कहते है कि भगवान से अगर सच्चे दिल से कुछ भी मांगा जाए तो वह जरूर देते है।
अपने भक्तों की कठोर तपस्याओं से प्रसन्न आकर उनके द्वारा मांगा बड़ा सा बड़ा वरदान भी दे देते थे।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने कई सालों तक कठोर तपस्या की।
अपने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उसे दर्शन दिए
रावण की नजर महादेव के साथ खड़ी माता पार्वती पड़ी।
माता पार्वती की असीम सुंदरता का वो इतना कायल हो गया कि उसने वरदान स्वरूप माता पार्वती को ही मांग लिया।
अपने वचन से बंधे महादेव ने माता पार्वती को रावण को दे दिया।