रांगा रिंग (Ranga ring) क्या होती है? और इसको पहनने के क्या फायदे हैं?
वैसे तो आपने कई तरह की अंगूठियों के बारे में सुना होगा.अलग-अलग लोगों को अलग- अलग तरह की अंगूठियाँ पहने देखा होगा.लेकिन क्या आपको पता है कि हर अंगूठी हर इंसान के लिए फलदाई नहीं होती.
इसलिए इंसान को हमेशा जानकर व समझकर ही अंगूठियाँ धारण करनी चाहिए.
हम आपको यहाँ कई प्रकार की अंगूठियों में से एक रांगा रिंग के बारे में और इसे पहनने से होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं.
सबसे पहले जानिए कि आख़िर रांगा कौन सी धातु (Ranga metal) होती है जिससे रांगे की अंगूठी बनाई जाती है.
What is Ranga ring (रंगा रिंग)
रांगा एक प्रकार की धातु है. इसे कथीर धातु भी कहा जाता है.इसलिए इस अंगूठी को रांगे की अंगूठी(range ki anguthi) के अतिरिक्त कथीर की अंगूठी भी कहा जाता है.इस धातु का उपयोग अमूमन सोने और चाँदी को जोड़ने के लिए किया जाता है.यह एक चमकदार धातु होती है और इसी से बनाई जाती है रंगा रिंग.
इस अंगूठी की बनावट एक गोल छल्ले की तरह होती है.जिसे अनामिका ऊँगली(Ring figure) में पहनना सबसे उत्तम होता है.
Benefits of Ranga ring
इस वक़्त दुनिया में लोगों के पास जिस चीज़ की सबसे ज्यादा कमी है वो है वक़्त.सारी दुनिया पैसा कमाने के लिए दौड़ रही है और इस भाग दौड़ में खुद को फिट रखना सबसे बड़ी चुनौती है.फिट रहने का सबसे पहला अर्थ है आपका पेट स्वस्थ रहे. मोटापा काबू में रहे.लेकिन दिन भर एक जगह बैठ कर काम करने वाले अक्सर मोटापे की समस्या से जूझते ही हैं.अगर सही समय पर मोटापे पर ध्यान न दिया गया तो यह शरीर में कई बड़ी बिमारियों को आमंत्रण देता है.
और यहीं पर लोग डॉक्टर्स के पास भागते हैं. तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं जो कि शरीर के लिए और भी हानिकारक है.
यहीं पर इन जैसे व्यक्तियों के लिए सबसे बड़ी काम की चीज़ हैं रांगे की या कथीर की अंगूठी.ज्योतिष शास्त्र में इस समस्या से निजात पाने की तरकीब रांगे की अंगूठी को ही बताया गया है.
इस अंगूठी को पहनने से मोटापे से निजात मिलता है.व्यक्ति की पाचन क्रिया अच्छी हो जाती है. और इसके साथ- साथ शरीर से अन्य अनावश्यक तत्व भी निकल जाते हैं.जिससे शरीर एक दम स्फूर्तिमय और फिट रहता है.मोटापा कम होने की वजह से काम करने में आसानी होती है तथा आलस का अनुभव बहुत कम होता है.इस अंगूठी को धारण करने से सकारात्मक भाव मन में आते हैं.
How to wear Ranga ring ( रंगारिंग को कैसे पहनें)?
इस अंगूठी को पहनने से पहले अपने दाहिने हाथ की अनामिका ऊँगली (रिंग फिंगर) में पतला काला धागा बांधें. इसके बाद कथीर की अंगूठी को इस प्रकार से काले धागे के ऊपर पहने की बंधा हुआ धागा दिखाई न दे.
इस प्रकार अंगूठी को धारण करने से आपको सार्थक फल की प्राप्ति अवश्य होगी.

# ना करें ये काम
वैसे तो इस अंगूठी को धारण करने के बाद से ही व्यक्ति को अपने शरीर के मोटापे में बदलाव महसूस होने लगता है लेकिन इसके अलावा भी नीचे बताये गए बिन्दुओं का पालन भीं ज़रूर करना चाहिए.
1-इस अंगूठी को पहनने के बाद भी व्यक्ति को संयमित दिनचर्या का पालन करते रहना चाहिए. दिनचर्या में बदलाव न करें.
2- लगातार कसरत, आसन और योग करते रहें. इन्हें बंद न करें.
3- यदि व्यक्ति किसी प्रकार की दवा का सेवन करता है तो उसे अपने डॉक्टर की सलाह के बिना बंद नहीं करना चाहिए.
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