होलिका दहन | Holika Dahan
हर साल, फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन ( Holika Dahan 2024 ) किया जाता है, जो होली से एक दिन पहले होता है। होली हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार है जिसमें लोग एक-दूसरे पर रंग लगाते हैं। होलिका दहन का महत्व ( Holika Dahan Significance ) धार्मिक परिपाटी में भी बहुत अधिक होता है, क्योंकि इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। कहानी के अनुसार, एक समय की बात है जब हिरण्यकश्यप नामक राजा था जिसका एक पुत्र था प्रह्लाद। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को नापसंद करता था जबकि प्रह्लाद भक्त था। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद को मारना चाहता था, इसलिए उन्होंने अपनी बहन होलिका को उसे आग में बैठा कर मार देने का आदेश दिया। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जलकर मर गई, लेकिन प्रह्लाद बच गया। इसी कारण हर साल होलिका को जलाया जाता है।
होलिका दहन की तिथि ( Holika Dahan Tithi ) – Holika Dahan 2024 Date
इस साल , पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 24 मार्च, रविवार की रात को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में विधि अनुसार होलिका दहन ( Holi Ka Dahan ) किया जा सकता है। प्रदोष काल में भी होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों वाली होली मनाई जाएगी। इस साल रंगों से 25 मार्च के दिन खेला जाएगा। होली के दिन लोग सभी बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगा लेते हैं।
होलिका दहन की पूजा विधि ( Holika Dahan Puja Vidhi )
होलिका दहन के दिन, सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहने जाते हैं। गली के किनारे या चौक पर होलिका दहन के लिए कुछ दिनों पहले से ही लकड़ियां इकट्ठी की जाती हैं। होलिका दहन के दिन, तैयार की गई होलिका की दिशा में मुख करके बैठा जाता है और भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है। होलिका दहन की पूजा सामग्री ( Holika Dahan puja samagri ) में फल, फूल, नारियल, रोली, गोबर के कंडे, अनाज, कच्चा सूत, चावल, गुलाल, बताशे, हल्दी, और लोटे में जल भरकर रखी जाती है। ‘असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव’ मंत्र का जाप करते हुए होलिका की परिक्रमा की जाती है।
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होलिका दहन के नियम ( Holika Dahan Niyam )
2024 में होलिका दहन के नियम इस प्रकार हैं। होली से 8 दिन पहले यानी होलाष्टक के दौरान शुभ या मांगलिक कार्यों को करना वर्जित होता है। इन 8 दिनों में शादी, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। होली के पूर्व दिन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि उस दिन “भद्रा” न हो, अर्थात पूर्णिमा प्रदोषकाल-व्यापिनी होनी चाहिए। इसे आसान शब्दों में समझा जा सकता है कि उस दिन सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि होनी चाहिए।
होलिका दहन का महत्व ( Holika Dahan Significance )
होलिका दहन कथा ( Holika Dahan Story ) – Holika Dahan Story in Hindi – Story of Holika and Prahlad
होलिका का अर्थ – Holika Dahan Meaning
होलिका दहन पूजा ( Holika Dahan Puja )
होलिका दहन कब की है – होलिका दहन का समय ( Holika Dahan 2024 Mein Kab hai ) -Holika Dahan kab hai
होलिका दहन पूजा सामग्री ( Holika Dahan Puja Samagri )
Holika Dahan Puja Samagri – होलिका दहन करते समय पूजा सामग्री के तौर पर हमें कच्चा सूती धागा, नारियल, गुलाल पाउडर, रोली, अक्षत, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी माला, बताशे, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी पूजा थाली में तैयार करके रखना चाहिए.
होलिका दहन क्यों मनाया जाता है ( Holika History ) – Holika ki Kahani in Hindi
होलिका कौन थी ( Holika Kaun thi )
होलिका दहन 2024 समय ( Holika Dahan 2024 Timing ) – Holika Dahan Shubh Muhurat
इस वर्ष, होलिका दहन 24 मार्च, 2024 ( Holika Dahan Date ) को मनाया जाएगा। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6:24 बजे शुरू होता है और रात 8:51 बजे समाप्त होता है।