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    Home » Ayodhya Ram Temple | आयोध्या राम मंदिर : श्रीराम की भव्य मूर्ति का समर्पण समारोह
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    Ayodhya Ram Temple | आयोध्या राम मंदिर : श्रीराम की भव्य मूर्ति का समर्पण समारोह

    Dhruv SahaniBy Dhruv SahaniJanuary 17, 2024Updated:January 17, 2024
    Ram Mandir Pran Pratishtha
    Ram Mandir Pran Pratishtha
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    परिचय

    Ayodhya Ram Temple – आयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर के समर्पण समारोह के आज के दिन की लाइव अपडेट्स। इस ऐतिहासिक पल में, भगवान श्रीराम की मूर्ति का समर्पण होगा, जिससे नए युग का आरंभ होगा।

    श्रीराम मंदिर ( Shree Ram Mandir ) : आध्यात्मिक महत्व

    श्रीराम मंदिर न केवल एक भव्य भवन है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी अत्यधिक है। मंदिर का निर्माण न केवल एक सामाजिक परियोजना है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। इसका निर्माण लोगों के दिलों में श्रीराम के प्रति श्रद्धा और आदर की भावना को और भी मजबूत करेगा।

    आयोध्या और रामलला ( Ayodhya aur Ram lalla ) : ऐतिहासिक संबंध

    आयोध्या ने हमेशा से हिन्दू धर्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपना स्थान बनाए रखा है। रामलला का मंदिर इस पवित्र शहर को और भी आदर्श बनाएगा, जो आत्मा को शांति और आत्म-समर्पण की ऊँचाइयों तक ले जाएगा।

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    Ayodhya ram mandir

    समर्पण समारोह की योजना

    आज का समर्पण समारोह बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक रीति-रिवाज शामिल होंगे। इसके साथ ही, भगवान श्रीराम की मूर्ति का समर्पण होगा, जिससे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्साह में वृद्धि होगी।

     आयोध्या नगर का रूप रेखा

    •   राम मंदिर
    • सीता कुंज
    • हनुमान मंदिर
    • कैलाश पर्वत
    • तुलसी मंदिर
    • कुशभवन
    • सरयू नदी
    •  रामलला का अवस्थान
    • हनुमान बाग

    समाप्ति

    इस ऐतिहासिक पल में, हम सभी मिलकर श्रीराम के मंदिर के समर्पण समारोह को एक नए युग की शुरुआत के रूप में स्वीकारते हैं। यह न केवल हिन्दू धर्म के प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा में बदलने का भी एक उत्कृष्ट दृष्टिकोण है। इस अद्वितीय घड़ी में, हम सभी भगवान श्रीराम की कृपा और शीर्वाद की कामना करते हैं।
    ayodhya temple
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    आयोध्या राम मंदिर ( Ayodhya Ram Mandir ) : भव्य उद्घाटन समारोह

    प्रस्तावना

    आज हम आपको लाएं हैं भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण पल की खबर, जो हमारे देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नए आयाम में ले जाने के लिए है – आयोध्या राम मंदिर का भव्य उद्घाटन समारोह।

     राम मंदिर: भारतीय सांस्कृतिक धरोहर

    राम मंदिर, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का प्रतीक है। यह स्थल हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है और इसका निर्माण भगवान राम के भक्तों द्वारा किया गया था।

     उद्घाटन समारोह: भव्यता का परिचय

    आयोध्या राम मंदिर ( Ayodhya Ram Temple ) का भव्य उद्घाटन समारोह विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ। इस समारोह में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर से आए भगवान के भक्तों ने भाग लिया। समारोह के दौरान एक शानदार मूर्ति प्रतिष्ठापन की गई और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।

    ram mandir photo
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    भगवान राम के भक्तों का उत्साह

    समारोह में भगवान राम के भक्तों का उत्साह अद्भुत था। लाखों लोग इस महोत्सव में भाग लेने के लिए आए और इस अद्वितीय क्षण को देखने के लिए स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय यात्री आए।

    धार्मिक एकता का संकेत

    यह उद्घाटन समारोह एक अद्वितीय प्रकार से धार्मिक एकता का संकेत है। इसमें सभी वर्गों, समुदायों और जातियों के लोगों ने एक साथ आकर इस महत्वपूर्ण पल को साझा किया, जिससे एक एकजुट राष्ट्र की भावना उत्कृष्ट हो रही है।

    सांस्कृतिक धरोहर का समर्थन

    आयोध्या राम मंदिर ( Ayodhya Ram Temple ) का निर्माण एक सांस्कृतिक और धार्मिक धारा को समर्थन करता है। इससे हमारे समाज में आदर्शों, मौल्यों और एकता का संदेश बढ़ रहा है।

