2024 में मौनी अमावस्या कब है? | Mauni Amavasya kab hai | Mauni Amavasya 2024 mai kab hain
मौनी अमावस्या का व्रत कैसे किया जाता है? | Mauni Amavasya ka vrat kaise kiya jaata hain
- प्रात: स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव का अर्घ्य दें. .
- इसके बाद पितरों को जल से तर्पण दें. .
- अब आप भगवान विष्णु का पूजन करें.
- विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और मौनी अमावस्या व्रत (Mauni amavasya vrat)कथा का पाठ करें.
- आज शनि अमावस्या (Amavasya) भी है तो आप शनि देव का पूजन काले तिल, सरसों के तेल, तिल के तेल आदि से करें.
मौनी अमावस्या का महत्व क्या है? | Mauni Amavasya 2024 ka mahatv kya hain
मौनी अमावस्या का महत्व – इसलिए इसे मौनी अमावस्या ( Mauni amavasya ) के नाम से जाना जाता है। इस दिन पुण्य नदियों में स्नान करने से तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मुक्त हो जाते हैं। वह व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Mauni Amavasya : एक आधुनिक परंपरा का महत्वपूर्ण अध्याय
परिचय
जब हम आसमान की अद्वितीय सुंदरता को देखते हैं, तो हमारा मन शांति और आत्मा की संबलता से भरा होता है। मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya ), जो वर्ष 2024 में मनाई जाएगी, एक ऐसी आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है जो हमें इस अंधकार से प्रकाश की ओर मोड़ने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करती है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या, भारतीय सांस्कृतिक धारा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो निर्जनता और मौन की भावना को मन में उत्तेजित करता है। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और आत्मा को शुद्धि का अहसास कराते हैं।
अंतरात्मा की ऊँचाई पर जाने का मौका
Mauni Amavasya पर विशेष पूजन और ध्यान के माध्यम से लोग अपनी अंतरात्मा के साथ एकात्म्य का अनुभव करते हैं। यह दिन आत्मा की ऊँचाई में एक नई प्राप्ति का प्रतीक होता है।
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तिथि और समय
मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya ) 2024 की विशेष तिथि और समय का आयोजन कई धार्मिक स्थलों पर होगा। यह एक विशेष महासमर्पण और पूजा का समय होगा, जो लोगों को एक साझा अनुभव में जोड़ेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
मौनी अमावस्या के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजन होंगे। धार्मिक स्थलों में पर्व पूजा और प्रवचन के साथ मनाए जाएंगे।
मेरमेड डायग्राम सुझाव
मौनी अमावस्या
विशेष पूजन और महासमर्पण
ध्यान और आत्मा संबल
सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजन
भविष्य की दिशा
धार्मिक परंपरा का सजीव बनाए रखना – मौनी अमावस्या ( Mauni Amavasya ) के आयोजन से हमें हमारी धार्मिक परंपरा को सजीव बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण मौका मिलता है। इसके माध्यम से हम आने वाली पीढ़ियों को हमारे संस्कृति और धरोहर के प्रति समर्पित बना सकते हैं।
ध्यान और मौन की महत
ध्यान और मौन, जो इस दिन पर अधिक बढ़ावा मिलता है, हमें आत्मा के साथ सहज जुड़ने का एक शानदार तरीका प्रदान करते हैं। ये साधने हमें शांति और स्वस्थ जीवन की दिशा में मदद कर सकते हैं।
समापन
सम्पूर्ण रूप से, मौनी अमावस्या 2024 हमें एक धार्मिक और आध्यात्मिक महोत्सव के रूप में एकजुट करती है। इस दिन को विशेषता से मनाकर हम अपनी आत्मा को प्रशान्ति और संबलता की दिशा में बढ़ा सकते हैं, जिससे हमारा जीवन सफल और समृद्धि की ओर प्रवृत्त हो।
मौनी अमावस्या में क्या खाना चाहिए? | Mauni Amavasya me kya khana chaiye
मौनी अमावस्या पर क्या करें – मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और मौन रहकर आचरण करें। इसके बाद सामर्थ्य के अनुसार दान भी करें। मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान के बाद आटे की गोलियां बनाएं और उसे मछलियों को खिलाएं। साथ ही चीटियों को आटे में शक्कर मिलाकर खिलाएं।