द्वारका की खोज में
क्या मिला वैज्ञानिकों को?
द्वारका की खोज में
क्या मिला वैज्ञानिकों को?
द्वापरयुग में आधी द्वारका समुन्द्र में डूब गई थी और आज भी समुन्द्र की उस गहराई में अनेकों रहस्य मौजूद हैं।
द्वापरयुग में आधी द्वारका समुन्द्र में डूब गई थी
और आज भी समुन्द्र की उस गहराई में अनेकों रहस्य मौजूद हैं।
द्वारका के समुन्द्र में छुपे रहस्यों पर 2005 से शोध चल रहा है, जिसमें श्री कृष्ण से जुड़े 200 से अधिक द्वापरयुग के अवशेष मिले हैं।
द्वारका के समुन्द्र में छुपे रहस्यों पर 2005 से शोध चल रहा है,
जिसमें श्री कृष्ण से जुड़े 200 से अधिक द्वापरयुग के अवशेष मिले हैं।
पुरातत्व विभाग ने,द्वारका नगरी के अनेकों अवशेषों का पता लगाया और इस खोज में श्री कृष्ण की कहानियों को सच पाया गया।
पुरातत्व विभाग ने,द्वारका नगरी के अनेकों अवशेषों का पता लगाया
और इस खोज में श्री कृष्ण की कहानियों को सच पाया गया।
इस खोज में 40,000 वर्ग मीटर की गहराई में,द्वापरयुग के ढेर सारे नमूने मिले थे। जिन्हें देश-विदेश की प्रयोगशाला में भेजा गया।
इस खोज में 40,000 वर्ग मीटर की गहराई में,द्वापरयुग के ढेर सारे नमूने मिले थे।
जिन्हें देश-विदेश की प्रयोगशाला में भेजा गया।
इस खोज में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया कि,द्वारका हिमयुग की वजह से डूबी थी।
इस खोज में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया कि,
द्वारका हिमयुग की वजह से डूबी थी।
लेकिन हिमयुग तो आज से 10 हजार वर्ष पहले खत्म हुआ था? जबकि श्री कृष्ण की द्वारका नगरी 5000 वर्ष पहले थी।
लेकिन हिमयुग तो आज से 10 हजार वर्ष पहले खत्म हुआ था?
जबकि श्री कृष्ण की द्वारका नगरी 5000 वर्ष पहले थी।
द्वारका के सन्दर्भ में हिन्दू धर्म में अनेकों कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन द्वारका का वास्तविक सच आज भी,उस समुन्द्र की गहराई में दफन है।
द्वारका के सन्दर्भ में हिन्दू धर्म में अनेकों कहानियां प्रचलित हैं।
लेकिन द्वारका का वास्तविक सच आज भी,उस समुन्द्र की गहराई में दफन है।