हनुमान जी ने अपने भक्तों को कई चमत्कार दिखाएं हैं। हाल ही में, एक ऐसी सच्ची घटना घटित हुई है, जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान हो गया। यह यू.पी. के एक गांव की घटना है। वहां पर पूरे गांव में एक भी भगवान का मंदिर नहीं है। ऐसा नहीं है कि यह नास्तिक लोगों का गांव है बल्कि यहां के लोग भगवान में अधिक आस्था रखते है व उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इसके पीछे गहरा राज़ है जिसका पता आजतक वहां कोई नहीं लगा पाया। यह बातें वहां के स्थानीय लोग हर किसी से गोपनीय रखते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि, यदि किसी भी व्यक्ति ने इस चमत्कार के बारे में किसी दूसरे व्यक्ति को बताया तो उनके साथ बुरा होना शुरु हो जाएगा, ऐसा इसलिए है, क्योंकि भगवान उन्हीं व्यक्तियों को वहां बुलाते हैं जो उनके परम भक्त होते हैं। इस सच्चाई के बारे में कोई नहीं जानता। बताया गया कि, गांव में काफी साल पुराना कुंआ है जिसमें से गांव वासी पानी भरते थे। एक बार उस गांव में अनजान बाबा ने आकर कुंए के पास पूजा की थी। इस बाबा को बहुत कम लोगों ने देखा, लेकिन जिन्होंने इन्हें देखा था वो लोग बताते हैं कि, यहां पर सिर्फ 6 महीने तक ही उस बाबा ने अपने ईष्ट ईश्वर की भक्ति की थी। उसके बाद वह बाबा कहां चला गया इस बारे में कोई नहीं जानता। वह बाबा हनुमान जी के भक्ते थे, क्योंकि जब वह बाबा वहां पर भक्ति करते थे तब हनुमान जी की मूर्ति कुंए के पास रख देते थे। उनके आने से गांव वासी डरने लगे थे, क्योंकि वह कभी तो दिखते थे और कभी अदृश्य हो जाते थे। इन्हीं बातों की वजह से गांव वासियों में डर बैठ गया और उन लोगों ने कुंए से पानी भरना बंद कर दिया। अब सारे गांव वासी दूर किसी कुंए से पानी भरते थे। साल भर इंतजार करने के बाद गांव वासियों ने सरपंच के साथ मिलकर योजना बनाई की अब हम उस कुंए में जाकर देखगें कि, वह बाबा किस मकसद से आया है और क्यों वहां बैठा है। जब सभी गांव वासी सरपंच को लेकर कुंए के नजदीक पहुंचे तो देखा कि, वह बाबा वहां नहीं था और ना ही हनुमान जी की मूर्ति थी। फिर सरपंच ने कुंए में झांककर देखा तो पता चला कि, मूर्ति पानी के ऊपर तैर रही थी। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। लोगों को यह देखकर अचंभा हुआ आखिर इतनी भारी मूर्ति किस तरह पानी में तैर रही है। इसके बाद सरपंच ने गांव वासियों से बातचीत की तो वह बाबा वहां आ गया और सबसे कहने लगा कि, यह कुंआ अब साधारण नहीं है यहां प्रभू हनुमान जी का वास है, मैंने यहां बैठकर तपस्या की है। अब जिसको भी इस कुंए से मनोकामना मांगनी हो वो कुंए के अंदर मनोकामना को बोले आपकी अरदास को हनुमानजी जरूर सुनेगें, लेकिन उसी इंसान की मनोकामना यहां पूर्ण होगी जो यह राज़ किसी को नहीं बताएगा कि, यहां 1 साल में क्या हुआ। अगर किसी ने ऐसा किया तो वह दंड भुगतने के लिए तैयार हो जाएगा। बाबा कि यह बात सुनकर सरंपच के साथ-साथ गांव वासी भी डर गए। इसके बाद फिर से एक गांव वासी ने कुंए में झांककर देखा तो उसे मूर्ति नज़र नहीं आई। यह देखकर लोग घबरा गए और डरने लगे। बाबा ने सबको समझाया कि, डरने की बात नहीं है जब आप दिल से हनुमान जी को कुंए के पास आकर बुलाओगे वह जरूर आपको दर्शन देंगे। जिस तरह एक मंदिर पवित्र होता है उसी तरह यह स्थान भी अब पवित्र है यहां मन की भावनाओंं का सम्मान किया जाएगा। यह सब बातें करके बाबा जंगल की ओर चला गया। जब से ही यह पूरा गांव हनुमान भक्त बन गया है और यहां पर लोगों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है
अदृश्य बाबा ने हनुमान जी को किया कुंए में प्रकट, लुक्का-छुप्पी खेलती दिखती है हनुमान जी की मूर्ति
By Prabhu BhaktiUpdated: