2024 में बसंत पंचमी कब है? | 2024 Mein Basant Pacnhami kab hain
Basant Panchami 2024 – दरअसल, इस वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 तारीख को शुरू हो जाएगी, जिसका समय दिन के दो बजकर 41 मिनट है. यह 14 फरवरी को लगभग 12 बजकर 10 मिनट के करीब समाप्त हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि 14 फरवरी होने के कारण इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा 14 तारीख को होगी.
वसंत पंचमी 2024 की तिथि | Vasant Panchami 2024 ki Tidhi
माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02:41 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12:09 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल वसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा क्योंकि उदय तिथि 14 जनवरी को हो रही है।
वसंत पंचमी 2024 पर पूजा का शुभ मुहूर्त | Basant Panchami 2024 par pooja/puja ka shubh muhurat
14 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक होगा। इस दिन पूजा के लिए आपके पास करीब 5 घंटे 35 मिनट का समय होगा।
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वसंत पंचमी की पूजा विधि | Vasant Panchami Ki Pooja Vidhi
बसंत पंचमी मनाने के पीछे क्या कारण है? | Basant Panchami manane ke peechee kya kaaran hain
सिखों के लिए में बसंत पंचमी के दिन का बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) के दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह जी का विवाह हुआ था।
बसंत पंचमी का महत्व क्या है? | Basant Panchami ka mahatv kya hain
धार्मिक वेद एवं पुराणों में बसंत पंचमी ( Vasant Panchami ) पर्व के महत्व के विषय में विस्तार से बताया है। बता दें कि भारत में छह मुख्य ऋतू हैं, जिनमें से बसंत ऋतू को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) के दिन ही भगवान ब्रह्मा जी के जिह्वा से वाणी, ज्ञान और बुद्धि की देवी माता सरस्वती प्रकट हुई थीं।
7 जुलाई को कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 3: 13 मिनट पर आरंभ होगी और 7 तारीख की मध्यरात्रि 12 :18 मिनट पर समाप्त होगा। 21 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त को रात 12: 23 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी। 21 तारीख को रात में 2: 01 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी।
बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? | Basant Panchami ka dusra naam kya hain
बसंत पंचमी को श्रीपंचमी, ज्ञान पंचमी और मधुमास के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) दिन से सर्दियां समाप्त हो जाती है. इस दिन संगीत और ज्ञान की देवी की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है.
वसंत पंचमी कौन सा भगवान है? | Vasant Panchami kaunsa bhagwan kaa hain
और, Basant Panchami जो देवी सरस्वती की पूजा करने का अवसर है, ज्ञान का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि कुछ परंपराओं में, इस दिन बच्चों को शिक्षा की शुरुआत की जाती है।
बसंत पंचमी पर क्या पढ़ना चाहिए? | Basant Panchami par kya padhana chahiye
- रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र
- Shiva Chalisa : श्रावण मास में पढ़ें पवित्र श्री शिव चालीसा- जय गिरिजा पति दीन दयाला
- श्री दुर्गा चालीसा : नमो नमो दुर्गे सुख करनी…
- Shri Bajrang ban | श्री बजरंग बाण का पाठ
- How To Read Choghadiya | शुभ चौघड़िया मुहूर्त को ऐसे पहचानें..
- Shanidev Chalisa | श्री शनि चालीसा
वसंत पंचमी पर हमें क्या करना चाहिए? | Vasant Panchami par hame kya karna chahiye
लोग पीले (सफ़ेद) कपड़े पहनकर, मीठे व्यंजन खाकर और घरों में पीले फूल दिखाकर बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) को मनाते हैं। राजस्थान में लोगों द्वारा चमेली की माला पहनने की प्रथा है। महाराष्ट्र में, नवविवाहित जोड़े शादी के बाद पहली बसंत पंचमी पर मंदिर जाते हैं और पूजा करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन किसका जन्म हुआ? | Basant Panchami ke din kiska janam hua tha
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही विद्या की देवी मां सरस्वती ( Devi Maa Sarasvati ) का जन्म हुआ था. बसंत पंचमी के दिन कुछ काम करना बहुत ही शुभ माना जाता है, वहीं कुछ कार्यों की मनाही होती है. आइए जानते हैं इसके बारे में. बसंत पंचमी के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान कर के पीले वस्त्र धारण करें.
