The Story of Kinners and Lord Rama : भगवान राम के जीवन में एक अनमोल संबंध
The Story of Kinners and Lord Rama – हम मे से हर कोई भगवान राम के बारे मे जनता हैं, उनके जीवन काल से हर एक व्यक्ति वाकिफ हैं। लेकिन एक एसी कहानी भी हैं, जो भगवान राम और किन्नरों से जुड़ी हुई हैं।तो आज हम आपको यह बताएंगे की आखिर क्यू किन्नरों का आशीर्वाद व दुआ किसी वरदान से कम नहीं हैं, और किन्नरों को यह वरदान किस तरह प्राप्त हुआ।
Kinners in Society – किन्नरों के साथ समाज में समर्पण
किन्नर समाज का ऐसा हिस्सा हैं जिन्हे समाज मे रहते हुए भी समाज का दर्जा प्राप्त नहीं हैं, कही लोग इनके आशीर्वाद के आगे पीछे भागते हैं तो कही लोग इन्हे हिजड़ा और छक्का कह कर पुकारते हैं। लोगों की मानसिकता के अनुसार ही इन्हे समाज में सम्मान नहीं दिया जाता है, आज समाज में किन्नरों को बहुत ही नीची नजर से देखा जाता है।लेकिन जब बात इनके आशीर्वाद और दुआओ की आती हैं तो इन्हे बहुत महत्व दिया जाता हैं। हालांकि पिछले कुछ वक्त में कुछ प्रतिशत लोगों की सोच में बदलाव भी देखने को मिला है।
किन्नरों की दुआ को बहुत ही प्रभावी माना जाता है, ऐसी मान्यताएं हैं कि किन्नर जो भी आशीर्वाद देते हैं, वो पूरा होता है। उनके मुंह से निकली बात बहुत जल्द सच हो जाती है। किन्नरों का पहनावा रीति-रिवाज़ और कई प्रथा हम सबसे अलग होती हैं। किन्नर को खुशियों में शामिल करना शुभ माना जाता है।
The Power of Kinner Blessings | किन्नरों के आशीर्वाद: भगवान राम की कहानी
आखिरकार किन्नर का आशीर्वाद में ऐसी क्या शक्तियां होती है? जिससे किन्नर के आशीर्वाद को वरदान माना जाता है।
इनके आशीर्वाद को शुभ माँने जाने की असल कथा भगवान राम और उनके वनवास से जुड़ी हैं;
The Story of Kinners and Lord Rama | कथाओ के अनुसार जब भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के लिए वनवास जा रहे थे, तब पूरी अयोध्या मे दुख की लहर दौड़ गई थी। क्यूंकी पूरा अयोध्या प्रभु श्री राम से बहुत प्रेम करता था और ऐसे मे प्रभु राम का वनवास जाना सभी के लिए बहुत दुखदायी था।
प्रभु श्री राम जब चित्रकुट पहुचे तो उनके पास उनके भाई भरत व आयोध्यावासी आए जिनमे किन्नर भी शामिल थे, तब सभी ने प्रभु श्री राम को न जाने के लिए मनाने लगे। परंतु श्री राम जी को अपने पिता के आदेश का पालन करना था और उन्होंने रुकने से मना कर दिया और सभी स्त्रीयो और पुरुषों को प्रेमतापूर्वक समझाया की वह 14 वर्षों बाद वापिस आएंगे और तबी सभी को वापिस लौट जाने का निवेदन किया।
The Kinners Devotion : श्री राम के वनवास में किन्नरों का समर्थन
ऐसे मे सभी स्त्रीयो व पुरुषों ने श्री राम जी की आज्ञा मानी और अपने-अपने स्थान वापिस लौट गए। प्रभु श्री राम की इस कही हुई बात मे कही भी किन्नरों का जिक्र नहीं था क्यूंकी किन्नर न तो स्त्री हैं और न ही पुरुष। ऐसे मे किन्नरों को कोई स्पष्ट आदेश न मिलने के कारण उन्होंने प्रभु श्री राम जी की 14 वर्षों तक वही बैठ कर तपस्या की।
तब 14 वर्षों बाद भगवान राम अपना पूरा वनवास करके लौटे तो उन्हे रास्ते मे वह किन्नरे दिखाई दी, तब श्री राम ने किन्नरों के उनके यहाँ रुकने का कारण पूछा, तब किन्नरों ने बताया कि जब हम भरत जी के साथ आपको मनाने आए थे तब आपने सभी पुरुषों व स्त्रीओ को सम्मान पूर्वक लौट जाने के लिए कहा था और हम किन्नर न तो पुरुष मे न ही स्त्री मे आते हैं, जिस कारण हम किन्नरों ने यही बैठ कर आपकी 14 वर्षों तक तपस्या करी।
Beliefs and Blessings of Kinner : किन्नरों के आशीर्वाद और दुआ का महत्व
श्री राम जी किन्नरों के इस भव को देखकर भावुक हो उठे और उन्होनें किन्नरों को गले लगा लिया। मान्यता है कि तब श्री राम जी ने इन्हें वरदान दिया था कि जब भी तुम किसी को अपना आशीर्वाद या दुआ दोगे तो तुम्हारी दुआएं सबके लिए मंगलकारी सिद्ध होगी। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते है।
इसी वजह से आज तक यही वरदान के कारण किन्नरे आशीर्वाद देते हैं।
तो वही दूसरी तरफ ऐसा भी मान्यता है कि अगर किन्नरों ने किसी को बद्दुआ दे दी तो उसे जीवन में तमाम तरह की कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए भूलकर भी किन्नरों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। कहते हैं कि यदि आप किन्नरों की इज्जत नहीं कर सकते तो उन्हे बेजजत भी न करे अगर वे नाराज हो गए तो आपको कई कठनाइयों व दुख का सामना करना पड़ेगा। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किन्नरों का अपमान करता है या उनका मजाक उड़ाता है तो उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है।यदि आपके घर या दुकान में किन्नर आए तो उसे अपनी क्षमता के हिसाब से दान करने के बाद बोले फिर आइएगा और कहते हैं कि इनसे एक सिक्का लेकर अपने पर्स में रखने से हमेशा पैसों की बरकत बनी रहती है।