शिवलिंग पूजा क्यों की जाती है | Shivling ki Puja kyu ki jaate hain
Shivling Puja Niyam– सर्जनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिह्न् के रूप में लिंग की पूजा होती है। स्कंद पुराण में लिंग का अर्थ लय लगाया गया है। लय (प्रलय) के समय अग्नि में सब भस्म हो कर शिवलिंग में समा जाता है और सृष्टि के आदि में लिंग से सब प्रकट होता है।
सोमवार को शिव जी की पूजा कैसे करें – शिवलिंग पूजन विधि | Shivling Puja niyaam
घर पर प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा के लिए सबसे पहले आचमन करें और फिर शिवलिंग ( Shivling ) पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें. अब शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं. शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल और भोग आदि चढ़ाएं. पञ्चाक्षर मन्त्र ‘नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करना चाहिए.
शिवलिंग पर सबसे पहले क्या चढ़ाना चाहिए? | Shivling par sabse pehele kya chadhaana chaiye
शिव पूजा में सबसे पहले गणेश पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके बाद दूध, दही, शहद भी चढ़ाएं। इसके बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें।
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शिवलिंग पर जल चढ़ाने के क्या नियम है? | Shivling par jal chadhane ke kya niyaam hain
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसलिए कभी भी जल चढ़ाते समय तेज दारा न अर्पित करें, बल्कि धीरे-धीरे चढ़ाएं और शिव मंत्र का जाप करते रहें। तांबे, कांसे या फिर चांदी के पात्र में जल लेकर सबसे पहले जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं, जो गणेश जी का स्थान माना जाता है।
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक शिव पुराण में शिवलिंग ( Shiving )आराधना के बारे में विस्तार से जिक्र मिलता है। शिवलिंग पर कभी भी शाम के समय जल अर्पित नहीं करना चाहिए। सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है।
इस शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाने से 108 लोटा जल चढ़ाने का पुण्य मिलता है। सावन महीने में यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है। रूद्राभिषेक कराने वालों को नंबर के आधार पर पूजा करने का अवसर मिलता है।
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शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मुंह किधर होना चाहिए? | Shivling par jal chadhaate samay muh kidhar hona chiaye
शास्त्रों के अनुसार, दक्षिण दिशा में खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाना ( Shivling par jal chadhana ) चाहिए। कभी भी आपका मुख उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, इन दिशाओं में शिव जी की पीठ, कंधा आदि होते हैं।
शिवलिंग पर पंचाअमृत चढ़ाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शिवलिंग पर जल में दूबा डालकर अर्पित करने से रोग दोष दूर होता है। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
शिवलिंग पर चावल कब नहीं चढ़ाना चाहिए? | Shivling par chawal kab nahi chadhana chaiye
शिवलिंग ( Shivling ) में न चढ़ाएं टूटे कच्चे चावल क्योंकि अक्षत को पूर्णता के रूप में मानते हैं। इसलिए शिवलिंग में कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए।
शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाते? | Shivling par kya nahi chadhate
शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर केतकी, कनेर या लाल रंग के फूल जैसे कमल आदि अर्पित नहीं किए जाते। शिवलिंग पर इन फूलों के अलावा अन्य फूल अर्पित कर सकते हैं। महादेव बेलपत्र, भांग, धतूरा, जलाभिषेक आदि चीजें से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए शिवलिंग के पूजन में इन तरह के फूलों का प्रयोग करना वर्जित बताया गया है।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से क्या होता है? | Somwar ke din Shivling par doodh chadhane se kya hota hain
माना जाता है कि शिवलिंग में दूध के साथ मिश्री चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि, धन-संपदा आती है। सोमवार के दिन मिश्रीयुक्त दूध शिवलिंग में चढ़ाने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और सद्बुद्दि आती है। शिवलिंग पर दूध में मिश्री मिलाक चढ़ाने से बच्चों का दिमाग तेज होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
दही और घी से भोग लगाने के साथ साथ रुद्राभिषेक करने का भी विशेष फल प्राप्त होता है. शिव जी की प्रिय चीजों में मखाने की खीर भी शामिल है.
