लड्डू गोपाल को रोजाना नियम से कराएं स्नान | Laddo Gopal ko Rojana niyaam se karaen snaan
लड्डू गोपाल के रोजाना वस्त्र बदलें | Laddo Gopal ke Rojaana vastr badalen
लड्डू गोपाल ( Laddo Gopal ) के स्नान के पश्चात, उन्हें एक बच्चे की भावना से तैयार करें। रोजाना उनके वस्त्रों को बदलें और उन्हें चंदन का टीका लगाएं। मौसम के अनुसार ही, उन्हें उचित वस्त्र पहनाएं, जैसे कि ठंड़ी मौसम में गर्म कपड़े। इसके अतिरिक्त, उनका श्रृंगार भी सुनिश्चित करें, जैसे कि कानों में बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी, और मोरपंख।
लड्डू गोपाल को दिन में चार बार लगाएं भोग | Laddo Gopal ko din mein chaar baar lagaen bhog
बाल गोपाल ( Baal Gopal ) को प्रतिदिन 4 बार भोग चढ़ाएं। भोग में केवल सात्विक आहार शामिल करें, क्योंकि कान्हा को माखन-मिश्री विशेष रूप से प्रिय है। इसलिए, माखन-मिश्री के अलावा, बूंदी के लड्डू, खीर, और हलवा भी चढ़ा सकते हैं। आप अपने घर में बने सात्विक भोजन का भी प्रसाद चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि जिस प्रकार से छोटे बच्चों को बार-बार भूख लगती है, ठीक उसी रीति-रिवाज में लड्डू गोपालजी ( Laddo Gopal ji ) को भी नियमित खाना चाहिए। इसलिए, उन्हें समय-समय पर भोजन कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लड्डू गोपाल की रोज पूजा-अर्चना करें | Laddo Gopal ki Roj Pooja- Archana karen
लड्डू गोपाल की नियमित पूजा करें और उनकी आरती अवश्य उतारें। दिनभर में चार बार लड्डू गोपाल की आरती करना आवश्यक है।
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लड्डू गोपाल आरती – Laddo Gopal Aarti
आरती बालकृष्ण की कीजे । अपना जनम सफल करि लीजे ।।
श्री यशोदा का परम दुलारा । बाबा की अखियन का तारा ।।
गोपिन के प्राणन का प्यारा । इन पर प्राण निछावर कीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।
बलदाऊ का छोटा भैया। कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।।
परम मुदित मन लेत वलैया । यह छबि नैनन में भरि लीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।
श्री राधावर सुघर कन्हैया। ब्रज जन का नवनीत खवैया।।
देखत ही मन नयन चुरैया । अपना सरबस इनको दीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे।
तोतरि बोलनि मधुर सुहावे । सखन मधुर खेलत सुख पावे ।।
सोई सुकृति जो इनको ध्यावे। अब इनको अपनो करि लीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।
लड्डू गोपाल को झूला झुलाएं | Laddo Gopal ko jhoola jhulaen
आरती के पश्चात, अपने हाथों से लड्डू गोपाल को भोग चढ़ाएं। इसके बाद, लोरी गाते हुए उन्हें झूला झुलाएं। झूले में लगे परदे को ध्यानपूर्वक बंद करना महत्वपूर्ण है। रात को, बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही आपको सोना चाहिए।
लड्डू गोपाल को कभी भी न छोड़ें अकेला | Laddo Gopal ko kabhi bhee na chhoden akela
बाल गोपाल ( Baal Gopal ) , घर के सबसे नन्हे सदस्य के रूप में उपस्थित हैं। इसका मतलब है कि इस नन्हे बच्चे की तरह उनका संगीत और सहारा करना होगा। इसलिए, बाल गोपाल का ध्यान रखना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि घर के अन्य छोटे सदस्यों का। आपको उन्हें कभी भी अकेले न छोड़ना चाहिए, क्योंकि इसे एक सुरक्षित और देखभाल की आवश्यकता है, जैसे कि आप छोटे बच्चे को रखते हैं। यदि आप लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें साथ लेकर जाएं। अगर यह संभव नहीं है, तो पड़ोसी या रिश्तेदारों से मदद लें और उन्हें घर की चाबी और Baal Gopal की देखभाल की जिम्मेदारी दें।
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2024 में कब है जन्माष्टमी? | 2024 mein kab hain Janmashtami
जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के अवतार लेने की खुशी में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। इस विशेष दिन पर भगवान के भक्तों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, भजन गायन, और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
तिथि और समय:
जन्माष्टमी ( Janmashtami ) 2024 में 15 अगस्त को है। श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि के अंधकार में हुआ था, इसलिए भक्त इस दिन रात्रि में उनका जन्म आराधना करते हैं। अनुसार, इस वर्ष जन्माष्टमी का व्रत ( Janmashtami ka vrat ) 15 अगस्त की रात्रि को आरंभ होगा और 16 अगस्त को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के साथ समाप्त होगा।
पूजा विधि:
1. व्रत की शुरुआत:
– जन्माष्टमी के दिन, भक्त ब्राह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हैं।
– तत्पश्चात, स्वच्छ वस्त्रों में भगवान की मूर्ति या चित्र के समीप बैठकर मन्त्रों का उच्चारण करते हैं।
2. भोग लगाना: :
– व्रती लोग जन्माष्टमी के दिन ब्राह्मणों और बच्चों को भोजन बनाकर बोझ भर कर देते हैं।
– जन्माष्टमी के दिन, माखन, मिश्री, दही, फल, और प्रसाद के रूप में बहुत सारे मिठाई बनाए जाते हैं।
3. मिधानी:
– जन्माष्टमी की रात्रि में, भक्त गोपाल के अवतार को याद करते हुए, मिधानी (धन्याक) की रचना करते हैं।
4. भजन-कीर्तन:
– मंदिरों और भक्तों के घरों में भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
– रात को श्रीकृष्ण की लीलाएं और बाललीला का विशेष रूप से गायन किया जाता है।
5. झूला झूलाई:
– रात्रि में भक्त भगवान को झूला झुलाकर उन्हें आसान पर बिठाकर गीत गाते हैं।
इस रीति-रिवाज के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में जन्माष्टमी के आयोजन, कथा गायन, और नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो भक्तों को सांत्वना और आनंद प्रदान करता है।
लड्डू गोपाल घर में कितने रखने चाहिए? | Laddo Gopal ghar mein kitne rakhne chahiye
लड्डू गोपाल को कहां रखना चाहिए? | Laddo Gopal ko kaha rajhna chahiye
घर पर लड्डू गोपाल की पूजा कैसे करें? | Ghar par Laddo Gopal ki pooja kaise kare
इस विधि से करें लड्डू गोपाल की पूजा – पंडित संतोष कुमार शर्मा ने बताया है कि दूध, दही, घी और गंजाजल से हर दिन गोपाल को स्नान कराएं और उसके बाद नए वस्त्र पहनाएं. फिर पूजा पाठ करें. माखन मिश्री का भोग लगाए. उसके बाद घर मे जो भी भोजन बने सबसे पहले प्रभु को अर्पित करें.