हिन्दू धर्म में अहोई अष्टमी के त्यौहार का बेहद खास महत्व है। इस दिन करोड़ो माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती है और माता पार्वती से उनकी दीर्घ आयु और अच्छे स्वस्थ की कामना करती है। वही संतान प्राप्ति की इच्छा रखनी वाली महिलाओं के लिए भी ये व्रत बेहद खाश होता है। लेकिन अहोई अष्टमी के इस पर्व के दिन यदि कुछ खास बातों का ध्यान न रखा जाए तो व्रत रखने वाली माताओं और उनकी संतान पर इस व्रत का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। Ahoi ashtami 2023
Ahoi ashtami | अहोई अष्टमी के पर्व पर व्रत रखने वाली महिलाओं को इन 7 बातो का रखना चाहिए ख़ास ध्यान
- अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखने वाली माताओं को दिन के समय बिलकुल भी सोना नहीं चाहिए। माना जाता है की ऐसा करने से व्रत पूरा नहीं होता और इस व्रत का नकारात्मक प्रभाव संतान पर पड़ता है। इसलिए अहोई अष्टमी के दिन जो भी माताएं ये व्रत रखे वे ऐसा बिलकुल भी न करे और दिन के समय सोने की बजाय माता का ध्यान करे।
- वैसे तो तुलसी के पौधे का हिन्दू धर्म में बेहद खाश महत्व है। आयुर्वेद में भी तुलसी के पौधे को बेहद कारगर औषदि बताया गया है लेकिन अहोई अष्टमी के पर्व के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं तुलसी के पत्तो को भूल से हाथ न लगाएं। ऐसा करने से माता पार्वती रुष्ट हो सकती है और संतान पर इसका नकरात्मक प्रभाव हो सकता है।
- इस पर्व के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं भूल से भी मिटटी को हाथ न लगएं साथ ही मिटटी के बर्तनो का प्रयोग करने से भी बचे। साथ ही इस दिन नुकीली चीजे जैसे की चाक़ू,सुईं, कील आदि का प्रयोग भी वर्जित माना गया है। ऐसा करने से अहोई अष्टमी के व्रत का नकारत्मक प्रभाव होने लगता है।
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- अहोई अष्टमी के दिन जो भी महिलाएं इस व्रत को पूरा करती है वे खास ध्यान रखे की इस दिन उनके घर में कोई भी तामसिक भोजन न बने और न ही परिवार का कोई भी सदस्य बहार से तामसिक भोजन करके घर में आएं। क्यूंकि ऐसा करने से ये व्रत भंग हो जाता है और व्रत रखने वाली माताओं को इसका कोई भी फल प्राप्त नहीं होता।
- शास्त्रों में बताया गया है की इस व्रत में जल अर्पित करते समय तांम्बे के बर्तनो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस मौके पर तांम्बे के बजाय स्टील, चांदी या पीतल के बर्तनो का उपयोग करना लाभकारी माना गया है।
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- अहोई अष्टमी के पर्व पर महिलाओं को काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। कहाँ जाता है इस दिन काले वस्त्र धारण करने वाली महिलाओं का व्रत खंडित हो जाता है और उनपर और उनकी संतान पर इस व्रत का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- अहोई के पर्व पर खास तौर पर ध्यान रखे की घर में किसी भी तरह का कलेश न हो। इसके साथ ही व्रत रखने वाली महिलाएं भी हर तरह के कलेश से खुद को दूर रखे और किसी को भी अपशब्द कहने से बचे। इसके साथ ही अपने मन में भी किसी के प्रति कोई भी मन मुटाव न रखें।
अहोई अष्टमी के पर्व पर माता पार्वती को खुश करने के कुछ उपाय
- अहोई अष्टमी के इस पर्व पर माता पार्वती के साथ साथ गणेश जी की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से माता पार्वती और भी ज्यादा प्रसन्न होगी।
- अहोई अष्टमी (Ahoi ashtami ) के पर्व के दिन गाय की सेवा जरूर करे। इस दिन गाय को भोजन कराने से विशेष पुण्य मिलता है।
- जो महिलाये संतान प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती है उन्हें इस इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही पीपल के पेड़ की 7 परिकर्मा करके संतान प्राप्ति की कामना करनी चाहिए।
- इस पर्व के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को विशेष तौर पर माता पार्वती का ध्यान करना चाहिए।