कालसर्प दोष कब हैं 2024 में | Kaal Sarp Dosh kab hain 2024 mein
साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी को आने वाली है और इस पौष मास की इस अमावस्या को पितरों की शांति के लिए शुभ माना जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन कालसर्प दोष की पूजा ( Kaal Sarp Dosh Puja ) करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
काल सर्प दोष क्या है ( Kaal Sarp Dosh kya hain )
कालसर्प दोष एक अशुभ योग है. जिसका निर्माण जब किसी की भी कुंडली में होता है तो उसे मुश्किलों और दिक्कतों का सामना उठाना पड़ सकता है. अगर किसी की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते हैं तो इस दोष को ही कालसर्प दोष ( Kalsarpa Dosha ) कहा जाता है.
काल सर्प दोष पूजा उज्जैन ( Kaal Sarp Dosha Pooja Ujjain ) – Kaal Sarp Dosh puja
उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में काल सर्प दोष निवारण की पूजा ( Kaal Sarp Dosh Puja ) होती है. यहां दर्शन करने मात्र से ही काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है. महज 100 रुपए में पूजा कर इससे मुक्ति पाई जा सकती है. ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को Kalsarpa Dosh हो तो उनके बने बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं
कालसर्प दोष के फायदे ( Kaal Sarp Dosh ke Fayde ) – Kaal Sarp Dosha Ke Fayde
कालसर्प दोष ( Kala Sarpa Dosha ) के कुंडली मे होने से नौकरी मे शोहरत और ऊँचे पदका लाभ भी मिलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प के मुख में शनि की स्थिति शुभ मानी जाती है,ऐसे व्यक्ति बहुत प्रभावशाली होते हैं। उनका माइंड पढ़ाई मे बहुत तेज होता है। कालसर्प दोष के शुभ स्थिति मे होने पर जातक एकाग्रचित होकर अपना कार्य करते है।
काल सर्प दोष के लक्षण ( Kaal Sarp Dosh ke Lakshan )
काल सर्प दोष के प्रमुख लक्षण है : बाल्यकाल में किसी भी प्रकार की बाधा का उत्पन्न होना. अर्थात घटना-दुर्घटना, चोट लगना, बीमारी आदि का होना. विद्या अध्ययन में रुकावट होना या पढ़ाई बीच में ही छूट जाना. पढ़ाई में मन नहीं लगना या फिर ऐसी कोई आर्थिक अथवा शारीरिक बाधा जिससे अध्ययन में व्यवधान उत्पन्न हो जाए.
काल सर्प दोष क्यों होता है ( Kaal Sarp Dosha kya hota hain )
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तबकालसर्प दोष ( Kala Sarpa Dosha )नामक योग का निर्माण होता है।
काल सर्प दोष का निवारण कहाँ होता है ( Kaal Sarp Dosh ka kaha hota hain )
कालसर्प दोष निवारण पूजा ( Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja ) : नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर कालसर्प दोष से मुक्ति पाने का सबसे प्रसिद्ध स्थान है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर का बहुत महत्व है। यहां हर साल लाखों जातक कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए आते हैं।
काल सर्प दोष का उपाय – काल सर्प दोष पूजा विधि ( Kaal Sarp Dosh Ka Upay )
1) काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
2) प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।
3) इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।
4) प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
काल सर्प दोष निवारण मंत्र ( Kaal Sarp Dosh Nivaran Mantra )
कालसर्प दोष निवारण ( Kaal Sarp Dosh Nivaran ) मंत्रनाग गायत्री मंत्र : ‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्। ‘ इस मंत्र को Kaal Sarp Dosh Nivaran के लिए प्रभावी माना जाता है. इसके अलावा आप ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ नागदेवताय नम:’ मंत्र का जाप कर सकते हैं. रुद्राक्ष माला से 108 बार जप करना होता है.
कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध ( Kaal Sarp Dosh Pooja ke baad pratibandh )
कालसर्प दोष पूजा ( Kaalsarp Puja ) के बाद क्या नहीं करना चाहिए ?
