प्रेम संसार में पायी जाने वाली चीज़ों में से एक सबसे सुन्दर चीज़ है। जहाँ कोई छोटा बड़ा नहीं होता ,किसी प्रकार का कोई रंगभेद नहीं होता मतभेद हो सकता है परन्तु मनभेद नहीं होता। प्रेम एक मात्र निस्वार्थ भावना है , जो दो मनुष्यों को एक दूजे की और आकर्षित करता है। तो आईये जानते है की आपकी राशि का आपके प्रेम सम्बन्ध पर क्या प्रभाव पड़ता है और आपके प्रेम सम्बद्ध में आने वाली परेशानियों को कैसे दूर किया जा सकता है।
जानते है की कैसा होगा तुला राशि व कन्या राशि के जातको का प्रेम सम्बन्ध :
अलग स्वभाव वाले कन्या और तुला के लिए एक दूसरे को समझना मुश्किल हो सकता है। कन्या – तुला की जोड़ी को रिलेशनशिप में भी कई बाधाओं और मुश्किलों को फेस करना पड़ता है। कन्या अपने घर के एकांत कोने में एंजॉय करता है और सामाजिक होना पसंद नहीं करता है। इसके विपरीत, तुला अलग-अलग लोगों से मिलना उनसे बातें करना पसंद करते हैं।
अलग स्वभाव वाले कन्या और तुला के लिए एक दूसरे को समझना मुश्किल हो सकता है। कन्या – तुला की जोड़ी को रिलेशनशिप में भी कई बाधाओं और मुश्किलों को फेस करना पड़ता है। कन्या अपने घर के एकांत कोने में एंजॉय करता है और सामाजिक होना पसंद नहीं करता है। इसके विपरीत, तुला अलग-अलग लोगों से मिलना उनसे बातें करना पसंद करते हैं।
कन्या और तुला क्रमशः बुध और शुक्र के प्रभाव में होते हैं, जो दोनों को असीम बुद्धिमत्ता और आकर्षण प्रदान करते हैं और वे दोनों खुद को एक सशक्त जोड़ी के रूप में पाते हैं।
कन्या – तुला संबंधों के फायदे
कन्या और तुला विवादित संसार से दूर रहने की कोशिश करते हैं। वे शांति और खुशहाली के साथ जीना पसंद करते हैं। कन्या और तुला दोनों ही मिलनसार स्वभाव, नम्रता और करुणा जैसे गुणों से भरे होते हैं। कभी कभी इनके रिश्तों में कुछ टेंशन भी देखने को मिलता है। कई बार तुला का मिलनसार स्वभाव कन्या को परेशान करता है, क्योंकि वे अपने करीबी लोगों के साथ रहना चाहते हैं।
कन्या और तुला दोनों ही प्रौढ़ सवभाव के होते हैं, जो एक दूसरे को अपने क्षेत्रों में बढ़ने में हेल्प करते हैं। कन्या और तुला एक साथ रहना और सुखद समय बिताना पसंद करते हैं।
कन्या और तुला दोनों ही प्रकृति से लगाव रखते हैं। दोनों साथ में घूमना, मनोहर बाग-बगीचे और वन विहार करना पसंद करते हैं।
कन्या – तुला संबंधों के नुकसान
कन्या और तुला जातकों के स्वभाव और व्यवहार की अनुकूलता का आकलन करने पर हम पाते हैं कि दोनों केंद्रित, गतिशील और कॅरियर के प्रति बेहद समर्पित होते हैं। बिजी शेड्यूल के कारण वे एक-दूसरे के साथ अधिक समय नहीं बिता पाते, जिससे इनके रिश्ते में कुछ तनाव की संभावना रहती है।
किसी भी रिश्ते को पनपने और फलने-फूलने के लिए संवाद की आवश्यकता होती है, लेकिन कन्या और तुला दोनों ही विवाद की स्थिति में एक दूसरे से सार्थक संवाद स्थापित करने में नाकाम होते हैं।
कन्या और तुला की जोड़ी के बीच अनुकूलता का स्तर सामान्य नहीं माना जा सकता, क्योंकि दोनों ही विपरीत विचार और दृष्टिकोण वाले हैं।
कन्या व तुला राशि के जातक प्रेम सम्बन्ध को सार्थक करने के लिया क्या उपाय करे
श्रावण माह दस्तक दे चुका है , श्रावण माह की विशेष्ता का वर्णन अनेक पुराणों और ग्रंथो में किया गया है। माँ सती ने इसी श्रावण माह में महादेव की आराधना और व्रत कर सदा के लिए भगवान् शिव को सदा के लिए अपने पति के रूप में प्राप्त किया था , साथ ही श्रावण माह में ही भगवान् शिव और माँ सती का विवाह हुआ था।
यदि तुला व कन्या राशि क जातक अपने घर में शिवलिंग कलश के स्थापना कर उनकी पूजा व अर्चना करे तो निश्चित ही प्रेम संबंध में आयी परेशानी व सम्बन्ध में आयी हुई अड़चने दूर हो जाएगी और विवाहित जोड़ो के बीच आये गृह कलेश भी समाप्त हो जायेंगे।