महाभारत में शक्तिशाली दिव्यास्त्रों के अलावा एक और चीज सबसे शक्तिशाली थी वो थे सूर्य पुत्र कर्ण के कुंडल और उनका कवच

उनके जैसा ही दिव्य कवच महाभारत के एक और योध्दा के पास था, 

वो योद्धा कोई और नहीं बल्कि अभिमन्यु था।

 लेकिन यह कवच अभिमन्यु को जन्मजात से ही उन्होंने प्राप्त नहीं था।

 इसे खास दिव्य मंत्रों द्वारा ही अर्जित किया जाता था।

जोकि गुरू द्रोणाचार्य नेयह स्वयं अजुन को भी सिखाया था।

 जिसे अर्जुन ने स्वयं अपने  बेटे अभिमन्यु को प्रदान किया था।