हनुमान जी के लिए हम सब सदा से ही सुनते आ रहे है की हनुमान जी अमर है और आज भी हम सबके बीच है एवं अनेकों बार हनुमान जी के होने के किस्से व तथ्य हम सबके सामने आते रहे है , वो चाहे कभी अपने किसी भक्त की मदद करना हो या उनके चरण या गदा के निशाँ मिलना हो।
ऐसा ही ही एक किस्सा हुआ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम नाम के छोटे से गांव में। श्रीकाकुलम में बहुत प्राचीन हनुमान मंदिर था , जहाँ सदैव ही हनुमानजी के भक्तों की भीड़ लगी रहती है , प्रत्येक मंगलवार यहां भंडारा कराया जाता है साथ ही हर हनुमान जयंती पर यहाँ बहुत बड़ा मेला भी लगाया जाता है।
सभी गांव वालो के बीच हनुमान जी के मंदिर के प्रति गहरी आस्था थी , लोगो का मानना था की अगर मंदिर में कोई मन्नत मांगी जाये तो हनुमान जी उसे जरूर ही पूरा करते है। सारा गांव अपना जीवन सुखमय रूप से व्यतीत कर रहा था। कुछ दिनों बाद मोहनपुर मे सोहेल नाम का मुस्लिम व्यक्ति रहने आया वह मदिरा बेचा करता था और अपना मदिरा का काम बढ़ने के लिए ही वह श्रीकाकुलम आया था । वह आस पास के गांव में मदिरा का व्यापार पहले भी कर चुका था और हर जगह उसे बहुत फायदा हुआ था। लेकिन कुछ समय बाद जो हुआ उसे देख सभी की आँखे फटी रह गयी। परन्तु आगे बढ़ने से पहले आगे बढ़ने से पहले यदि आप हमारे चैनल पर नए है तो चैनल को सब्सक्राइब अवश्य कर दे और साथ ही नीचे दिए गए घंटी के बटन को दबाना ना भूले।
सोहेल ने श्रीकाकुलम गांव के बाज़ार के बीच में ही एक दुकान किराये से ली और वही अपनी मदिरा को बेचने लगा परन्तु गांव में ज्यादातर लोग हनुमान भक्त थे , और वह लोग इस प्रकार के व्यसन को पाप मन करते थे, जिसके कारण उसकी मदिरा ज्यादा बिक नहीं पाती थी। दिन गुज़रते चले गए उसकी मदिरा बिलकुल ना के बराबर बिका करती था , और वह महीने के आखिर तक इतनी भी मदिरा नहीं बेच पाया।
उसकी दुकान का किराया भी निकल पाए। इस बात से उसे बहुत क्रोध आया करता था उसने एक दिन सोचा की यह हनुमान मंदिर हैं जिसके कारन पूरे गांव का कोई भी व्यक्ति मेरी मदिरा नहीं खरीदता अगर यह मंदिर यहाँ से हट जाए तो मेरी मदिरा का काम सही चल जायेगा।
तभी उसके मन में ख्याल आया की यदि मैं इस मंदिर की मूर्ति को तोड़ दूँ तो गांव वाले किस की पूजा करेंगे। और मेरी मदिरा भी अच्छे से बिकेगी। धीरे धीरे उसने रणनीति बनाना शुरू किया और इस नतीजे पर आया की अगले दिन आधी रात में जब सारे गांव वाले अपने अपने घर में होंगे तब मैं गांव की बिजली के मुख्य तार काट दूंगा , और अँधेरे की आड़ मैं उस हनुमान मूर्ति का विनाश कर दूंगा।
रणनीति तैयार कर वह अगले दिन का इंतज़ार करता करता सो गया। पर उसने सोचा भी न था की इसका कितना घातक परिणाम हो सकता है। फिर अगले दिन आधी रात को अपनी रणनीति के अनुसार सारे गांव की बिजली काट कर मंदिर मैं एक बड़ी सी लोहे की छड़ लेकर मंदिर में जा पहुंचा। उसने मूर्ति पर चढ़ी हुई माला व श्रृंगार को हटाकर फेंका और जैसे ही प्रहार करने लगा तभी बहुत ज़ोर से बिजली कड़क उठी । जिससे वह थोड़ा डर तो गया परन्तु उसके इरादा अभी भी वही था।
सोहेल प्रहार करने लगा तभी हनुमान जी की मूर्ति के हाथ मे लगी गदा ज़मीन पर गिर पड़ी और ऐसा लगा जैसे कोई बहुत भयानक भूकंप आ गया हो सोहेल बहुत डर गया पर उसने अपना इरादा नहीं बदला। तभी हनुमान जी की मूर्ति से दिव्य तेज रुपी प्रकाश निकल कर सोहेल के ऊपर पड़ा जिसके कारण सोहेल मंदिर के बाहर जाकर गिरा , सोहेल समज गया यह कोई साधारण मूर्ति नहीं है वह मंदिर ही नहीं गांव छोड़ कर भाग खड़ा हुआ।
अगले दिन जब सभी गांव वाले मंदिर आये उन्होंने देखा हनुमान जी का श्रृंगार हटा हुआ है हाथ से गदा ज़मीन पर गिरा हुआ है तब उन सभी ने मंदिर परिसर में लगे कैमरे को जांचा तो उन्हें आसिफ मूर्ति को तोड़ने का प्रयास करते देखा परन्तु और कुछ उन्हें दिखाई नहीं दिया तब सब को समज आ गया की हनुमान जी ने स्वयं ही अपनी रक्षा की और उस दुष्ट को यहाँ से भगा दिया। सभी जय बजरंगबली के जयकारे लगाने लगे मंदिर व बजरंगबली की प्रतिमा को फिर से सजाया गया। इस किस्से के बाद आस पास की सभी गांव में मंदिर और बजरंगबली के चर्चे होने लगे। लोगो की आस्था भी और दृढ हो गयी।
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