    Jai Shree Ram
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    उदाहरण सांग्रहित करने के लिए एक डायग्राम

    आयोध्या राम मंदिर उद्घाटन
    उपस्थित भक्त
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
    पूजा अनुष्ठान
    लाखों भक्तों का समर्थन
    अंतरराष्ट्रीय यात्री
    महत्वपूर्ण भूमिका
    भगवान राम की मूर्ति
    शानदार मंदिर का निर्माण

    यह डायग्राम हमारे लेख को गहराई से समझाने में मदद करेगा और यह दर्शाएगा कि उद्घाटन समारोह में कैसे विभिन्न घटनाएं और प्रतिष्ठाने घटित हुईं।

    समापन

    इस लेख से हमने आयोध्या राम मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह की महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक पहलूओं को समझा है। यह समारोह हमारे समाज में एकता, धार्मिकता, और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्थन की भावना को बढ़ावा दे रहा है, जिससे हमारे देश की रूपरेखा को मजबूती मिलेगी।

     Ram Temple
    Ram Temple

    Ram Mandir Pran Prathishta: कैसे होगी प्राण प्रतिष्ठा?, क्या होगी पूजा विधि?

    Ram Mandir Pran Prathishta – प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा, और विभिन्न अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होंगे। जबकि प्राण प्रतिष्ठा का मूल अर्थ – मूर्ति को जीवन देना – काफी सरल है, समारोह में वेदों और पुराणों से लिए गए विभिन्न अनुष्ठान शामिल हैं। प्रत्येक का अपना महत्व है। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा का दिन धीरे-धीरे करीब आता जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह में शामिल होने के लिए 22 जनवरी को अयोध्‍या पहुंचेंगे। इससे पहले ही 16 जनवरी से कई अन्‍य अनुष्‍ठान शुरू हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्‍ठा का मूल अर्थ भगवान की प्रतिमा को जीवन देना है।

    Ayodhya Ram Temple – अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होने वाली है। यह मंदिर उस जगह पर बना है जिसे हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है। राम मंदिर का शिलान्यास 9 नवंबर, 1989 को हुआ था. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद साल 2020 में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई थी। राम मंदिर में कुल 46 दरवाज़े लगेंगे, जिनमें से 42 पर 100 किलोग्राम सोने की परत चढ़ाई जाएगी। गर्भगृह में सिर्फ़ एक दरवाज़ा होगा, जिसके चौखट के ऊपर भगवान विष्णु की शयन मुद्रा में चित्र को उकेरा गया है।

    प्राण प्रतिष्ठा क्या होता है? | Pran Prathishta kya hota hai? | Pran Pratishtha Meaning in Hindi

    प्राण प्रतिष्ठा, का अनुवाद ‘जीवन शक्ति की स्थापना’ या ‘देवता को जीवन में लाना’ है, और यह एक अनुष्ठान है जो एक देवता को एक मूर्ति में आह्वान करने, उसे एक पवित्र और दिव्य इकाई में बदलने के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म परंपरा में प्राण प्रतिष्ठा एक पवित्र अनुष्ठान है, जो किसी मूर्ति या प्रतिमा में उस देवता या देवी का आह्वान कर उसे पवित्र या दिव्य बनाने के लिए किया जाता है।
    ‘प्राण’ शब्द का अर्थ है जीवन जबकि प्रतिष्ठा का अर्थ है ‘स्थापना। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ जीवन शक्ति की स्थापना करना या देवता को जीवन में लाना होता है। बिना प्राण प्रतिष्ठा के कोई भी मूर्ति पूजा के योग्य नहीं मानी जाती है। मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा के जरिए मूर्ति में जीवन शक्ति का संचार होता है और वह मूर्ति देवता के रूप में बदल जाती है।

    Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर का विवाद एवं इसका इतिहास

    Ayodhya Ram Temple : भगवान राम के समय पर अयोध्या इतनी खूबसूरत थी की मानो स्वर्ग धरती पर आ बसा हो, जब भगवान राम के जल समादी लेने के बाद स्वर्ग जैसी दिखने वाली अयोध्या पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। आने वाली कई पीड़ियों ने अयोध्या मे अपना शासन किया और तरह तरह के अन्य सुंदर निर्माण किये ।

    ayodhya ram mandir
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    लेकिन भारत मे हुए पानीपत युद्ध के बाद; भारत मे मुगलों शासन का आक्रमण इस कदर बाद गया की, आक्रमणकारियों ने भारत के हर मंदिर तहस नहस कर दिया, जिसमे शामिल वाराणसी, मथुरा और अयोध्या जैसे स्थान भी थे। आक्रमणकारियों ने मंदिर मे रहने वाले पुजारिओ की बहरेमी से हत्या करदी गई और मंदिर मे रखी सभी मूर्तियों को तोड़ कर खंडित कर दिया गया। लेकिन भगवान राम का आशीर्वाद सदा अयोध्या मे बना रहा, मुगल शासकों के कई अभियान चलाने के बावजूद भी वह अयोध्या मे बने हुए राम मंदिर दवस्त नहीं कर पाए।

