हेलो दोस्तों हमारे यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। आज हम आपको लक्ष्मी माता के अद्भूत चमत्कार से रूबरू करवाने जा रहे हैं। यह सच्ची घटना श्रीलंका के आदिवासी इलाके में घटित हुई है। यह बात तो आप जानते होंगे आज भी आदिवासी जंगलों के बीच रहना पसंद करते हैं। इस समुदाय के लोगों का रहन-सहन आम लोगों से अलग होता है, इसलिए यह खुद अलग ही कस्बे बसाते हैं। इन्हीं के समुदाय के कुछ लोग श्रीलंका के घने जंगल में रहते थे। वहां पर एक पेड़ ऐसा है जिसके पीछे से हमेशा अंधेरा होने पर रोशनी सी निकलती थी। इस कस्बे के कई लोगों ने उस रोशनी को देखा, लेकिन डर की वजह से किसी की हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि सुबह के समय वहां कुछ नज़र नहीं आता। यह सब कस्बे के लोग काफी समय तक देखते रहे। फिर वहां के लोगोंं ने एक दिन योजना बनाई कि सभी पुरुष इस पेड़ के पीछे की रोशनी का सच जानेगें। उसी रात को करीब 9 बजे वह रोशनी दिखने लगी सभी पुरुष ने पेड़ को घेरा लगाकर घेर लिया और उस जगह को खोदने लगे। 3 फीट तक खोदने के बाद उनके हाथों में लक्ष्मी जी की मूर्ति आई और उनके साथ कुछ जेवरात निकले। माता की मूर्ति और जेवरात में इ्तना तेज़ था कि, उनकी तरफ देखा नहीं जा रहा था। सभी ने सोचा कि, जेवरात सभी मिल बांटकर रख लेते हैं, लेकिन इस मूर्ति का क्या करें हम तो इनको मानते नहीं है। तभी उनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि, कल इसको किसी हिंदु को दे देंगे। यह कहकर लोगों ने वह मूर्ति वहीं रख दी और जेवरात ले गये। जैसे ही वो लोग अपने घर जाकर सोने लगे तो उन्हें बाहर माता की परछाई दिखने लगी ऐसा सभी पुरुषों के साथ हुआ सभी ने एक-दूसरे को यह बात बताई। अगले दिन जंगल से बाहर निकलकर मेन रोड़ पर एक औरत खड़ी थी हमने पूछा कि तुम हिंदु हो उसने कहा हां हूं।फिर सारी बात उस औरत को लोगों ने बताई तो उसने वह मूर्ति ले ली। उसी रात फिर सभी को वही औरत नज़र आने लगी जिसको उन्होंने मूर्ति दी। वह लोग अपने घर के बाहर आए और उस औरत से कहा हमने तुम्हें कहा था कि, यह मूर्ति हमें नहीं चाहिए। तभी उस औरत ने कहा कि, यह हिंदुओं की माता है इनकी इच्छा कि, यह इस पेड़ के पास स्थापित हो। यह इच्छा लड़की की सुनकर वह हैरान हो गए। वहां सभी मूर्ति स्थापित करने वाली बात पर राज़ी नहीं हुए। उसके बाद उस औरत ने कहा कि, यदि जो-जो तुम चाहते हो वैसा-वैसा होने लगे तो क्या तुम इस मूर्ति को यहां स्थापित होने दोगे। सभी इस बात पर सोचने लगे और चुप हो गए। उनमें से एक बुजुर्गा पुरुष ने कहा ठीक है यदि यह मूर्ति हमें फायदा देगी तो यह यहां स्थापित हो सकती है। तो उस औरत ने उस मंदिर को पेड़ के पास रख दिया और कहा कल सुबह आप यहां आकर अपनी-अपनी मुराद मांग सकते हो और माता रानी आपकी सभी इच्छा पूर्ण करेगी। यह सुनकर हर किसी के मन में लालच आने लगा। अगली सुबह जब सभी आदिवासियों को जमावड़ा लगने लगा तो उन्होंने एक बाद एक अपनी इच्छा रखी, लेकिन हुआ कुछ नहीं सभी ने उस लड़की की बातों को झूठा माना और मूर्ति को हटाने की कोशिश की, लेकिन वह मूर्ति किसी से भी नहीं हटी। लोगों ने पत्थर से उस मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की तब भी उस मूर्ति की चमक ज्यों-त्यों थी। पूरा दिन मशक्कत करने के बावजूद भी वह मूर्ति टस से मस नहीं हुई हारकर सभी आदिवासी अपने-अपने घर में चले गए। अगले दिन उनमें से एक पुरुष की इच्छा पूर्ण हुई कुछ देर बार और लोगों ने भी अपनी इच्छा पूरी होने की बात सभी को बताई। यह सब जानने के बाद लोगों को यकीन हो गया कि, यह माता हमारा हमेशा भला करेगी। यहां तक कि किसी को शरीरिक दिक्कत भी होती थी तो लोग उस मूर्ति के पास से मिट्टी उठाकर अपना तिलक कर लेते हैं व घर में वहां की मिट्टी को रखते हैं। धीरे-धीरे लोगों में लक्ष्मी माता को लेकर विश्वास जागृत हो गया और वह उन्हें भगवान की तरह पूजने लगे। यह तो आप भी जानते होंगे कि, आदिवासी लोगों अपना किसको मानते हैं, लेकिन भगवान की उपासना करना यह आर्श्र्चचकित बात है। आज भी लोग अपने घरों में लक्ष्मी जी की मूर्ति को स्थापित करते हैं व रोज़ उनकी पूजा-पाठ अपने तरीके से करते हैं। आदिवासियों की ऐसी मान्यता है कि, जिन लोगों की तबियत बिगड़ जाती है वह बाहर से माता का नाम लेकर मिट्टी लाते हैं और माथे पर लगा लेते हैं इससे उन्हें हमेशा आराम मिलता है। यह चमत्कार है या अंधविश्वास यह तो वही लोग ज्यादा जानते हैं, लेकिन वह लोग हिंदु समाज की माता को भगवान की तरह पूज रहे है यह हैरान कर देने वाली बात है।
आदिवासियों को मां लक्ष्मी ने दिखाया चमत्कार, रातों-रात उनके कस्बे को कर दिया मालामाल
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