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    Home » Saryu River – जानें राम जन्मभूमि अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी की कहानी
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    Saryu River – जानें राम जन्मभूमि अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी की कहानी

    Dhruv SahaniBy Dhruv SahaniJanuary 22, 2024Updated:January 22, 2024
    Saryu River
    Saryu River
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    सरयू जी की उत्पत्ति कैसे हुई? | Saryu ji ki utpatti kaise hue

    Saryu River – पुराणों के अनुसार, सरयू नदी की उत्पत्ति भगवान विष्णु के नेत्रों से प्रकट हुई हैं। प्राचीन काल में शंखासुर दैत्य ने वेदों को चुराकर समुद्र में डाल दिया और खुद भी वहीं छिप गया। इसके बाद भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर दैत्य का वध कर दिया। फिर भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को वेद सौंपकर अपना वास्तविक रूप धारण किया।

    सरयू नदी का क्या रहस्य है? | Saryu River ka kya rahasaya hain

    पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने सरयू नदी में ही जल समाधि ली थी और अपनी लीला समाप्त की थी. इस कारण भोलेनाथ सरयू नदी पर बहुत क्रोधित हुए थे. और सरयू नदी को श्राप दिया था कि तुम्हारा जल मंदिर में चढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं, पूजा-पाठ में भी सरयू नदी का जल इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
    सरयू नदी क्यों प्रसिद्ध है? | Saryu River kyu prasid hain
    रामायण की कथा में सरयू अयोध्या से होकर बहती है जिसे दशरथ की राजधानी और राम की जन्भूमि माना जाता है। वाल्मीकि रामायण के कई प्रसंगों में इस नदी का उल्लेख आया है।

    सरयू नदी किसकी पुत्री है? | Saryu River kiski putree hain

    कैसे हुआ सरयू नदी का उद्गम – पुराणों में वर्णित है कि, सरयू भगवान विष्णु के नेत्रों से प्रकट हुई. कहा जाता है कि इस पवित्र नदी का उद्गम भगवान विष्णु के आंसू से हुआ है. आनंद रामायण के यात्रा कांड के अनुसार, प्राचीनकाल में शंकासुर दैत्य ने वेद को चुराकर समुद्र में डाल दिया था और खुद भी वहां जाकर छिप गया.

    सरयू माता कौन है? | Saryu Mata kaun hain

    जिसकी एकमात्र साक्षी माता सरयू हैं। सरयू नदी श्रीहरि विष्णु के अवतार श्रीराम की साक्षी है, उनकी लीलाओं की द्रष्टा है तो अंत में भगवान के महाप्रस्थान का मार्ग भी है। अयोध्या का इतिहास जितना प्राचीन है, उतना ही सरयू का। पुराणों में वर्णन है कि बिना तप किए सृष्टी की रचना भगवान ब्रम्हा के लिए भी असंभव था।

    सरयू नदी का असली नाम क्या है? | Saryu Nadi ka aslee naam kya hain

    यहाँ से यह कपकोट, बागेश्वर, सेराघाट और रामेश्वर से निकलकर नेपाल की सीमा पर स्थित चम्पावत ज़िले में पंचेश्वर में काली नदी (शारदा नदी) में विलय हो जाती है। यही काली नदी जब बहराइच के पास ब्रह्माघाट में घाघरा से मिलती है, तो इनके संगम से बनी नदी को पुनः सरयू ही कहा जाता है, जिसके तट पर अयोध्या शहर बसा है।

    सरयू गंगा में कहां मिलती है? | Saryu Ganga mein kaha milte hain

    सरयू का उद्गम हिमालय में मानसरोवर झील से होता है और इसे घाघरा और मानस नंदिनी के नाम से भी जाना जाता है। यह बिहार के सारण जिले में गंगा में विलीन हो जाती है।

    क्या सरयू और शारदा एक ही हैं? | Kya Saryu aur Saarada ek hee hain

    सरयू, शारदा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है । सरयू सुरमूल से निकली और नेपाल की सीमा पर स्थित पंचेश्वर में महाकाली में मिल गयी। सरयू उत्तराखंड राज्य के कपकोट, बागेश्वर और सेराघाट शहरों से होकर बहती है।

    सरयू नदी कौन से राज्य में है? | Saryu River kaunse raajy mein hain

    अयोध्या में त्रेता युग में भगवान श्री राम का जन्म स्थान और राज्य की राजधानी अयोध्या सरयू नदी के तट पर स्थित है, इस प्रकार यह भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण नदियों में से एक है. ये नदी हिमालय से निकलती हुई उत्तराखंड से होकर उत्तर प्रदेश में बहती है. इस प्रकार ये उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में बहती है.

