हिंदुओ की आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक श्री Ram mandir राम मंदिर 2024 में बनकर तैयार होने जा रहा है। श्री राम मंदिर को बनाएं जाने के पीछे लाखो लोगो के संघर्ष की कहानी है लेकिन श्री राम मंदिर से पहले हर हिंदू को एक और बड़ा तोहफा मिलने वाला है। ये तोहफा बेहद खास है और इस खास तोहफे के पीछे भी कई सालों के संघर्ष की ऐसी कहानी है जिसके बारे में जानकार आप हैरान रह जायेगे।
दरअसल राम मंदिर से पहले इस दीपावली के अवसर पर जर्मनी की राजधानी बर्लिन में सबसे बड़े हिन्दू मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। ये मंदिर भगवान गणेश को समर्पित होगा। विदेशी धरती पर हिंदुओं के इस सबसे बड़े मंदिर को बनाएं जाने के पीछे 70 साल के एक भारतीय व्यक्ति की कई सालों की मेहनत है। इस मंदिर को बनाने में 20 सालों का लंबा समय लगा।
इस मंदिर को बनाने में क्या क्या समस्याएं आई और भारत में रहने वाले हर हिन्दू के लिए जर्मनी के बर्लिन शहर में बनाए गए इस मंदिर का क्या महत्व है इसकी जानकारी आपको इस लेख में देंगे।
इस मंदिर को बनाने का काम भले ही आज से 20 साल पहले शुरू हुआ हो लेकिन इस मंदिर को बनाने का प्लान उसी दिन बन गया जब 50 साल पहले विल्वनाथन कृष्णमूर्ति भारत से जर्मनी काम करने के लिए गए थे। विदेशी धरती पर करोड़ो हिंदुओ की आस्था के इस प्रतीक को बनाने का सारा श्रेय इसी व्यक्ति को जाता है। आज से 50 साल पहले कृष्णमूर्ति जब बर्लिन पहुंचे तो उन्होंने देखा की यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है जिनमे से अधिकतर भारतीय हिन्दू है। फिर भी यहां हिंदुओ की आस्था से जुड़ा कोई भी मंदिर नहीं है। कृष्णमूर्ति ने उसी समय ठान लिया की वे एक दिन बर्लिन में रहने वाले हिंदुओ के लिए जर्मनी का सबसे बड़ा मंदिर बनवाएंगे और तभी से इस मंदिर के बनाए जाने की योजना पर काम होने लगा।

लेकिन गैर हिंदुओ की इस धरती पर भारत से काम करने आए साधारण से कृष्णमूर्ति के लिए इस मंदिर को बनाने का सफर इतना आसान नहीं होने वाला था। इसलिए इस मंदिर को कैसे और कहां बनाया जायेगा यही तय करने में उन्हें 30 सालों का समय लग गया और इतने लम्बे समय तक इंतजार करने के बाद कृष्णमूर्ति ने साल 2004 में मंदिर को बनाने के लिए एक एसोसिएशन का निर्माण किया। एसोसिएशन बनाए जाने के बाद कृष्णमूर्ति मंदिर बनाने का प्रस्ताव लेकर बर्लिन प्रशासन के पास पहुंचे। शुरुआत में तो कृष्णमूर्ति की मंदिर बनाने की मांग को अनदेखा कर दिया गया लेकिन काफी कोशिश करने के बाद बर्लिन प्रशासन की तरफ से उन्हें मंदिर बनाने के लिए एक पार्क के किनारे कुछ जगह अलॉट कर दी गई।
लेकिन समस्याओं का सिलसिला अभी शुरू ही हुआ था। मंदिर बनाने के लिए जमीन मिलने के बाद भी कृष्णमूर्ति के पास मंदिर बनाने के लिए आवश्यक फण्ड नहीं था और जर्मनी प्रशासन ने इस मंदिर को बनाने के लिए किसी भी तरह की आर्थिक मदद करने से साफ इंकार कर दिया। अब इस मंदिर को बनाने का पूरा जिम्मा कृष्णमूर्ति पर था। एक इलेक्ट्रिकल कंपनी में सामान्य कर्मचारी होने के चलते इस मंदिर को बनाने में कृष्णमूर्ति को काफी समस्याएं आ रही थी। इस मौके पर कई लोगो ने उन्हें सुझाव दिया की उन्हें मंदिर बनाने के लिए प्रशासन से लोन लेना चाहिए। लेकिन उन्होंने मंदिर के लिए किसी भी तरह का लोन लेने से साफ इंकार कर दिया क्यूंकि उनका मानना था की अगर वे लोन लेकर मंदिर बना भी लेंगे तो भविष्य में मंदिर को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और वे नहीं चाहते थे की भविष्य में कभी भी इस मंदिर पर किसी भी तरह का कोई संकट आएं।

इसके बाद कृष्णमूर्ति ने जर्मनी में रहने वाले हिंदुओ को इकठ्ठा किया और उन सभी से इस मंदिर के निर्माण के लिए अपनी तरफ से कुछ योगदान देने की मांग की, लेकिन कृष्णमूर्ति को इस माध्यम से मंदिर बनाने के लिए आवश्यक फण्ड इक्कठा करने में 20 साल लग गए और इस बीच कई बार मंदिर बनाने का काम बीच में ही रोकना पड़ा। लेकिन पिछले कुछ सालो में जब जर्मनी में रहने वाले हिंदुओ की संख्या में बढ़ोतरी हुई तो इस मंदिर के लिए आवश्यक फंड इक्कठा हो गया और अब भगवान गणेश का ये मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है।
ये मंदिर केवल जर्मनी में रहने वाले हिंदुओ के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के हर हिन्दू के लिए महत्वपूर्ण है। जर्मनी में बनाए गए भगवान गणेश के इस सबसे बड़े मंदिर के जरिए सनातन संस्कृति का प्रचार और पूरे विश्व में हो सकेगा जो हर हिंदू के लिए गर्व की बात है। 70 साल के कृष्णमूर्ति की सालो की मेहनत के परिणाम के चलते बनाए गए इस मंदिर का उद्घाटन इस दीपावली के शुभ अवसर पर किया जाएगा।
जर्मनी की धरती पर स्नातंत संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक इस मंदिर को बनाए जाने को लेकर आपकी क्या राय है और इस मंदिर को बनाने वाले कृष्णमूर्ति के संघर्ष के बारे में आपका क्या कहना है हमे कमेंट में जरूर बताएं।
राम मंदिर कितने किलोमीटर में फैला हुआ है?
मंदिर की कुल ऊंचाई 392 फुट होगी, जिसमें भूतल की ऊंचाई 166 फुट, प्रथम तल की 144 फुट और दूसरे तल की 82 फुट होगी. 70 एकड़ में है राम मंदिर का पूरा परिसर… अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर 2.7 एकड़ भूमि पर बन रहा है.
Ram mandir राम मंदिर कितने करोड़ में बन रहा है?
. राम मंदिर के निर्माण में अब तक 900 करोड रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 3000 करोड़ रुपये अभी भी राम मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते में सुरक्षित हैं.
राम मंदिर कितना बन चुका है 2023
रामनगरी अयोध्या में बन रहे विश्व के सबसे दिव्य और भव्य रामलला के मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं. अक्टूबर 2023 तक पहले तल का निर्माण पूरा हो जाएगा.
राम मंदिर का इतिहास क्या है?
हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी।
अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ 5 लाख मंदिरों में होगी पूजा
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश भर के 5 लाख से ज्यादा मठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान कराने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पूजित अक्षत देश के मठ मंदिरों के लिए भिजवाए जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा, जो कि 22 जनवरी तक चलेगा.