भगवान शिव को सबसे ज्यादा क्या पसंद है? | Bhagwan Shiv ko sabse jayada kya pasand hain
बेल पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है और अगर लोग बेल पत्र पर भगवान ‘राम’ का नाम लिखकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को लंबी उम्र का आशीर्वाद देते हैं।
बेलपत्र चढ़ाने का मंत्र क्या है? | BelPatra Chadhane ka mantra kya hain
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम् । अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् । त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् |
महादेव का प्रिय भक्त कौन है? | Mahadev ko priy bhakt kaun hain
यदि हम पुराणों की बात करें तो भगवान शिव के परम भक्तों में से रावण को सबसे बड़े भक्त का दर्जा दिया गया है। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव ( Bhagwan shiv ) ने स्वयं ही रावण को अपने सबसे बड़े भक्तों में से एक बताया है।
मंदिर में शिवलिंग की पूजा कैसे करे | Mandir me Shivling ki Puja kaise kare
ऐसे करें शिवलिंग का पूजन : शिवलिंग को पंचामृत से स्नानादि कराकर उन पर भस्म से 3 आड़ी लकीरों वाला तिलक लगाएं। शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए, लेकिन जलाधारी पर हल्दी चढ़ाई जा सकती है। * शिवलिंग पर दूध, जल, काले तिल चढ़ाने के बाद बेलपत्र चढ़ाएं। * केवड़ा तथा चम्पा के फूल न चढ़ाएं।
शिवलिंग पूजा सामग्री | Shivling Puja saamagree
यह 11 सामग्री हैं : जल, बिल्वपत्र, आंकड़ा, धतूरा, भांग, कर्पूर, दूध, चावल, चंदन, भस्म, रुद्राक्ष ….. जल : शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव ही स्वयं जल हैं शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है।
पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री | Parthiv Shivling pujan saamagree
मिट्टी, गाय का गोबर, गुड़ , मक्खन और भस्म मिलाकर पार्थिव शिवलिंग बनाएं। पार्थिव शिवलिंग 12 अंगुल से ऊंचा नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा ऊंचा होने पर पूजन का पुण्य नहीं मिलता। शिवलिंग पर चढ़ाई हुई चीजें ग्रहण नहीं करनी चाहिए।
शिवलिंग पूजन का महत्व | Shivling Pooja ka mahatv
Shivling Puja Niyam – शिव पुराण ( Shiv puran ) में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया है। कलयुग में कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन शुरू किया था। शिव महापुराण के मुताबिक इस पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। मानसिक और शारीरिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।
शिवलिंग पूजन का अर्थ | Shivling Puja ka arth
यदि संस्कृत भाषा की बात की जाए तो शिवलिंग का अर्थ शिव का गुप्तांग न होकर शिव जी का प्रतीक है। शिवलिंग का पूजन करने का मतलब यह है कि शिव की किसी प्रतीक के रूप में पूजा करना। ऐसी मान्यता है कि शिव के प्रतीक के रूप में शिवलिंग को पूजा विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। भगवान शिव अनंत काल के प्रतीक हैं।
शिवलिंग पूजा महाशिवरात्रि | Shivling Pooja Maha Shivratri
महाशिवरात्रि ( Maha shivratri )के पावन पर्व पर घर में शिवलिंग की पूजा करने के लिए सबसे पहले उसे एक थाल में रखकर तांबे के लोटे में गंगा जल अथवा शुद्ध जल भरकर जलााभिषेक करें. इसके बाद स्टील या चांदी के लोटे से शिवलिंग ( Shivling )पर दूध से अभिषेक करें. इसके बाद दोबार शुद्ध जल या गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें.
महादेव को बुलाने का मंत्र क्या है? | Mahadev ko bulaane ka mantra kya hain
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
औरतों को शिवलिंग छूना चाहिए या नहीं | Auraton ko Shivling choona chaiye yaa nahi
Shivling Puja Niyam – शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग शक्ति का प्रतीक है और केवल विवाहित पति पत्नी या कोई पुरुष ही शिवलिंग छू सकता है.
शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं | Shaam ko Shivling par jal Chadhanaa chaiye yaa nahi
Shivling Puja Niyam – शाम के समय न चढ़ाएं जल – सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है। शिव जी का जलाभिषेक करें तो जल में अन्य कोई भी सामग्री न मिलाएं।
शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने के फायदे | Shivling par kale til Chadhane ke fayde
शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से मिलते हैं चमत्कारी फायदे
- हिंदू धर्म शिवलिंग ( Shivling ) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। …
- शिवलिंग पर तिल वैसे तो शिवलिंग पर दूध और पानी के अलावा भी काफी कुछ चढ़ाया जाता है, लेकिन तिल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।
- पारिवारिक सुख
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शिवलिंग पर कौनसा फूल चढ़ाना चाहिए | Shivling par konsa phool chadana chahiye
Shivling Puja Niyam – शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, जल और सफेद फूल चढ़ाना काफी फलदायी माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, शिव जी की पूजा में हमेशा सफेद फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए। शिवलिंग ( Shivling )पर कभी भी लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। शिवलिंग पर केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाना वर्जित माना गया है।