    राम कौन सी नदी में समाए थे? | Ram Kaunse Nadi mein samae the

    कहते हैं सीता के दूर जाने से भगवान श्री राम दुखी हो गए और यमराज की सहमति से उन्होंने सरयू नदी के गुप्तार घाट में जल समाधि ले ली थी। एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार यमदेव ने संत का रूप धारण कर अयोध्या में प्रवेश किया।

    सरयू नदी का महत्व | Sarayu River importance

    सरयू नदी अयोध्या की कथा में महत्व रखती है, क्योंकि यह भगवान राम के वनवास से लेकर अयोध्या वापसी तक के जीवन की साक्षी रही है ।

    सरयू नदी कहां से शुरू और खत्म होती है? | Sarayu River kha se shuru aur kha katham hote hain

    सरयू एक नदी है जो भारत के उत्तराखंड में बागेश्वर जिले में नंदा कोट पर्वत के दक्षिण में एक पर्वत श्रृंखला से निकलती है। यह भारत-नेपाल सीमा पर पंचेश्वर में शारदा नदी में गिरने से पहले कपकोट, बागेश्वर और सेराघाट कस्बों से होकर बहती है।

    सरयू का अर्थ क्या है? | Saryu ka arth kya hain

     सरयू का अर्थ है: शरयु नदी, पवित्र नदी ।
    सरयू नदी में स्नान करने से क्या होता है? | Sarayu Nadi me snaan karne se kya hota hain
    ऐसा कहा जाता है कि सरयू नदी में स्नान करने मात्र से सभी तीर्थों में स्नान और दर्शन करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. मान्यता है कि सरयू नदी में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से अक्षत फल मिलता है.

    सरयू नदी के किनारे कौन सा शहर स्थित है? | Saryu Nadi ke kinaare kaunsa shahar sthit hain

    अयोध्या पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित एक शहर है। भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में, यह अयोध्या जिला और अयोध्या मंडल का मुख्यालय है। अयोध्या, जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्राचीन शहर है, भगवान श्री राम का जन्मस्थान और महान महाकाव्य रामायण की स्थापना है।

    सरयू नदी का वर्तमान में क्या कहते हैं? | Saryu Nadi ka vartmaan me kya khehte hain

    रामायण कालीन सरयू नदी को वर्तमान में घाघरा नदी कहते हैं.

    सरयू कौन सी भाषा है? | Saryu kaunse bhaasha hain

    सरयू संस्कृत मूल का एक नाम है जो आमतौर पर बच्चों को दिया जाता है। यह नाम संस्कृत सरयू (सरयू) से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘वायु’ या ‘हवा’, और संस्कृत धातु सर् (सर) के स्त्रीलिंग व्युत्पन्न से, जिसका अर्थ है ‘बहना’। ‘
     सरयू नदी में कितना पानी छोड़ा? | Saryu Nadi mein kitna pani chhoda 
    मंगलवार को एक बार फिर सरयू नदी में शारदा, गिरजा और सरयू बैराज से चार 4.41 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
    सरयू नदी का नाम कैसे पड़ा
    बौद्ध ग्रंथों में इसे सरभ के नाम से पुकारा गया है। कनिंघम ने अपने एक मानचित्र पर इसे मेगस्थनीज द्वारा वर्णित सोलोमत्तिस नदी (Solomattis River) के रूप में चिन्हित किया है और ज्यादातर विद्वान टालेमी इसे द्वारा वर्णित सरोबेस (Sarobes) नदी के रूप में मानते हैं।

    सरयू नदी में स्नान का महत्व

    सरयू नदी में स्नान करने मात्र से सभी तीर्थों में स्थानों को दर्शन करने का पुण्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सरयू नदी में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करता है उसे सभी तीर्थों के दर्शन करने का फल मिलता है।

    सरयू नदी शापित क्यों है

    सरयू नदी को भगवान शिव ने क्यों दिया श्राप – सरयू नदी में ही भगवान राम ने अपनी लीला समाप्त की थी। जिस वजह से भगवान भोलेनाथ उनपर बहुत क्रोधित हुए थे और उन्होंने सरयू का श्राप दे दिया की तुम्हारा जल मंदिर में चढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। साथ ही किसी पूजा पाठ में भी तुम्हारे जल का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

    सरयू नदी धरती पर कैसे आई?

    धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस प्रकार गंगा नदी को भागीरथी धरती पर लाए थे। उसी प्रकार सरयू नदी को भी धरती पर लाया गया था। भगवान विष्णु की मानस पुत्री सरयू नदी को धरती पर लाने का श्रेय ब्रह्मर्षि वशिष्ठ को जाता है। भगवान राम ने सरयू नदी में ही जल समाधि ली थी।

    सरयू नदी की लंबाई

    130km

     

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