Sharad Purnima 2023 Date , Sharad Purnima Samagri aur Mahatva
Sharad Purnima 2023 Date – 28 अक्टूबर 2023 का दिन भारतीय परंपरा में दो महत्वपूर्ण घटनाओं का मिलन है जो की है शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण। आज का दिन न केवल हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण है बल्कि आज शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण साथ होने की वजह से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इस बार का चंद्रग्रहण जो की साल का आखिरी ग्रहण है , यह भारत में दिखाई देगा जिस कारण इसका सूतक मान्य होगा।ये बेहद अद्बुध दिवस है, आज के इस लेखन में हम आपको बताएंगे की क्या होगा जब शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण की शक्तियां एक साथ मिल जाएंगी।
Sharad Purnima Pooja Vidhi : Sharad poornima Sampoorn Vidhi aur Mantra
पहले हम आपको बताएंगे की शरद पूर्णिमा इतनी खास क्यों है? दरअसल भारतीय संस्कृति में शरद पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो शरद ऋतु के समापन का संकेत देता है। इस रात को, लोग व्रत, पूजा और ध्यान करते हैं। आज का का विशेष महत्व सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोन से होता है, जहाँ लोग अपने आत्मा की शुद्धि और विकास के लिए ध्यान देते हैं।
इसे ‘ kojagiri purnima ‘ भी कहा जाता है जिसका अर्थ है ‘ jagran ki purnima । Sharad Purnima Tyohar ka Mahatv – इस रात लोग प्राचीन रिति-रिवाजों का पालन करते हैं। आज भक्त सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करना पसंद करते है, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस रात को सुख और समृद्धि प्रदान करने वाली रात माना जाता है, क्योंकि कोजागरी पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर भ्रमण करती हैं। शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है और इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और पूरी श्रद्धा से मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप किया जाता है।
Sharad Purnima 2023 Laxmi Pujan Muhurat | Sharad Purnima Chandragrahan Sadhna
मान्यता है कि जिन घरों में सजावट और साफ-सफाई रहती है और रातभर जागते हुए मां लक्ष्मी की पूजा आराधना होती है, वहां पर माँ लक्ष्मी जरूर वास करती हैं और व्यक्ति को सुख, धन-दौलत और ऐशोआराम का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
Sharad Purnima 2023 Chandragrahan Samay aur Tithi | Sharad Purnima 2023 Ka Shubh Muhurat
Kis samay shuru hoga chandragrahan : शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की अवधि 01 घंटा 16 मिनट की है। नौ घंटे पूर्व से सूतक काल शुरू होगा। ऐसे में सूतक 28 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा।
Purnima Tithi kabe se kab tak : पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर 2023 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 29 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी।
Sharad purnima ke din chandroday timing : शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय 28 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा।
Sharad Purnima Chandragrahan Katha Pauranik Kahaniyan | Sharad Purnima Utsav
इसके अलावा शरद पूर्णिमा पर रातभर खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है। मान्यता है कि रात भर चांद की रोशनी में शरद पूर्णिमा पर खीर रखने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह-सुबह इस खीर का सेवन करने पर सेहत अच्छी रहती है। कहा जाता है शरद पूर्णिमा की रात को श्री कृष्णा ने महारस रचाई थी, जिसे देख कर चन्द्रमा खुश हो गयी और अमृत बरसाने लगे।
वही अगर चंद्रग्रहण की बात करे तो चंद्रग्रहण एक ऐतिहासिक घटना है जब चंद्रमा पूर्ण रूप से पृथ्वी की छाया में चला जाता है। यह घटना वैज्ञानिक रूप से भी रोमांचक होती है जब चंद्रमा अचानक अंधेरे में ढक जाता है।
Sharad Purnima 2023 Chandragrahan Fal Rashifal aur Prabhav
शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण का संयोजन एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण समय का प्रतीक होता है। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है जो किसी भी व्यक्ति को आत्मा की शुद्धि की ओर ले जाते हैं। शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण के दिन में विशेष ध्यान और प्रार्थना का महत्व होता है। यह दिन आत्मा की ऊँचाई और शुद्धता की ओर ले जाता है।
चंद्रग्रहण की घटना वैज्ञानिक दृष्टिकोन से भी रोमांचक है और यह वैज्ञानिक और ज्योतिषी की पढाई के लिए में बहुत ज़रूरी डेटा प्रदान करता है।
Sharad Purnima Chandragrahan Lok Kathayen Lok Sanskriti aur Vyaktitva
वैज्ञानिक दृष्टिकोन से, चंद्रग्रहण एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण घटना है। यह गति वैज्ञानिकों के लिए बहुमुखी अध्ययन का विषय बनता है और इससे वैज्ञानिक ज्ञान का विकास होता है। चंद्रग्रहण के समय होने वाले विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन करने से चंद्रमा की गति, आकार, और संरचना की समझ में वृद्धि होती है।
Sharad Purnima Wishes | Happy Sharad Purnima
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शरद पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इस साल 28 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वहीं एक अन्य मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि पर गोपियों संग महारास रचाया था। इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा तिथि मनोकामना पूर्ण करने वाली मानी जाती है। पूजा आराधना के अलावा इस शुभ अवसर पर लोग अपनों को शरद पूर्णिमा की शुभकामना भी देते हैं।
Sharad Purnima Chandragrahan Anubhav Dekhne ke Upay
अगर कोई भी व्यक्ति पूज पाठ करके चंद्र की चांदनी में खीर रखना चाहता है तो वह इन बातों क खास ध्यान दे , शरद पूर्णिमा की रत चंद्र ग्रहण 1 बज कर 5 मिनट में शुरू होगा और 2 बजकर 22 मिनट में ख़तम हो जाएगा। 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे से ग्रहण का सूतक मान्य होगा ऐसे में आप ग्रह के समाप्त होने के बाद ही खीर को चन्द्रमा की रौशनी में रखे। और अगली सुबह नहा धो कर ग्रहण करे।