अक्षय तृतीया | Akshaya Tritiya
अक्षय तृतीया 2024 ( Akshaya Tritiya 2024 ) में 24 अप्रैल को है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन को ‘अक्षय तृतीया’ या आखा तीज ( Akha Teej ) भी कहते हैं। इस दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग इस दिन पूजा और दान-धर्म करते हैं। विशेष रूप से सोने, चांदी, या अन्य धन की खरीदारी की जाती है। यह माना जाता है कि इस दिन की कोई मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं पड़ती।
अक्षय तृतीया पूजा शुभ मुहूर्त ( Akshaya Tritiya Pooja Shubh Muhoort )
अक्षय तृतीया के दिन लोग भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इसके माध्यम से घर में सुख, समृद्धि, वैभव, धन और प्रेम में वृद्धि होने की मान्यता है। शुभ मुहूर्त सुबह 5:33 से दोपहर 12:18 तक है। अक्षय तृतीया के दिन लोग धन लाभ के लिए नए शुरुआतों का आगाज़ करते हैं और धार्मिक कार्यों में योगदान करते हैं। इस दिन अनेक लोग चाँदी, सोना या आभूषण खरीदते हैं।
अक्षय तृतीया का महत्व ( Importance of Akshaya Tritiya )
अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya ) का मतलब है ‘जो कभी नहीं कम होता’। इसे शुभ तिथि माना जाता है और इस दिन कोई भी महत्वपूर्ण काम कर सकते है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी शादी की तारीख़ तय नहीं हो रही है। इस दिन स्नान और दान करने से आपके साथ सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहती है। अक्षय तृतीया पर आप जो भी धन, वैभव, ज्ञान, पुण्य अर्पित करते हैं, उसमें कोई कमी नहीं होती।
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अक्षय तृतीया कथा ( Akshaya Tritiya Katha )
अक्षय तृतीया पूजा विधि ( Akshaya Tritiya Pooja Vidhi )
अक्षय तृतीया का महत्व विशेष है और इसे हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है और इसे वैष्णवों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। अक्षय तृतीया का मतलब है ‘जिसका कभी कमी नहीं होता’।
अक्षय तृतीया के दिन का महत्व बड़ा होता है। इस दिन को लोग भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और वंदना करते हैं। पूजा के लिए उन्हें निम्नलिखित विधि का पालन करना चाहिए:
1. सबसे पहले, सुबह उठकर निर्धारित समय पर स्नान करें। स्नान के बाद प्रातः काल को विष्णु या लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें।
2. मूर्ति को स्थापित करने के बाद, शुद्ध और सात्विक भोजन का प्रसाद तैयार करें। इसके बाद, इसे भगवान को अर्पित करें।
3. अक्षय तृतीया के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। जीवन्त और निर्धन लोगों को दान करें और उनकी मदद करें।
4. पूजा के बाद वैष्णवों और अन्य लोगों को प्रसाद वितरित करें और उन्हें आशीर्वाद दें।
5. इस दिन विशेष रूप से चाँदी का दान भी करना चाहिए। चाँदी का दान करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
इस रूप में, अक्षय तृतीया का उत्सव मनाने से धन, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है ( Akshaya Tritiya Kyu manaee jaate hain )
अक्षय तृतीया के टोटके ( Akshaya Tritiya ke Totke )
- अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी को गुलाब का फूल अर्पित करें और गुलाबी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें। साथ ही मोती या फिर स्फटिक की माला से ‘”ह्रीं क ए इ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं” मंत्र का जाप करें।
- अक्षय तृतीया के दिन गणेश जी के स्वरूप को घर लेकर आएं और अपने घर के मुख्य द्वार पर लगा दें।