जातक को बीड़ी व सिगरेट जेसी चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
जातक को किसी भी प्रकार के नशे वाली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिये।
घर मे सभी से अच्छा व्यवहार रखना चाहिये।
मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
व्रत के दिनों में किसी भी पूजा का आयोजन न करें।
कालसर्प दोष कितने समय तक रहता है? ( Kaal Sarp Dosh kitne samay tak rehata hain )
Kaalsarp दोष का प्रभाव सालों तक चल सकता है, लेकिन इसकी अवधि कुंडली के निर्माण, ग्रहों के स्थिति, दशा-अंतर आदि पर निर्भर करती है। अधिकांश ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यदि कुंडली में Sarpa Dosha है, तो इसका प्रभाव प्रारंभी तीन सालों में दिखने लगता है और सबसे अधिक गहराई प्राप्त करता है बारहवें वर्ष से आगे।
कालसर्प दोष पूजा खर्च ( Kaal Sarp Dosh Puja cost – Kaal Sarp Dosh Pooja Karcha )
मंदिर के भीतर त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा को पूरा करने की लागत 2100/- भारतीय रुपये है। मंदिर के भीतर की जाने वाली कालसर्प शांति पूजा की कीमत ( kaal sarp dosh puja cost ) 2500/- रुपये थी। मंदिर के अंदर, पूजा के दौरान खरीद के लिए दो अलग-अलग प्रकार के टिकट उपलब्ध हैं।
कालसर्प दोष की पूजा कब होती है ( Kaal Sarp Dosh ki Pooja kab hote hain ) – Kalsarp Pooja )
हर सोमवार को भगवान शिवा को रूद्र अभिषेक समर्पित करना। जो व्यक्ति कालसर्प दोष से पीड़ित है उसे रोज भगवान विष्णु की साधना करनी चाहिए, जिससे कालसर्प दोष के हानिकारक प्रभाव कम होते है।
कालसर्प दोष दूर करने का 1 रामबाण उपाय ( Kaal Sarp Dosh door karane ka 1 Rambaan Upay )
जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें हर दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए। हनुमान चालीसा के पाठ को भी इस दोष से मुक्ति के लिए बहुत ही कारगर माना जाता है। इसलिए हर दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष (Anant Kaal Sarp Dosh ) है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप
महामृत्युंजय मंत्र जिसे मृत संजीवनी मंत्र भी कहते हैं. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से मरते हुए व्यक्ति को भी जीवन दान मिल सकता है.
कालसर्प दोष की पहचान कैसे करें? – काल सर्प दोष के लक्षण ( Kaal Sarp Dosh ki pehachan kaise karen )
Anant Kaal Sarp Dosh होने पर व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक रूप से हमेशा परेशान रहता है. कुछ जातकों को इस दोष की वजह से संतान संबंधी कष्ट भी उठाने पड़ते हैं. मतलब या तो वो संतानहीन रहता है या फिर संतान रोगी होती है. Kaal Sarp दोष होने पर जातक की नौकरी भी बार-बार छूटती रहती है और उसे कई कर्ज भी लेना पड़ जाता है.
कालसर्प दोष की पूजा कब करवानी चाहिए? ( Kaal Sarp Dosh ki Pooja kab karane chahiye)
नागपंचमी के दिन पूरे विधि विधान से पूजा कराने से काल सर्प दोष से मुक्ति अवश्य मिल जाती है। पितृ पक्ष – जातक पितृ पक्ष मे किसी भी दिन कालसर्प दोष शांति पूजा ( Kalsarp Shanti Puja )करवा सकता है, क्योंकि आश्विन कृष्ण पक्ष प्रथमा से अमावस्या तक के 15 दिनों में कालसर्प दोष और पितृ दोष की शांति के पूजा की जा सकती है।
कालसर्प दोष का प्रभाव कितने वर्ष तक रहता है? ( Kaal Sarp Dosh ka prabhaav kitne varsh tak rehata hain )
ज्योतिष शास्त्र में इन सबका कारण कुंडली में दोष का होना बताया जाता है. काल सर्प दोष इन्ही में से एक प्रमुख दोष होता है. कालसर्प दोष के कारण ग्रहों के शुभ फल देने की क्षमता समाप्त हो जाती है. ऐसे जातक को 42 साल की उम्र तक परेशानियां झेलनी पड़ सकती है, लेकिन कई बार कुछ लोगों की कुंडली में कालसर्प योग शुभ प्रभाव देता है.
कालसर्प योग कब लगता है? ( Kaal Sarp Yog kab lagata hain )
जब कुंडली के पंचम भाव में राहु स्थित हो और ग्यारहवें भाव में केतु और बाकी सारे ग्रह राहु-केतु अक्ष के एक ही तरफ स्थित हों तो इस स्थिति में पद्म कालसर्प योग का निर्माण होता है। ऐसा व्यक्ति अपने पूर्वजों (यथा दादा,परदादा आदि) के शाप से शापित होता है या फिर उसके किसी पूर्वज ने ही उसके रूप में जन्म लिया होता है।
कालसर्प दोष के लिए कौन सा रत्न पहने? ( Kaal Sarp Dosh ke liye kaunsa Ratn Pehene )
गोमेद रत्न धारण करें: काल सर्प दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं। इस रत्न का रंग शहद जैसा होता है। मान्यता है कि यह रत्न राहु ग्रह से जुड़ा हुआ है जो इस ग्रह से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करता है। गोमेद रत्न धारण करने से कालसर्प दोष ( Sarpa Dosha ) को दूर किया जा सकता है।
कालसर्प दोष कितने प्रकार? ( Types of Kaal Sarp Dosh )
कालसर्प दोष के कितने प्रकार है?
