ज्योतिष के अनुसार गला लग्न भाव होता है और Durga Mata locket गले मे पहनने से घर में सुख समृद्धि का परस्पर आगमन होता है। माँ दुर्गा के इस लॉकेट की सहायता से आपके बिगड़े हुए ग्रह-नक्षत्र सही दशा मे आकर आपकी सारी इक्छाओं की पूर्ति करते है। Durga Locket Online आज ही आर्डर करें।
Durga Mata Gold Locket पहनने से आपके अंदर मानसिक शांति का प्रवाह होता है। Durga Maa Locket प्रार्थना करने का वह प्रकार है जिसकी सहायता से आपके चारों तरफ सुरक्षा की एक रेखा बन जाती है। माँ दुर्गा शक्ति का एक रूप है जो अपने भक्तों की सदैव रक्षा करती है।इस लॉकेट को गले मे पहनने से किसी भी प्रकार का दुर्भाग्य आपके जीवन में प्रवेश नहीं करता है।
माँ दुर्गा की कृपा आप के जीवन मे सदा बनी रहती है। यह एक प्रकार का डीवाइन प्रोटेक्टर है जिसकी द्वारा आप खतरों, जादू टोना, ईविल आईज यानि के बुरी नजर से बचे रहते है। Maa Durga Gold Locket मे दुर्गा माता के नौ रूप समाहित होते है। Durga pendant धारण करने से व्यापार में मुनाफा होता है और जातक अनचाही दुर्घटना से बचे रहते है।
1. इस लॉकेट को धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है एवं मन में शांति बनी रहती है।
2. दुर्गा यानी Sherawali mata gold pendant आपको बुरी नजर से बचाता है।
3. माँ दुर्गा की कृपा सदैव आपके ऊपर बनी रहती है।
4. यदि आप इस Mata rani gold locket को अपने गले मे धारण करते है तो आप जीवन मे आने वाली सारी दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहते है।
5. स्वास्थ्य में बदलाव आता है और शरीर तमाम बीमारियों से दूर रहता है।
6. घर के क्लेश से बचने के लिए तथा सुख शांति बनाये रखने के लिए घर के सभी सदस्यों को यह gold locket maa durga अवश्य पहनना चाहिए।
7. यदि आपके बच्चो का मन पड़ने-लिखने मे नहीं लगता हो तो शुक्रवार के दिन यह लॉकेट अपने बच्चे को पहना दें।
1. Maa durga locket के गले में धारण करने से जीवन में लाभ ही लाभ होते है। लॉकेट को धारण करने से पहले एक निश्चित विधि होती है जिसे हमें जरूर पूरा करना चाहिए।
2. दुर्गा माँ लॉकेट को पहनने के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इसके लिए शुक्रवार के दिन लॉकेट को पंचामृत से अच्छी तरह धो ले।
3. फिर एक हाथ मे Durga Pendant Gold और दूसरे हाथ मे चावल और गुलाब का फूल लेकर दोनों हाथ जोड़ ले और मन ही मन माता दुर्गा का धयान करते हुए उनका गुडगाँन करें और 11 बार इस मंत्र का मन मे जाप करें।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
4. सारी विधियां सम्पन्न करने के बाद Sherawali Mata Gold Pendant को अपने गले मे पहन ले।
नोट- ध्यान रखिये की Maa Durga Locket को उतारना नहीं चाहिए, ऐसा करने से लॉकेट की सारी प्रभावी शक्तियां समाप्त हो जाती है तथा जातक उसके शुभ फल से वंचित रह जाते है।
Durga Saptashati और देवी महात्यमय में मिले प्रमाणों के अनुसार देवताओं और असुर गणों के बीच करीब 100 वर्षों तक युद्ध चला था। दुर्भाग्यवश इतने लंबे अन्तराल तक चलने वाले इस युद्ध में असुरों की विजय हुई। युद्ध में जीत के बाद असुरों का राजा महिषासुर स्वर्ग पर अपना आधिपत्य जमाकर बैठ गया। इसके कारण सभी देवता धरती पर रहने लगे। स्वर्ग पर अधिकार कर लेने के बाद महिषासुर ने उत्पात मचाना आरंभ कर दिया। जब सभी देवता असुरों के इस आतंक से तंग आ गए तो वे सभी भगवान विष्णु की शरण में पहुंचे।
भगवान विष्णु ने देवताओं की परेशानी सुन उन्हें देवी की उपासना करने का हल दिया। इसपर देवताओं ने सवाल किया कि आखिर कौन सी देवी हैं जो हमारा उद्धार करेंगी? तभी ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के सम्मिश्रण से एक तेज प्रकाश की उत्पत्ति हुई जिसने देखते ही देखते स्त्री का रूप धारण कर लिया। अलौकिक देवी Durga के रूप को वहां पर मौजूद सभी देवी देवताओं ने कुछ न कुछ भेंट स्वरुप दिया। भगवान शिव ने देवी को सिंह, भगवान विष्णु ने कमलपुष्प, इंद्रदेव ने घंटा तथा समुद्र ने एक शुद्ध माला भेंट की जो कभी मैली नहीं होती थी।
इसके पश्चात देवताओं ने देवी की उपासना करनी आरंभ की और असुरों के आतंक से रक्षा करने की प्रार्थना की। अलौकिक प्रकाश रुपी देवी Durga सभी देवताओं की उपासना से प्रसन्न हुई और उन्होंने असुरों से रक्षा करने का वरदान दिया।
1. माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती पाठ किया जाना चाहिए।
2. शुक्रवार के दिन माँ दुर्गा बीज मंत्र का ”ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम:” 108 बार जाप करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती है।
3. देवी को लाल चुनरी, लाल पुष्प, लाल भोग, फल और सिन्दूर बहुत प्रिय है।
माँ दुर्गा एक अलौकिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं जो हमारे शत्रुओं पर हमें विजय दिलाती हैं। माँ दुर्गा की उत्पत्ति ही असुर या असुर रूपी शत्रुओं से लड़ने के लिए हुई थी। माँ दुर्गा के हाथों में जो सुदर्शन चक्र है वो इस बात का प्रतीक माना जाता है कि यह सृष्टि उनकी उनकी धुरी पर गतिमान है। इस प्रकार वे बुराई पर अच्छाई का प्रतिनिधित्व करती हैं।
Durga Mantra र अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है, इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि जब गुप्त नवरात्रों में देव शयन अवस्था में लीन होते है, उस समय सृष्टि के संचालन का जिम्मा देवी शक्ति पर होता है। उस दौरान भी जातक दुर्गा मंत्र का जाप कर कई प्रकार की तांत्रिक और अलौकिक शक्ति अर्जित कर सकते हैं। फिर सामान्य दिनों में तो उनके मन्त्रों का जाप कर लाख गुना फल पाया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक सच्चे मन से देवी दुर्गा की पूजा अर्चना कर मन्त्रों का जाप करते हुए उनका ध्यान करता है उसकी सभी मनोकामना देवी दुर्गा पूर्ण करती हैं।
दुर्गा जी अपने पूर्व जन्म में भगवान शिव की पत्नी सती थी जिनके पिता का नाम प्रजापति दक्ष था।