वसंत पंचमी में किसकी पूजा की जाती है? | Vasant Panchami mein kiske pooja – puja ki jaate hain- Basant Panchami 2024
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से बसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. इसी वजह से इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है.
बसंत पंचमी पर क्या खाना चाहिए? | Basant Panchami par kya khana chahiye
- खिचड़ी मकर संक्रांति की तरह बसंत पंचमी के दिन पीले चावल वाली खिचड़ी बनाना अच्छा रहता है. …
- केसरी चावल बसंत पंचमी ( Basant Panchami )के मौके पर भारत के अधिकतर घरों में लोग केसरी चावल का प्रसाद तैयार करते हैं. …
- केसरी मिठाई
- मूंग दाल का हलवा
- पकोड़ा कढ़ी
बसंत पंचमी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए? | Basant Panchami ke din kya nahi khana chahiye
बसंत पंचमी ( Vasant Panchami ) के दिन भूलकर भी आपको मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से माता सरस्वती आपके ऊपर नाराज हो सकती हैं और भी बिगड़ सकते हैं। बसंत पंचमी के दिन जहां तक संभव हो सात्विक भोजन का ही सेवन करें। इस दिन आपको किसी भी रूप में तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए अन्यथा आपके घर की सुख समृद्धि छिन सकती है।
बसंत पंचमी के दिन क्या दान करना चाहिए? | Basant Panchami ke din kya daan karna chahiye
ज्योतिष शास्त्र में मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि, गायन व स्वर की देवी माना गया है। इस दिन स्टेशनरी से संबंधित जैसे कॉपी, पेंसिल, पेन, किताबें आदि का दान करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
बसंत पंचमी पर क्या उपाय करें? | Basant Panchami par kya upaay karen
बसंत पंचमी ( Basant Panchami 2024 )पर मां सरस्वती की हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई का भोग लगाकर उनकी पूजा की जाती है. इस दिन देवी सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करने से बुद्धि तेज होती है. इस दिन सभी स्कूल-कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.
बसंत पंचमी को हम सरस्वती देवी की पूजा क्यों करते हैं? ( Basant Panchami ko hum Saraswati devi ki puja kyu karte hai? )
बसंत पंचमी को हम सरस्वती पूजा इसलिए करते है क्योंकि इस दिन उनका जन्म हुआ था और संसार में हर्ष-उल्लास भर गया था। यह दिन कला, ज्ञान और संगीत के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस दिन सरस्वती देवी की पूजा करने से उन्हें देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि किसी को अपनी बुद्धि या कौशल में वृद्धि करनी हो तो इस दिन जरूर पूजा की जानी चाहिए।
क्या सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए? ( Kya Saraswati puja ke din padhna chahiye? )
Saraswati Puja के दिन अपनी किताबों, वाद्य यंत्रों या कला से जुड़ी चीजों को देवी के चरणों में समर्पित किया जाता है और प्रार्थना की जाती कि देवी ज्ञान और कौशल का विस्तार करें। इस दिन पढ़ाई करना मना तो नहीं है पर सभी किताबें देवी को समर्पित कर दी जाती है ताकि उनका आशीर्वाद मिल सके। बताते चलें कि बसंत पंचमी के ही दिन बच्चे को सबसे पहला शब्द ॐ लिखना सिखाया जाता है। ॐ इस संसार में उत्पन्न होने वाला सबसे पहला अक्षर या शब्द माना गया हैं।
पंचमी क्यों मनाया जाता है? ( Panchami Kyu manaya jaata hain )
Why do we celebrate Basant Panchami : हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी ( Basant Panchami ) मनाई जाती है. इस दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है. मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं.
सरस्वती पूजा क्यों की जाती है?