पुराणों के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र है और इनके दरवार में एक से एक सुंदर अप्सराएं रहती हैं।
अप्सराओं के विषय में ऐसा कहा गया है कि इनका यौवन कभी ढ़लता नहीं है यानी यह हमेशा जवान और खूबसूरत दिखती हैं।
अपने रूप और यौवन से यह स्वर्ग लोक की शोभा बढ़ाती हैं साथ ही अपने नृत्य और अदाओं से देवताओं का मनोरंजन भी करती हैं।
देवराज इंद्र इनका कूटनीतिक इस्तेमाल अपने शत्रुओं को पराजित करने में भी करते हैं। पुराणों में कई ऐसी कथाएं मिलती हैं
जिसमें बताया गया है कि इंद्र ने अपने आसान छिन जाने के डर से तपस्या में लीन तपस्वियों के पास अप्सराओं को भेजा।
अप्सराओं ने अपने रूप यौवन से तपस्वियों को तपस्या से हटाकर घर गृहस्थी में लगा दिया।
इसी तरह का एक काम जब इंद्र ने अप्सरा से करवाया तो स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा उर्वशी का जन्म हुआ।
नर और नारायण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए केदारखंड में उस स्थान पर तपस्या करने लगे
इनकी तपस्या से इंद्र परेशान होने लगे। इसलिए इंद्र ने अप्सराओं को नर और नारायण के पास तपस्या भंग करने के लिए भेजा।
लेकिन नर और नारायण इनकी ओर आकर्षित नहीं हुए बल्कि नारायण ने इंद्र की अप्सराओं से भी सुंदर अप्सरा को अपनी जंघा से उत्पन्न कर दिया।