लड्डू गोपाल घर में रखने से क्या होता है? ( Laddu Gopal ghar me rakhne se kya hota hai? )
लड्डू गोपाल को घर में रखने से सुख-समृद्धि आती है। जिस घर में भी लड्डू गोपाल विराजमान होते हैं वहां खुशियां हमेशा बनी रहती हैं। नन्हें गोपाल की मनमोहक छवि सभी को अपनी ओर आकर्षित कर भक्तों के मन में भक्ति भाव को बढ़ाती है। श्री हरि के जो भी भक्त संतान सुख की चाह रखते हैं उन्हें लड्डू गोपाल को घर में अवश्य रखना चाहिए। भगवान कृष्ण उनकी संतान सुख की मनोकामना को अवश्य पूर्ण करते हैं बस इसके बदले में वे प्रेम और भक्ति भाव चाहते हैं।
लड्डू गोपाल जी को घर में कैसे रखें? ( Laddu Gopal Ji ko ghar me kaise rakhe? )
इस तरह घर में रखें लड्डू गोपाल :
1. घर में लड्डू गोपाल रखने का सबसे पहला नियम है उन्हें अपने परिवार के सदस्य के जैसे मानना।
2. लड्डू गोपाल को प्रतिदिन शंख से स्नान करवाना चाहिए क्योंकि शंख में लक्ष्मी का वास माना जाता है।
3. नन्हें गोपाल को हमेशा धुले हुए वस्त्र पहनाने चाहिए।
4. उनका शृंगार कर चन्दन का तिलक भी अवश्य लगाएं। चंदन उन्हें बहुत प्रिय है।
5. जितने समय आप भोजन करते हैं उतनी ही बार लड्डू गोपाल को भी भोग लगाएं। ध्यान रहे कि वह भोजन सात्विक हो।
6. इन्हें घर में कभी अकेले नहीं छोड़ना चाहिए और उन्हें शयन भी कराएं।
लड्डू गोपाल को कौन सा रंग पसंद है? ( Laddu Gopal ko kaun sa rang pasand hai? )
वैसे तो लड्डू गोपाल को पीला रंग बहुत पसंद है पर इन्हें सप्ताह में हर दिन अलग रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए। इन्हें सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल कपड़ा पहनाने से वे प्रसन्न रहते हैं।
लड्डू गोपाल को खाने में क्या पसंद है? ( Laddu Gopal ko khane me kya pasand hai? )
श्री कृष्ण यानि लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री और दही बहुत पसंद होता है। घर के बने दही, माखन, मिश्री का भोग लगाने से कृष्ण भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं।
कृष्ण जी को लड्डू गोपाल क्यों कहा जाता है? ( Krishna ji ko laddu gopal kyu kaha jata hai? )
Laddu Gopal Story : ब्रजभूमि में कृष्ण भगवान के बहुत बड़े भक्त कुंभनदास रहते थे जिनके पुत्र का नाम रघुनंदन था। कुंभनदास के पास बांसुरी बजाते हुए श्री कृष्ण का एक विग्रह ( laddu gopal ki murti ) था जिसे वे दिन-रात सुबह शाम पूजते थे और भक्ति में लीन रहा करते थे। कभी कहीं जाना भी होता था तो वे जाते नहीं थे ताकि उनकी भक्ति में किसी तरह का विघ्न न हो।
एक बार कुंभनदास के पास वृन्दावन में भागवत कथा का न्योता आया। पहले तो उन्होंने इस कथा के साफ़ मना कर दिया पर जब लोगों ने उनसे आग्रह किया तो वे जाने के लिए मान गए। कथा में जाने से पहले उन्होंने अपने बेटे को समझा दिया कि ठाकुरजी को भोग लगा दिया करना। रघुनंदन ने भोजन की थाली ठाकुर जी के सामने रखी और आग्रह किया कि ठाकुर जी कृपया पधारो और भोग लगाओ। रघुनंदन था तो बालक ही उसके मन में तो यह था कि ठाकुर जी सच में आते होंगे और भोग लगाते होंगे। वह हठ करने लगा फिर भी ठाकुरजी नहीं आये तो वह रोने लगा।
बालक की ज़िद के आगे आख़िरकार ठाकुर जी हार गए और बालक का रूप धारण कर भोजन ग्रहण करने आये। कुम्भनदास ने पूछा तो बेटे ने कहा कि हाँ ठाकुरजी ने सारा भोजन खा लिया है। ऐसे ही कुछ दिन तक चलता रहा तो कुम्भनदास को शक हुआ कि उनका बेटा झूठ बोलने लगा है।
रघुनंदन ने रोज की तरह ठाकुरजी को आवाज़ लगाई तो ठाकुरजी बालक रूप में प्रकट हो लड्डू खाने लगे। यह दृश्य देख कुंम्भनदास दौड़ते हुए आये और प्रभु के चरणों में गिर गए। उस समय ठाकुरजी के एक हाथ में लड्डू था और दूसरे हाथ का लड्डू मुख में जाने को ही था कि वे तुरंत जड़ हो गये। उसके बाद से भगवान श्री कृष्ण ‘लड्डू गोपाल’ कहलाये जाने लगे। इस तरह से भगवान श्री कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल पड़ा।
लड्डू गोपाल का कौन सा दिन होता है? ( Laddu Gopal ka kaun sa din hota hai? )
भगवान विष्णु का दिन गुरूवार होता हैं और महीने में सबसे शुभ दिन एकादशी का माना जाता है जबकि लड्डू गोपाल का दिन जन्माष्टमी माना जाता है। लड्डू गोपाल ( laddu gopal online )के जन्म के समय आधी रात का समय था, चन्द्रमा उदय हो रहा था, रोहिणी नक्षत्र भी था। इसलिए इस दिन को हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
लड्डू गोपाल को कब अपने घर में स्थापित करें? ( Laddu Gopal ko kab apne ghar me sthapit kare? )
लड्डू गोपाल को कृष्ण जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर घर में स्थापित करना चाहिए। यह दिन स्थापना के उद्देश्य से सबसे शुभ माना जाता है।
लड्डू गोपाल को कैसे सुलाना चाहिए? ( Laddu Gopal ko kaise sulana chahiye? )
लड्डू गोपाल घर के सदस्य और नन्हे बालक के रूप में होते हैं उन्हें ठीक वैसे ही सुलाया जाना चाहिए जैसे कोई माँ अपने शिशु को सुलाती है।
घर के मंदिर में भगवान को भोग कैसे लगाएं? ( Ghar ke mandir me bhagwan ko bhog kaise lagaye? )
भगवान को भोग लगाते समय ध्यान रहे कि उसमें तुलसी का पत्ता जरूर हो। विशेषकर भगवान विष्णु और कृष्ण के भोग में तुलसी अवश्य शामिल होनी चाहिए।
भगवान को भोग लगाते समय क्या बोलते हैं? ( Bhagwan ko bhog lagate samay kya bolte hain? )
भगवान को भोग लगाते समय नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए।
”त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये । गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।”
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