Magh Purnima 2024 में 24 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा, धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के लिए भी यह दिन विशेष माना जाता है। इस मौके पर गंगा स्नान और दान करने से देवतागण प्रसन्न होते हैं, जो आकर्षक धार्मिक आधार प्रदान करता है।
माघ पूर्णिमा का महत्व ( Magh Purnima Ka Mahatv )
माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। इसके अलावा इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा उपाय ( Magh Purnima Upaay )
माघ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर शाम के समय चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. जल में अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस समय आप चंद्रमा के बीज मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नम:’ मंत्र का जाप कर सकते हैं. चंद्रमा के शुभ प्रभाव से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.
माघ पूर्णिमा पूजा विधि ( Magh Purnima Pooja Vidhi )
– माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए।
– अगर गंगा स्नान नहीं हो सकता, तो गंगा जल को पानी में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
– स्नान के बाद, ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें और अर्घ्य अर्पित करें।
– तिलांजलि देने के लिए सूर्य की ओर मुख करके खड़े हों और जल में तिल डालें।
– उसके बाद, पूजा और भोग का आयोजन करें।
– पूजा के अंत में, चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त ( Magh Purnima ka Shubh Muhoort )
23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी, और माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima )के रूप में मनाई जाएगी। स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है।
माघ पूर्णिमा 2024 कब है ? ( Magh Purnima 2024 kab hai )
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, देखा जाए तो जब पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होगा, उस समय पूर्णिमा तिथि मान्य होगी. पंचांग के अनुसार, इस बार 23 फरवरी को दोपहर 03:33 पीएम से माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima ) तिथि प्रारंभ होगी और 24 फरवरी को शाम 05:59 पीएम पर इस तिथि का समापन होगा.
माघ पूर्णिमा व्रत ( Magh Purnima Vrat )
माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima ) 24 फरवरी को है। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है और यह हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में जिस चीज की कमी होती है वह पूरी हो जाती है।
माघ पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए ( Magh Purnima par kya karana chahiye )
माघ पूर्णिमा के दिन ही देवताएं गंगा स्नान के लिए धरती पर आते हैं. इसलिए माघ पूर्णिमा के दिन स्नान दान और जप का खास महत्व है. माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima ) के दिन पितरों का भी तर्पण करना चाहिए. इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न होते हैं और घर में सुख समृद्धि होती है.
माघ पूर्णिमा पर क्या दान करना चाहिए? ( Magh Purnima par kya daan karna chahiye )
माघ पूर्णिमा पर क्या दान करें? माघ पूर्णिमा के अवसर पर स्नान के बाद आपको चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना लाभदायक रहेगा. माघ पूर्णिमा के दिन आप चावल, सफेद कपड़े, सफेद फूल, मोती, चांदी के सिक्के, चांदी, दूध, शक्कर, खीर आदि का दान कर सकते हैं.
माघ पूर्णिमा के दिन क्या खाना चाहिए? ( Magh Prunima Ke din kya khaana chahiye )
इस दिन मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। माघ पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं।
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माघ पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है? ( Magh Purnima kyu Manaya jaata hain )
माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्वर्ग से देवी-देवता रूप बदलकर पृथ्वी पर आते हैं और प्रयागराज में गंगा स्नान करते हैं. यह भी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
माघ पूर्णिमा पर ना करें ये गलतियां ( Magh Purnima par naa karen yeh galatiyaan)
काले वस्त्र पहनना
माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima ) के दिन काले रंग के वस्त्र पहनना शुभ नहीं माना जाता है। इसे नकारात्मक माना गया है और इसका असर हो सकता है।
तामसिक भोजन
मान्यता के अनुसार, माघ मास में तामसिक आहार से बचना ही बुद्धिमानी मानी जाती है। इसे तामसिक भोजन का समान भी कहा जाता है। तामसिक भोजन और मादक पदार्थों से दूरी बनाएं।
गुस्सा करना
मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। यह सुकर्मों के खिलाफ है।
बाल और नाखून काटना
मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन बाल और नाखून काटना अच्छा नहीं होता। इस दिन दाढ़ी बनवाना भी ठीक नहीं होता, क्योंकि यह पितृगण को नाराज कर सकता है।
देर तक सोना
माघ पूर्णिमा के दिन देर तक सोने से परहेज करना चाहिए। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागना सबसे शुभ माना जाता है। यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में नहीं जागते हैं, तो देर तक सोना छोड़ देना चाहिए।