करवा चौथ की शुरुआत कैसे  हुई थी.

हर वर्ष सुहागन महिलाएं करवा चौथ के दिन अपने पति के लिए व्रत रखती हैं.

इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर संध्या काल में चांद को अर्घ्य देती हैं.

इसके बाद अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को तोड़ती है.

हमारे मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि,

करवा चौथ व्रत को मनाने  का असली कारण क्या है और सबसे पहले इसकी शुरुआत कहां से हुई 

धार्मिक मान्यता के अनुसार सबसे पहले करवा चौथ का व्रत माता गौरी ने भगवान भोलेनाथ के लिए रखा था

इस दिन माता गौरी ने पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर चांद को अर्घ्य दिया था

एक अन्य मान्यता के अनुसार देव-दानव युद्ध के बाद जब सभी देवी ब्रह्मदेव के पास पहुंचे थे

और उनसे अपनी पतियों की रक्षा के लिए सुझाव मांगा था तब उन्होंने सभी देवियों को करवा चौथ के व्रत रखने की सलाह दी थी

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