Ayodhya Ram Mandir History in Hindi | राम मंदिर का इतिहास कितना पुराना है?
Ayodhya Ram Mandir History – एक ऐसा दिन, जिसका 500 साल से बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, कितनी पीढ़ियां निकल गई इस दिन को देखने के लिए । आज से 150 साल पहले अयोध्या में कितने लोगों ने अपनी जान गवा दी थी, राम मंदिर के लिए 16वीं,17वीं, 18वीं, 19वीं शताब्दी में लोगों का सपना था, कि वह राम मंदिर बनता हुआ देखें कितनी पीढ़ियां खत्म हो गई पर हम कितने खुशनसीब हैं कि अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर हम बनता हुआ देख रहे हैं।
Ram Mandir History – इतिहासकारों के अनुसार 600 ईसा पूर्व अयोध्या में एक महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र था। इस स्थान को अंतरराष्ट्रीय पहचान 5वीं शताब्दी में ईसा पूर्व के दौरान तब मिली जबकि यह एक प्रमुख बौद्ध केंद्र के रूप में विकसित हुआ।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहां पंचवटी में आकर ठहरे थे। इस वजह से इस जगह को लेकर खास मान्यता है। यहां दूर-दूर से लोग भगवान राम के दर्शन करने आते हैं। प्रभु श्रीराम के बाद, अयोध्या का राजा उनके पुत्र लव था। लव ने पिता के बाद अयोध्या का राज्य संभाला था। इसके बाद, रामचंद्र के वंशजों ने अयोध्या के राज्य पर शासन किया।
हर एक भारतीय के लिए भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने अयोध्या में श्री राम जी का मंदिर बनवाया था और 1528 में बाबर ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को गिरवा कर वहां मस्जिद का निर्माण करवाया था। कहा जाता है सीतारामजी के अयोध्या में 3000 मंदिर थे। 1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच युद्ध हुआ था, 1528 तक बाबर की सेना अयोध्या पहुंची और तभी उस मंदिर को तुड़वाया, लेकिन 250 साल होने के बाद भी हिंदू इस बात को नहीं भूल पा रहे थे, कि भगवान राम के जन्म स्थान की जगह पर मंदिर तोड़ के मस्जिद कैसे बना दिया।
Ayodhya Ram Mandir Story in Hindi
प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। 16वीं शताब्दी में, बाबर ने पूरे उत्तर भारत में मंदिरों पर आक्रमण की अपनी श्रृंखला में मंदिर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। बाद में, मुगलों ने एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जिसे राम की जन्मभूमि, राम जन्मभूमि का स्थान माना जाता है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर को बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1525 में ध्वस्त करवाया था। इसके बाद, मुगलों ने बाबरी मस्जिद का निर्माण किया।बाबरी मस्जिद के बाहरी हिस्से में एक चबूतरे पर श्रीराम के बाल स्वरूप की पूजा होती थी। इसे राम चबूतरा कहते थे। 1949 में बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के ठीक नीचे वही मूर्ति निकली जो सदियों से राम चबूतरे पर विराजमान थी।
रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। 16वीं शताब्दी में, बाबर ने पूरे उत्तर भारत में मंदिरों पर आक्रमण की अपनी श्रृंखला में राम जन्मभूमि मंदिर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बाबर के सेनापति मीरबाकी के मस्जिद बनाने के 330 साल बाद 1858 में राम मंदिर के लिए लड़ाई कानूनी शुरू हुई थी। हालांकि, मंदिर के लिए मुहिम आजादी के बाद तेज हुई। देश के आजाद होने के दो साल बाद 22 दिसंबर 1949 को ढांचे के भीतर गुंबद के नीचे मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ।
Ayodhya Ram Mandir Case History In Hindi
1826 में एक रिपोर्ट आती है कि मस्जिद के जो पिलर्स हैं वह मंदिर से ही लगाए गए हैं उसके बाद एक ही जगह पूजा और नमाज होने लगी। 1885 में यह बात अदालत तक पहुंची, पर अदालत ने कुछ सुनवाई नहीं की फिर 1947 में जब देश आजाद हुआ उसके बाद लोगों को लगा कि हमें आजादी मिल गई है, अब तो राम मंदिर बन ही जाएगा पर किसी भी नेता की बातों से नहीं लगा कि राम मंदिर बन जाएगा। 1949 में विवादित जगह से घंटियों की आवाज आती है, वहां श्रीराम की पूजा हो रही होती है, हिंदू दावा करते हैं कि प्रभु राम की मूर्ति पिछले रात वहां पर प्रकट हो गई पर मुस्लिम कहते हैं, कि यह रात को वहां पर प्रकट नहीं हुई, इस मूर्ति को वहां पर रखा गया।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बाबर के सेनापति मीरबाकी के मस्जिद बनाने के 330 साल बाद 1858 में राम मंदिर के लिए लड़ाई कानूनी शुरू हुई थी। हालांकि, मंदिर के लिए मुहिम आजादी के बाद तेज हुई। देश के आजाद होने के दो साल बाद 22 दिसंबर 1949 को ढांचे के भीतर गुंबद के नीचे मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ।
