धार्मिक शास्त्रों में यमराज को मृत्यु का देवता माना जाता है.
एक बार राजा श्वेत अपना राज्य त्याग कर भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए थे.
कुछ समय बीतने के बाद यमदूत मुनि श्वेत के प्राण लेने आए.तब श्वेत मुनि प्राण त्यागना नहीं चाहते थे.
तब भगवान शिव ने अपने गण भैरव को भेजा और भैरव ने डंडे के प्रहार से यमदूतों पर हमला किया.
इससे यमराज क्रोधित होकर भैंसे पर बैठकर यमदंड हाथ में लेकर वहां पहुंचे.
उस समय कार्तिकेय श्वेत मुनि की रक्षा करने के लिए वहां मौजूद थे.
तब कार्तिकेय ने शक्ति अस्त्र से यमराज का वध कर दिया