Magh Shivratri Date | माघ शिवरात्रि कब है
Magh Shivratri Date – दैनिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसके अगले दिन यानी 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार माघ शिवरात्रि का 8 फरवरी को मनाई जाएगी। निशिता मुहूर्त के चलते, माघ शिवरात्रि का व्रत 8 फ़रवरी को रखा जाएगा।
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Magh Masik Shivratri 2024 – मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। रात में शिव जी को दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। शिव जी के सामने पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें। बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें। शिव के पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करें। भोग लगाने के बाद आरती करें।
शास्त्रों के मुताबिक, देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्रि और माता पार्वती ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से अनंत फल प्राप्त किए थे। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव का देवी पार्वती से विवाह चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था।
माघ शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त | Magh Shivratri Shubh Muhurat
पंचांग के मुताबिक, माघ महीने की चतुर्दशी तिथि 8 फ़रवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 9 फ़रवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर खत्म होगी। इस साल माघ शिवरात्रि 8 फ़रवरी को मनाई जाएगी।माघ शिवरात्रि की पूजा निशिता मुहूर्त में करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन देर रात 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक शिव पूजा के लिए शुभ समय रहेगा।
माघ शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म बेला में उठकर भगवान शिव और मां पार्वती का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद, दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए और साफ़ वस्त्र पहनने चाहिए। फिर, सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए।रात्रि में शिव जी को दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। शिव जी के सामने पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करना चाहिए. बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करना चाहिए। शिव के पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। भोग लगाने के बाद आरती करनी चाहिए।
यदि आप प्रहर के आधार पर पूजा करना चाहते हैं तो, प्रथम प्रहर सायंकाल 6:14 से रात्रि 9:25 तक रहेगा। द्वितीय प्रहर रात्रि 9:25 से मध्य रात्रि 12:36 तक रहेगा। तृतीय प्रहर मध्य रात्रि 12:36 से प्रातः काल 3:47 तक रहेगा और चतुर्थ प्रहर 3:47 बजे से 6:57 बजे तक रहेगा।
भगवान शिव के मंत्र | Bhagwan Shiv ke Mantra
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
शर्वाय क्षितिरूपाय नंदीसुरभये नमः ।
ईशाय वसवे सुभ्यं नमः स्पर्शमयात्मने ।।