कांवड़ यात्रा | Kavad Yatra
Kavad Yatra : इस वर्ष, भगवान शिव के प्रसन्न करने का पर्व आगामी चार जुलाई से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर हरिद्वार सहित पूरी देवभूमि केसरिया रंगों में रंगेगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी हरिद्वार और ऋषिकेश में दूसरे राज्यों के कांवड़ यात्री आएंगे और गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।
कावड़ यात्रा का इतिहास ( Kavad Yatra Ka Itihaas )
कांवर यात्रा ( Kavad Yatra ) का इतिहास बहुत पुराना है। इसी मान्यता है कि जब समुद्र मंथन के दौरान विष पीने के बाद भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया था। इस भयंकर समस्या को हल करने के लिए भगवान शिव ने जलाभिषेक किया, जिससे उनको राहत मिली। इसीलिए उन्हें कांवर यात्रा ( Kanwar Yatra ) के दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो।
कैसे बनती है कांवड़ ( Kaise Banate hain Kanwar )
- हरिद्वार में कई स्थानों पर कांवड़ तैयार किया जाता है।
- कांवड़ बनाने के लिए बांस, फेविकोल, कपड़े, डमरू, फूल-माला, घुंघरू, मंदिर, लोहे का बारीक तार, और मजबूत धागे का उपयोग किया जाता है।
- कांवड़ तैयार होने के बाद उसे फूल-माला, घंटी, और घुंघरू से सजाया जाता है।
- इसके बाद, गंगाजल का भार पिटारियों में भरकर, धूप और दीप जलाकर, भोले के जयकारों और भजनों के साथ, कांवड़ यात्री जल भरने आते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं।
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कांवड़ यात्रियों के लिए नियम – कावड़ यात्रा के नियम ( Kawad Yaatriyoo Ke liye Niyaam )
- कांवड़ यात्री बिना नहाए नहीं चल सकते।
- तेल, साबुन, और कंघी का उपयोग नहीं करते।
- सभी कांवड़ यात्री एक-दूसरे को भोला या भोली कहकर बुलाते हैं।
- ध्यान देना होता है कि कांवड़ जमीन से संपर्क न करें।
- डाक कांवर यात्रा में शरीर से उत्सर्जन की क्रियाएं वर्जित होती हैं।
कांवड़ यात्रा कितने प्रकार से की जाती है ( Kanwar Yatra kitne prakaar se kee jaate hain )
चार प्रकार से की जाती है कांवड़ यात्रा
सामान्य कांवड़ : यह यात्री विशेष स्थानों पर ठहरकर आराम कर सकते हैं, लेकिन यह ध्यान देने लायक है कि वे जमीन से संपर्क में न रहें। इसके दौरान, कांवड़ स्टैंड पर रखा जाता है।
डाक कांवड़ : इसमें यात्री शिव के जलाभिषेक तक बिना रुके लगातार चलते रहते हैं। यहाँ तक कि शरीर से उत्सर्जन की क्रियाएं भी वर्जित होती हैं।
खड़ी कांवड़ : इसमें भक्त खड़ी कांवड़ लेकर चलते हैं और उनके साथ कोई सहायक भी होता है।
दांडी कांवड़ : इसमें भक्त नदी के किनारे से शिवधाम तक यात्रा करते हैं, इसका पूरा क्रमश: दांड देते हुए। यह यात्रा बहुत ही कठिन होती है, जिसमें कई दिन या अक्सर एक महीने तक का समय लग सकता है।
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कावड़ यात्रा फोटो – kavad image – Kavad Yatra Photo
कांवड़ यात्रा क्यों की जाती है? ( Kawad Yatra kyu ki jaate hain )
कांवड़ यात्रा के कितने प्रकार होते हैं? ( Kanwar Yatra ke kitne prakaar hote hain )
- सामान्य कांवड़
- डाक कांवड़
- खड़ी कांवड़
- दांडी कांवड़
कावड़ यात्रा किसने शुरू की थी? ( Kanvar Yatra kisane shuru ki the )
क्या लड़कियां कावड़ यात्रा कर सकती हैं? ( Kya ladkiya Kavad Yatra kar sakate hain )
कावड़ का इतिहास क्या है? ( Kavad ka Itihaas kya hain )
सावन में कांवर क्यों लगाते हैं? ( Saavan mein Kanwar kyu lagate hain )
कावड़ का मतलब क्या होता है? ( Kawad ka Matlab kya hota hain )
कावड़ यात्रा कितने प्रकार है? ( Kawad Yatra ke kitane prakaar hain )
Kavad Shivratri 2024 in hindi ( kawad shivratri 2024 date ) : kawad yatra 2024 shivratri
इस साल कब है महाशिवरात्रि : इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा।
कांवर यात्रा कैलेंडर – Kanwar Yatra Date List
Year | Date |
---|---|
2024 | Monday, 22nd of July |
2025 | Friday, 11th of July |
2026 | Thursday, 30th of July |
2027 | Monday, 19th of July |
2024 में कावड़ का जल कब का है | 2024 kavad yatra kab hai ( 2024 mein kavad yatra kab hai ) Kavad Jal 2024
कांवड़ यात्रा | Kavad Yatra : इस वर्ष, भगवान शिव के प्रसन्न करने का पर्व आगामी चार जुलाई से शुरू हो रहा है।
Kavad Yatra 2023 Date
2023 में कांवर यात्रा 4 जुलाई को थी और यह 15 जुलाई, 2023 को समाप्त होगी। कांवर यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाई जाने वाली एक वार्षिक पवित्र तीर्थयात्रा है।
कांवड़ का अर्थ | Kavad Ka Arth
कावड़ यात्रा का इतिहास – Kavad Yatra History
Kawad Yatra 2024 start – Kawad Yatra 2024 Jal date
इस वर्ष, भगवान शिव के प्रसन्न करने का पर्व आगामी चार जुलाई से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर हरिद्वार सहित पूरी देवभूमि केसरिया रंगों में रंगेगी।
Kawad Shivratri 2024 – Kawad wali Shivratri kab ki hai
कावड़ यात्रा में क्या खाना चाहिए ? | Kawad Yatra mein kya khana chahie
कावड़ यात्रा मंत्र | Kavad Yatra Mantra
शिव जी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा
महादेव के अवतार का नाम | Mahadev ke avatar name
- वीरभद्र
- पिप्पलाद
- नंदी अवतार
- भैरव अवतार
- अश्वत्थामा
- शरभावतार
- गृहपति
- ऋषि दुर्वास
- हनुमान जी
- वृषभ
- यतिनाथ
- कृष्णदर्शन
- अवधूत
- भिक्षुवर्य
- सुरेश्वर
- किरात
- ब्रह्मचारी अवतार
- सुनटनतर्क
- यक्ष अवतार. ये शिवजी के 19 अवतारों के नाम हैं.
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Sunil