कृपाचार्य कौरवों के कुल गुरु थे।
इनको सात चिरंजीवियों में वे भी एक माना जाता हैं।
कृपाचार्य महर्षि गौतम शरद्वान् के पुत्र थे।
कृपाचार्य का विवाह जानपदी से हुआ था और उनके दो बच्चे थे, कृपा और कृपी।
महाभारत में उन्हें उनकी निष्पक्षता के लिए जाना जाता था
और कहा जाता है कि उसी के कारण वह अमर भी हुए।
महाभारत के युद्ध में कृपाचार्य ने कौरवों की ओर से युद्ध किया था।