रामायण और भगवान राम से हिन्दुओं की आस्था जुड़ी हुई है, लेकिन अकसर ये सवाल उठते रहे हैं|
भगवान राम का इस धरती पर जन्म हुआ था? क्या रावण और हनुमान थे?
हम उनको तो किसी के सामने नहीं ला सकते लेकिन उनके अस्तित्व के प्रमाण को आपके सामने ला सकते हैं
बिहार के दरभंगा में,पवित्र अहिल्या स्थान पर स्थित है सीता राम मंदिर।
एक प्राचीन मान्यता अनुसार इसी स्थान पर प्रभु श्री राम के चरण स्पर्श से देवी अहिल्या को मुक्ति मिली थी।
यह वही जगह है जहां हनुमान जी ने भगवान राम का इंतज़ार किया था. रामायण में इस जगह के बारे में लिखा है
हनुमान गढ़ी
हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था ,जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए थे, जो आज भी वहां मौजूद हैं
भगवान हनुमान के पद चिन्ह
समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है और इसकी खोज भी की जा चुकी है. ये सेतु पत्थरों से बना है।
राम सेतु
सुनामी के बाद रामेश्वरम में उन पत्थरों में से कुछ अलग हो कर जमीन पर आ गए थे. शोधकर्ताओं नें जब उसे दोबारा पानी में फेंका तो वो तैर रहे थे
पानी में तैरने वाले पत्थर
मेघनाथ ने लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया था,हनुमान जी संजीवनी लेने द्रोणागिरी पर्वत गए,पूरा पर्वत ले जाने आज भी वो निशान मौजूद हैं जहां से उसे तोड़ा था।
द्रोणागिरी पर्वत
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