धर्मिक विवाद

कलयुग में धर्मिक विवाद और आपसी विरोध बढ़ जाते हैं, जिससे समाज में असंतोष और अस्थिरता बढ़ती है।

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नैतिकता की कमी

नैतिकता की कमी के कारण बुराई का प्रसार होता है और लोग अधर्मिक कार्यों में विशेष रुचि रखते हैं।

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मानवाधिकार की उल्लंघन

मानवाधिकार की उल्लंघन, अन्याय और अधिकारों की अपमानजनक प्रवृत्तियाँ कलयुग की बुराइयों में से एक हैं।

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अज्ञान और आध्यात्मिक अनजानी

कलयुग में आध्यात्मिक ज्ञान की कमी होती है और लोग आध्यात्मिक अनजानी में रहते हैं, जिससे उनका व्यक्तिगत और सामाजिक विकास रुक जाता है।

कलयुग 

आतंकवाद और हिंसा

आतंकवाद, हिंसा और असुरक्षा कलयुग की बुराइयों में से एक हैं, जो समाज को आतंकित करती हैं और शांति को खतरे में डालती हैं।

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अध्यात्मिक अपारध

ध्यान और आध्यात्मिक विकास में कमी के कारण, लोग अध्यात्मिक अपाराधों में पड़ जाते हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार और नैतिक दुराचार।

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संबंधों की कमी

कलयुग में संबंधों की कमी होती है, और लोग अपने परिवार और समुदाय के साथ उचित संबंध नहीं बना पाते हैं।

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संविदानिक शिक्षा की कमी

शिक्षा के क्षेत्र में असमानता और संविदानिक शिक्षा की कमी समाज में बुराई को बढ़ावा देती है।

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व्यापारिक भ्रष्टाचार

कलयुग में व्यापारिक भ्रष्टाचार की बढ़ती प्रवृत्ति होती है, जिससे न्याय और समाज में असमानता बढ़ती है।

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अशिक्षा और असंविदानिकता

शिक्षा के क्षेत्र में अशिक्षा और असंविदानिकता की कमी होने से समाज में विकास रुक जाता है और लोग दुर्बल बनते हैं।

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