भारत देश जोकि तीज-त्योहारों का देश है। यहां हर समय पर अलग-2 तरह के त्योहार मनाएं जाते है। प्रत्येक त्योहार का अपना- अपना महत्व होता है। हिंदुओं के लिए ये त्योहार बेहद ही खास होते है। हालांकि इन त्योहारों को मनाने के रिति-रिवाज जरूर अलग होते है। लेकिन त्योहार के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास सभी में एक समान ही होता है। हिंदु धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturthi)। जिसे प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाता है।
कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी
हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)वैसे तो पूरे भारत में धूम-धाम से मनाई जाती है। लेकिन महाराष्ट्र में इस त्योहार को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन रौनक ही अलग होती है। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से आरंभ होगी। गणेश चतुर्थी तिथि का समापन 19 सितंबर 2022 को दोपहर 1 बजकर 43 मिनट पर होगा।बता दें कि यह पर्व 10 दिनों तक चलेगा और 11 वें दिन बप्पा को पूरे धूमधाम के साथ विदा किया जायेगा।
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इस बार 4 फीट की गणेश मूर्ति की अनुमति
गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturthi) के उत्सव से पहले ही इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। 10 सितंबर से आयोजित होने वाले गणेशोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक इस साल भी सरकारी नियमों के अधीन ही गणेश उत्सव का आयोजन होगा।प्रशासन ने गणेशजी की मूर्ति की साइज से लेकर पंडाल के आकार तक की साइज तय कर दी गई है। वहीं भगवान गणेश जी की मूर्ति के साइज की बात करें तो उसकी भी सीमा भी 4 फीट की कर दी है। सभी पांडालों को 4 फीट तक ही भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करने के निर्देश दिए है।
गणेस उत्सव का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जिस दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। उसी दिन भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। इसलिए ही इस दिन को गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturthi) या फिर विनयगनर चतुर्थी के नाम से भी मनाया जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि इन दिनों में जो गणेश जी को घर में बैठाकर सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसके जीवन में सदा ही बप्पा का आशीर्वाद बना रहता है।
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गणेश चतुर्थी पूजा विधि
भगवान श्री गणेश जी की स्थापना से पहले उस स्थल को अच्छी तरह साफ करें ताकि गंदगी का नामों-निशान न रहें।
फिर जिस चौकी पर गणेश जी को बैठाना है उस पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और बप्पा को स्थापित करें।
उसके बाद गणेश जी पर दूर्वा से गंगाजल छिड़कें। उन पर चावल, गुलाब, सिंदूर, मौली, हल्दी, चंदन, दूर्वा,जनेऊ, मिठाई, फल, मोदक, माला और फूल चढ़ाएं।
बप्पा के साथ भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की भी पूजा करें।
उसके बाद बप्पा को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
और फिर गणपति की आरती करें।