हिंदू धर्म में मां गंगा को इसलिए सर्वोच्च माना गया है कि क्योंकि मां गंगा श्रीहरि के चरणों से निकलीं थीं
सनानत धर्म में मां गंगा को मोक्ष दायिनी कहा गया है।
गंगा में स्नान करने मात्र से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है
माना जाता है कि पृथ्वी के अलावा मां गंगा की दो अन्य धाराएं आकाशगंगा और पाताल में हैं।
हमारी संस्कृति में कोई भी शुभ कार्य गंगा के पवित्र जल के बिना संभव नहीं हो पाता।
हिंदुओं की धार्मिक मान्यता के अनुसार, अस्थियों को गंगा में प्रावहित करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है
मां गंगा में अस्थियां डालने से इंसान के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उससे जुड़ी आत्मा को नया मार्ग मिलता है।
ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी को श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त है। जिसके तहत मरने वाले की अस्थियां गंगा में बहाने से उस मृत आत्मा को भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है
जितने दिन तक अस्थियाओं में बची हड्डियां गंगा में तैरती या बसी रहती हैं उतने दिन उस मृत आत्मा को श्री कृष्ण के गोलोक धाम में रहने का अवसर मिलता है।