अनन्त कालसर्प योग
कुलिक कालसर्प योग
वासुकि कालसर्प योग
शंखपाल कालसर्प योग
पद्म कालसर्प योग
महापद्म कालसर्प योग
कर्कोटक कालसर्प दोष
तक्षक कालसर्प दोष
कालसर्प दोष की पूजा कौन से मंदिर में होती है? ( Kaal Sarp Dosh ki Pooja kaunse Mandir mein hote hain )
कालसर्प दोष ( Kaal Sarp Dosha ) मुक्ति के लिए मंदिर में पूजा : सबसे पहले प्रयाग के संगम में स्नान करना चाहिए. फिर वासुकी नाग मंदिर में मटर, चना, फूल, माला और दूध के साथ जाएं
कालसर्प दोष सच या झूठ ( Kaal Sarp Dosh sach yaa jhoot hain )
Kala Sarpa Dosha के झूठे होने का आशय यह हुआ कि हमारा सर्वाधिक प्रतिष्ठित और मान्य तीर्थस्थान का केंद्र मात्र है, जो अपने व्यावसायिक लाभ के लिए ‘कालसर्प’ दोषका मिथ्या प्रचार कर रहा है। दोनों में से कोई एक ही तथ्य सत्य हो सकता है। अत: ‘कालसर्प’ दोष की सत्यता या मिथक का निर्णय उपरोक्त बातों के आधार पर आप स्वयं कर सकते हैं।
कालसर्प दोष पूजा सामग्री ( Kaal Sarp Dosh Pooja saamagree )
कालसर्प दोष निवारण पूजा ( Kaal Sarp Dosh Puja ) | Kaal Sarp Dosh Puja in Trimbakeshwar
‘सामग्री‘
‘मात्रा’
पानी वाला नारियल
1 पीस
जटादार सूखा नारियल
1 पीस
अक्षत (चावल)
1 किलो
धूपबत्ती
1 पैकेट
कालसर्प दोष शांति पूजन विधि ( Kaal Sarp Dosha Shanti Poojan Vidhi )
काल सर्प दोष की पूजा ( Kalsarp Pooja ) घर में भी की जा सकती है। प्रत्येक सोमवार को प्रातः सूर्योदय के समय एक घंटे के भीतर स्नान से निवृत्त होकर शुद्धिपूर्वक शिवलिंग पर 11 अक्षत यानी साबुत चावल के दाने “श्री राम” का उच्चारण करते हुए अर्पित करें एवं मन ही मन अपनी विशेष इच्छा का स्मरण करें।
कालसर्प दोष के निवारण हेतु साल में सबसे शुभ दिन कौन होता है? ( Kaal Sarp Dosha ke Nivaran Hetu saal mein shubh sin kaunsa hota hain )
सावन के महीने में सोमवार के दिन नाग पंचमी पर्व पड़ने से इस बार नाग पंचमी का महत्व काफी बढ़ जाता है। वहीं, नाग पंचमी काल सर्पदोष और राहु-केतु दोष को दूर करने के लिए अच्छा मौका है। इस विशेष तिथि के दिन कुछ उपायों की मदद से कुंडली के कई दोष दूर किए जा सकते हैं।
त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प पूजा क्यों की जाती है? – काल सर्प पूजा त्र्यंबकेश्वर में क्यों होती है? ( Kaal Sarp Dosh Puja in Trimbakeshwar )
जब राहु 12वें घर में और केतु छठे घर में होता है। जातक मुकदमेबाजी, मुक़दमे हारने, शत्रुओं और खराब स्वास्थ्य से पीड़ित होता हैइन काल सर्प दोषों को खत्म करने के लिए , त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर में काल सर्प दोष निवारण पूजा करना अनिवार्य है।
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा का खर्च कितना है? (Trimbakeshwar Kaal Sarp Puja Price ) -Kaal Sarp Dosh Trimbakeshwar
यदि आप एक एसी हॉल का चयन करते हैं तो यह काल सर्प दोष पूजा के लिए 1500/INR शुल्क लेगा। मंदिर के अंदर काल सर्प दोष पूजा( Trimbakeshwar Kaal Sarp Puja ) कराने के इच्छुक व्यक्ति को 2100/- का शुल्क लगता है। मंदिर के अंदर काल सर्प दोष पूजा करने का अन्य शुल्क मंदिर में दो अलग-अलग टिकटों के लिए 2500/- है।
त्र्यंबकेश्वर में कौन सी पूजा की जाती है? ( Trimbakeshwar Kaal Sarp Puja ) – Kaal Sarp Puja
Best Pandit for Kaal Sarp Puja in Trimbakeshwar – जीवन में उनकी वर्तमान स्थिति से राहत पाने के लिए काल सर्प पूजा नामक एक विशेष पूजा आयोजित की जाती है। कालसर्प पूजा ( Kaalsarp Puja )कालसर्प योग के उपचार के लिए की जाती है। यह नासिक के त्र्यंबकेश्वर में किया जाता है, जिसमें पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का 108 बार जाप किया जाता है।
काल सर्प के क्या लाभ हैं? ( Kaal Sarp Dosh Pooja ) – Kalsarpa Dosha – Kaalsarp Puja
काल सर्प पूजा ( Kalsarpa Dosha Puja ) करने से आपको निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करें।
राहु और केतु के प्रभाव को शांत करता है और भाग्य कारक को बढ़ाता है।