    आखिर मे सन 1527 मे बाबर के आदेश पर उनके सेनापति मीर बाकी के द्वारा करवाया गया आक्रमणकारियों हमले मे राम मंदिर को तोड़ दिया गया और राम मंदिर को तोड़ कर बाबरी मस्जिद का निर्माण कर दिया गया। समय बीता फिर आया साल 1992 जब बाबरी मजसीद को लोगों की बड़ी हिंसक ने गिरा दिया गया, जसई कारण भारी दंगे शुरू हुए जिसमे लग भग 2000 से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

    इसके बाद भारत मे राम मंदिर को लेके कई कानूनी कारवाई चली जिसमे आखिर मे 8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को लेके फैसले को अंजाम दिया, जिसमे कार्यकर्ताओ को 8 हफ्तों का समय दिया गया। जिसमे कार्यरताओ ने पूरे 8 हफ्ते का समय लिया और आखिर मे 1 अगस्त 2019 को वह रिपोर्ट को प्रस्तुत करने मे असफल रहे।

    अंत मे सुप्रीम कोर्ट ने 06 अगस्त 2019 मे अयोध्या राम मंदिर /Ayodhya Ram Temple के मामले को लेकर रोजाना सुनवाई शुरू करी। जिसमे 16 ऑक्टोबर को अयोध्या मामले की सुनवई पूरी हुई और फैसले को एक अंतिम तारिक के लिए आरक्षित रखा। फिर आया वो दिन जिसका इंटेजज़र हर एक भारतीय को था, तारिक 09 नवंबर 2019 जब अयोध्या मे ही राम मंदिर बनने का फैसला पूरे भारत को सुनाया गया।

    Ram Mandir Ayodhya
    Ram Mandir Ayodhya

    अयोध्या का इतिहास क्या है? | Ayodhya ka itehaas kya hain

    प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या/Ayodhya में हुआ था। 16वीं शताब्दी में, बाबर ने पूरे उत्तर भारत में मंदिरों पर आक्रमण की अपनी श्रृंखला में मंदिर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। बाद में, मुगलों ने एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जिसे राम की जन्मभूमि, राम जन्मभूमि का स्थान माना जाता है।

    अयोध्या में कौन सी चीज़ प्रसिद्ध है? | Which thing is famous in Ayodhya?

    राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी किले के बाद, कनक भवन अयोध्या/Ayodhya में सबसे प्रसिद्ध और अवश्य देखा जाने वाला मंदिर है। यह राम जन्मभूमि के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित है। भक्तों का मानना ​​है कि यह भवन रानी कैकेयी ने भगवान राम से विवाह के तुरंत बाद माता सीता को उपहार में दिया था।

    क्या अयोध्या के लिए 1 दिन काफी है? | Kya Ayodhya ke liye 1 din khafi hain

    01 अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों को देखने के लिए पूरा दिन पर्याप्त होगा । आप जम्मू-सियालदह एक्सप्रेस ले सकते हैं और अयोध्या स्टेशन पर उतरकर अयोध्या में रात बिता सकते हैं – अगले दिन अयोध्या के स्थानों का दौरा कर सकते हैं। शाम को दूसरे गंतव्य के लिए ट्रेन ले सकते हैं।

    अयोध्या हिंदी में | Ayodhya in hindi

    अथर्ववेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर कहा गया है, जिसकी तुलना स्वर्ग से की गई है। धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी, जो कई वर्षों तक रघुवंशी राजाओं की राजधानी भी रही। सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसे अयोध्या नगरी का प्राचीन नाम साकेत है।
    Ram mandir
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    अयोध्या कितने वर्ष पुरानी है? | Ayodhya kitne varsh purani hain

    अयोध्या/Ayodhya  कितना प्राचीन नगर है? माथुरों के इतिहास के अनुसार वैवस्वत मनु लगभग 6673 ईसा पूर्व हुए थे। इसका मतलब यह कि अयोध्या करीब 8697 वर्ष पुराना नगर है।
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