वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर | Vrindavan Chandrodaya Mandir
अभी सभी भारतवासी अयोध्या मे बन रहे राम मंदिर की खुशी से उभरे ही नहीं थे की, एक और खुशखबरी सुनने को मिल गई। जी हाँ! हम सभी भारतीय हिंदुस्तानिओं के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी हैं।जानते हैं अब आप सभी भी यह खुशखबरी की सुनने के लिए काफी उत्सुक हो रहे होंगे, वैसे तो कुछ लोग इस बारे मे जानते होंगे। लेकिन अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो इस खबर के बारे मे नहीं जानते हैं। तो चलिए आप सभी को लेके चलते हैं, एक नए मंदिर Vrindavan Chandrodaya Mandir के निर्माण की इस खास खबर की ओर।
कब पूरा होगा चंद्रोदय मंदिर?
भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर का नाम हैं चन्द्रोदय मंदिर, यह मंदिर और कही नहीं बल्कि भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा मे बन रहा हैं। मथुरा के वृंदावन मे बन रहे इस मंदिर को अभी पूरा बनने मे थोड़ा समय लगने वाला हैं। लेकिन 2024 के अंतराल मे ही हम सभी इस मंदिर के दर्शन कर पाएंगे।
Shri Krishna Silver Pendant पर स्पेशल ऑफर
यह मंदिर पूरे भारत का सब से बड़े मंदिरों मे से एक मंदिर होगा। यह मंदिर वृंदावन के सब से अहम धार्मिक स्थल मे से एक स्थल का केंद्र माना जाएगा। जिस गति से यह काम चल रहा हैं, आने वाले 2024 मे जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।
वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई कितनी है?
साथ ही साथ खबरों की माने तो यह खबर सब से हैरान कर देने वाली खबरों मे से एक खबर यह हैं की इस मंदिर की नीव बुर्ज खलीफा से भी 5 गुना ज्यादा गहरी होगी। जहाँ बुर्ज खलीफा की नीव 50 मीटर हैं वही इसकी नीव 55 मीटर होगी और इस मंदिर की उचाई की बात की जाए तो उससे पूरे बृज को देखा जा सकेगा। अगर इसकी लंबाई का अंदाज लगाया जाए तो यह कुतुब मीनार से लग भग 3 गुना अधिक उचा होने का दावा किया जा रहा हैं। अगर और सटीक अनदाज़ा लगाया जाए तो, मंदिर मे रखी जाने वाली टेलिस्कोप से ताजमहल को देखा जा सकेगा और मंदिर से ताजमहल की दूरी 80 किलोमीटर हैं। मंदिर की लंबाई ज्यादा होने के कारण मंदिर मे लिफ्ट लगाई जाएंगी, जिसमे लिफ्ट की तीव्रता आठ मीटर प्रति 2 सेकंड की होगी।
इस मंदिर को बनाने का जिम्मा इस्कॉन यानि अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ बना रहा हैं। मिली गई जानकारी की अगर और माने तो इस मंदिर मे लग भग 166 मंजिले होंगी, और मंदिर के चारों ओर 12 कृत्रिम वन यानि आर्टफिशल फॉरेस्ट होंगे, जो इस मंदिर की खूबसूरती
को और बढ़ाएंगे। मंदिर के वन को श्रीमद भागवत और अन्य शस्त्रों मे बताए गए तरीकों से बनाया जाएगा।
इस मंदिर के निर्माण मे लगभग 500 करोड़ से कई ज्यादा का खर्चा किया गया हैं। यह ऊपर से देखने से त्रिकोण आकार का या यू कहे की पिरामिड के आकार का होगा। इस मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा हैं की बड़े से बड़ा भूमकप झेल पाएगा। अगर विशेषज्ञों की माने तो अंदाजा सहित यह 8 रिक्टर से अधिक तक के भूकंप का भार झेल सकेगा। साथ ही साथ यह मंदिर 200 किलोमीटर की तीव्रता का तूफान झेलने मे भी सक्षम रहेगा।
मंदिर तकरीबन 70 एकड़ मे फैला हुआ होगा, और 70 एकड़ मे से 12 एकड़ कर पार्किंग की सुविधा होगी साथ ही साथ इसमे एक हेलीपैड भी बनाया जाएगा।
बांके बिहारी जी मंदिर | बांके बिहारी मंदिर में बार-बार क्यों लगाते है पर्दा?