राम मंदिर का विवाद 1528 से शुरू हुआ था। उस साल, दिल्ली को जीतने के बाद बाबर के आदेश पर अयोध्या में मौजूद राम मंदिर को तोड़ दिया गया था। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने राम मंदिर के स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण कराया, जिसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।1813 में, हिंदू संगठनों ने पहली बार बाबरी मस्जिद पर दावा किया था. उनका दावा है कि अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी।
1858 में, परिसर में हवन और पूजन करने को लेकर एक एफआईआर हुई।1885 में, महंत रघुबर दास ने राम चबूतरे पर छतरी लगाने की याचिका लगाई थी, जिसे फैज़ाबाद की ज़िला अदालत ने ठुकरा दिया था। 134 साल तक चली कानूनी लड़ाई 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले से खत्म हुई।
राम मंदिर की खुदाई में क्या क्या मिला है? | Ram Mandir ki khudai me kya kya mila hai?
इस दौरान खुदाई में 12 पिलर्स मिले थे.” केके मोहम्मद के मुताबिक, साल 2003 में विवादित परिसर में खुदाई के दौरान 90 से ज्यादा पिलर्स मिले थे।खुदाई के दौरान ही मंदिर से जुड़ी हुई करीब 216 से ज्यादा देराकोटा की मूर्तियां भी मिली थी।उन्होंने ये भी बताया कि विवादित परिसर में खुदाई के दौरान प्रणाला भी मिला।
ayodhya history
अयोध्या में राम मंदिर की खुदाई में प्राचीन मंदिर के अवशेष भी मिले हैं।इनमें खंभे, मूर्तियां, पत्थर, शिलालेख, शिवलिंग के अवशेष, और अन्य पत्थर शामिल हैं।ये सभी अवशेष मंदिर परिसर में सुरक्षित रखे गए हैं। रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्तों को ये अवशेष देखने का भी मौका दिया जाता है। इसके लिए गैलरी में इन्हें रखा गया है जहां इनसे जुड़ी जानकारी दी जाएगी।
राम मंदिर से पहले क्या था? | Ram Mandir se pehle kya tha?
यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जिसे हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है। पहले, इस स्थान पर बाबरी मस्जिद थी, जिसका निर्माण एक मौजूदा गैर-इस्लामी ढांचे को ध्वस्त करने के बाद किया गया था, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया था।
Ram Mandir History
अयोध्या में राम मंदिर से पहले बाबरी मस्जिद थी। माना जाता है कि बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1525 में राम जन्मभूमि पर बने मंदिर को ध्वस्त करवाकर वहां मस्जिद बनवाई थी।2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विवादित भूमि पर फैसला सुनाया था. इसमें कहा गया था कि यह भूमि हिंदुओं की है, जो इस पर राम मंदिर का निर्माण कर सकते हैं।
Time Capsule Ram Mandir in Hindi
राम मंदिर की कहानी 1000 साल बाद भी जीवित रहेगी। इसमें 1000 फीट मंदिर के नीचे एक टाइम कैप्सूल को रखा गया है । राम जन्मभूमि अयोध्या और भगवान राम से जुड़ी कुछ बातें हैं।इसके अंदर एक टाइम कपसूल है , आज से जब हजारों साल बाद भी इसे देखा जाएगा तो मंदिर से जुड़ी सारी बातें जान पाएंगे। वो लोग जो इसे देखेंगे भगवान राम की मूर्ति कई हजारों साल पुराने शालिग्राम शीला पावन पत्थर से बनी है । यह नेपाल से लाया गया है।
Ayodhya Ram Mandir
इस पत्थर को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है और भगवान राम उनके अवतार माने जाते हैं। 150 से ज्यादा नदियों के पवित्र जल का उपयोग हुआ है इस मंदिर की नीव रखने में। आठ बड़ी नदियां तीन समुंदर और श्रीलंका में 16 से भी ज्यादा पवित्र स्थानों से जल लाया गया है। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा था कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नींव में एक टाइम कैप्सूल डालने का फ़ैसला किया गया है. टाइम कैप्सूल को काल पात्र भी कहते हैं।