कार्तिक अमावस्या क्या है? ( Kartik Amavasya Kya Hain )
कार्तिक महीने की अमावस्या को कार्तिक अमावस्या ( Kartik Amavasya 2024 ) कहा जाता है जब चंद्रमा नहीं होता है। इसका अनुसरण करते हुए, जो कार्तिक महीना होता है, वह अक्टूबर/नवंबर महीने में आता है। कार्तिक अमावस्या को पूरी दुनिया में दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है।
कार्तिक अमावस्या कब है 2024 ( Kartik Amavasya 2024 mein kab hain )
कार्तिक अमावस्या 2024 ( Kartik Amavasya 2024 ) में कब हैं ? 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दो दिन कार्तिक अमावस्या रहेगी। 31 अक्टूबर की रात कार्तिक अमावस्या रहेगी और 1 नवंबर की शाम को ये तिथि खत्म हो जाएगी।
कार्तिक अमावस्या की कहानी ( Kartik Amavasya ki kahani ) – Kartik Amavasya Katha
पुराणों में कार्तिक अमावस्या : ब्रह्म पुराण में बताया है कार्तिक अमावस्या ( Kartik Amavasya ) पर लक्ष्मीजी पृथ्वी पर आती हैं। पद्म पुराण का कहना है कि इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। स्कंदपुराण के मुताबिक कार्तिक महीने की अमावस्या को गीता पाठ और अन्न दान करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए।
कार्तिक अमावस्या का महत्व ( Kartik Amavasya Mahatv )
पितरों के तर्पण और दान-पुण्य के कार्यों का इस दिन बहुत महत्व माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या ( Kartik Amavasya ) की रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. जिस घर में शांत वातावरण, स्वच्छता और प्रकाश होता है, वहां लक्ष्मी मां विराजती होती हैं और परिवार को धन-समृद्धि के परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद देती हैं.
कार्तिक अमावस्या पूजा विधि ( Kartik Amavasya puja vidhi )
इस पर्व पर घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से तीर्थ स्नान का फल मिल सकता है। साथ ही श्रद्धा अनुसार दान करने से हर तरह के रोग, शोक और दोष से छुटकारा मिलता है। इस दिन खासतौर से ऊनी कपड़ों का दान करना चाहिए। भविष्य, पद्म और मत्स्य पुराण के मुताबिक इस दिन दीपदान के साथ ही अन्न और वस्त्र दान भी करना चाहिए।
कार्तिक मास की कहानी ( Kartik Maas Katha )
कार्तिक मास में भगवान विष्णु धरती पर जल में वास करते हैं। इसलिए इस महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक मास ( Kartik Maas ) में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको इस कथा का रोजाना पाठ करना चाहिए।
कार्तिक अमावस्या के उपाय – कार्तिक अमावस्या पर क्या करना चाहिए ( Kartik Amavasya Par kya karana chahiye )
स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन गीता पाठ, अन्न , दीप दान करना चाहिए. इसके साथ ही विष्णुप्रिया तुलसी की पूजा करनी चाहिए. कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए. माना जाता है कि इससे धन का आगमन होता है.
कार्तिक मास में कौन सा पाठ करना चाहिए? ( Kartik Maas mein kaunsa Paath karana chahiye )
कार्तिक मास में लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इससे व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी प्रकार की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कार्तिक में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व होता है।
कार्तिक मास के नियम क्या है? ( Kartik Amavasya ke Niyam Kya hain )
कार्तिक माह में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक लगाएं और उसकी परिक्रमा करें। कार्तिक माह ( Kartik Maas ) में अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपदान, आंवला दान करना बहुत ही लाभदायक होता है। ऐसा करने से साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
कार्तिक माह में कितने बजे नहाना चाहिए? ( Kartik Amavasya mein kitane baje nahanaa chahiye )
kartik month importance : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं। ऐसे में कार्तिक महीने ( Kartik month ) में सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।
कार्तिक मास की पूजा कैसे की जाती है? ( Kartik Amavasya ki Pooja kaise ki jaate hain )
kartik maas 2024 : कार्तिक मास की पूजा कैसे की जाती है? कार्तिक मास में तुलसी जी पर जल अर्पित करना बेहद ही शुभ माना गया है, इन दिनों में रोजाना सुबह उठकर स्नान कर के तुलसी पर जल जरुर अर्पित करें. कार्तिक मास में रोज सुबह शाम तुलसी जी पर दिया जरुर जलाएं. तुलसी पर दीपक शाम 5 से 7 के बीच में जलाएं.
कार्तिक मास में किस भगवान की पूजा की जाती है? ( Kartik Maas mein kise Bhagwan ki pooja ki jaate hain )
हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक, कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik Purnima ) भगवान विष्णु के साथ-साथ चंद्रमा ग्रह की पूजा करने का दिन है। हिंदू धर्म में प्रमुख देवताओं में से एक, भगवान विष्णु को ‘संरक्षक’ या ब्रह्मांड को विनाश से बचाने वाली इकाई के रूप में जाना जाता है।
कार्तिक मास में कौन सी दाल नहीं खानी चाहिए? ( Kartik Maas mein kaunse Daal Nahi khaane chahiye )
कार्तिक मास ( kartik month ) के दौरान दालों से परहेज करना चाहिए, खासकर चना और अरहर की दाल । ऐसा माना जाता है कि इन्हें खाने से पेट संबंधी समस्याएं और पाचन तंत्र में गड़बड़ी का खतरा बढ़ जाता है।