक टिका रहता है।
मिथुन और तुला की प्रेममय जीवन तालमेल, अनुकूलता और विश्वास से भरी होती हैं, उन्हे साथ में देखना बेहद खास और आकर्षक होता है।
तुला और मिथुन संबंधों के फायदे
तुला और मिथुन राशि के लोगों में गहरा स्नेह हो सकता है। अपने स्वभाव के अनुसार दोनों एक-दूसरे से अपने दिल की बात आसानी से साझा कर सकते हैं। इनके रिश्ते में सदैव प्रेम बना रहता है।
तुला और मिथुन की जोड़ी सहज, मजेदार और लंबे समय के संबंध हो सकते हैं। इनकी जोड़ी यह साबित करती है कि एक पूर्णतावादी और संप्रेषक के संबंधों तौर पर देखा जा सकता है।
तुला -मिथुन संबंधों के नुकसान
कोई भी संबंध कभी भी एक समान और एक गति से आगे नहीं बढ़ता, रिश्तों में अनुकूलता के साथ साथ प्रतिकूलता भी देखने को मिलती है।
तुला और मिथुन दोनों ही अपने मतभेदों को एक-दूसरे के सामने नहीं लाते हैं, ऐसा करने से कई बार स्थिति हाथ से निकलने की भी संभावना होती है।
तुला और मिथुन रिश्तों की जटिलताओं का सामना करने की बजाय उनसे बचने का प्रयास करते हैं।
तुला -मिथुन की विवाह अनुकूलता
एक सफल वैवाहिक रिश्ते की नींव आपसी समझ और तालमेल पर आधारित होती है। मिथुन और तुला राशियां अपने स्वभाव के अनुसार काफी हद तक एक-दूसरे के अनुकूल होती है।
तुला और मिथुन राशि के साथी दुनिया भर में घूमते हैं और सभी प्रकार के अनुभव लेना पसंद करते हैं। इस दौरान वे अपनी समझ और जिज्ञासा के आधार पर लगातार कुछ ना कुछ नया सीखते रहते हैं।
तुला और मिथुन की जोड़ी चीजों और परिस्थितियों को अलग-अलग तरह से देखने में सहायक होती है। इससे जीवन को लेकर उनका उत्साह और रुचिपूर्ण बना रहता है, जो इनके रिश्ते में भी साफ तौर पर देखने को मिलता है।
निष्कर्ष के तौर पर तुला और मिथुन के संबंधों का सबसे बेहतरीन पक्ष इनकी आपसी समझ, बौद्धिक और शारीरिक रूप से एक दूसरे को समझना और उस आधार पर एक दूसरे के लिए हमेशा तैयार रहना भी है। यह इनके रिश्ते में सदैव गर्मजोशी बनाए रखता है। इसी के साथ उनकी नयी-नयी चीजों को जानने की जिज्ञासा उन्हें एक दूसरे को बेहतर समझने में मदद करती है। परन्तु दोनों राशि के अत्यधिक क्रोध एवं वैचारिक मत भेदों के कारन कई बार यह सम्बन्ध बिगड़ने लगता है और विवाह मार्ग मैं भी अड़चने आती है।
आध्यात्मिक मार्ग से सभी संकट मत भेद और विवाह मैं आने वाली परेशानियों का हल निकला जा सकता है। यदि तुला राशि के जातक पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करके एवं मिथुन राशि के जातक इन्द्रशक्ति कवच धारण कर अपने प्रेम सम्बन्ध में आयी या आने वाली परेशानियों से छुटकारा पा सकते है।
साथ ही कोई विवाहित मिथुन व तुला राशि के जातक है जिन्हे वैवाहिक जीवन में प्रतिदिन तकलीफो या बढ़ती दूरियों का सामना करना पड़ रहा है या गृह कलेश बढ़ते ही चले जा रहे है तो वह अष्ट सिद्धि गणेश लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करके अपने वैवाहिक जीवन के संकटो से मुक्त हो सकते है जिसके बाद आपका जीवन और सम्बन्ध सुखमय व्यतीत होगा।
आप किस राशि के जातक है और की किस राशि के प्रेम सम्बन्ध और विवाह अनुकूलता के बारे में जानना चाहते है हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताये धन्यवाद।