ॐ नमः शिवाय : जिस प्रकार करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है उसी प्रकार महिलाओं के लिए अपनी संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ के लिए अहोई अष्टमी ( Ahoi ashtami ) का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। वहीं संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी मनचाही संतान की प्राप्ति के लिए इस दिन सच्चे श्रध्दा भाव से माता पार्वती की आराधना करती है।
इस पर्व के दिन महिलाएं बगैर कुछ खाए पिए निर्जला व्रत रखती है और माता पार्वती की आराधना करती है। ताकि उनकी संतान के सर पर मंडराने वाली सभी विपत्तियां दूर हो सके। लेकिन इस व्रत को अगर सही पूजा विधि और शुभ महुरत के अनुसार पूरा न किया जाए तो इस व्रत को रखने से भी संतान के हित में मन वांछित फल की प्राप्ति नहीं होती। इसलिए इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को सही पूजा विधि और शुभ मुहरत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
Ahoi ashtami | अहोई अष्टमी के व्रत को पूरा करने की सही विधि और इस वर्ष इस पर्व के दिन पूजा का शुभ मुहरत क्या है ?
- अहोई अष्टमी का ये पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अष्टमी को मनाया जाता है और इस ये शुभ दिन 5 नवंबर को है।
- इस दिन व्रत रखने वाली सभी महिलाएं सबसे पहले स्नान करे और साफ सुथरे वस्त्र ग्रहण करे। ध्यान रहे की इस दिन काले वस्त्र बिलकुल न पहने।
- इसके पश्चात अहोई माता की तस्वीर बनाए या फिर मूर्ति स्थापित करे और कलश में जल रखकर सच्चे श्रद्धा भाव से माता की आराधना करें और माता के सामने हाथ जोडकर निर्जला व्रत रखने का संकल्प ले।
- ध्यान रहे की इस पर्व के मौके पर अपने मन में किसी के भी प्रति कोई बुरी भावना न रखे।
- इसके पश्चात माता को पुष्प अर्पित करे और कलश में जल भरकर अहोई माता की कथा सुने।
- साथ ही अहोई माता के साथ साथ भगवान गणेश और कार्तिके की आराधना करना बिलकुल न भूले।
- इस मौके पर खीर पूरी आदि पकवानो से माता को भोग अवश्य लगाए।
- ध्यान रहे की इस पर्व के दिन शाम के समय माता की आरती करना बिलकुल न भूले और रात में तारो को अर्घ्य देकर अन्न ग्रहण करने के पश्चात व्रत पूरा करे।
अपनी संतान की दीर्घ आयु और संतान प्राप्ति की कामना करनी वाली महिलाएं पूरे साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती है इसलिए इस खास पर्व पर व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए ये जरूरी होता है की वे इस दिन सही महुरत पर अहोई माता का अनुष्ठान कर सके। ताकि उनकी मनोकामना जल्द से जल्द पूरी हो सके और उनकी संतान पर माता का आशिर्वाद हमेशा बना रहे।
इस वर्ष अहोई माता की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहरत शाम बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 52 मिनट तक बताया जा रहा है। इस शुभ मुहरत के दौरान सच्चे श्रद्धा भाव से विधिवत तरीके से माता की आराधना करने से अवश्य ही मनोकामना पूर्ण होगी।
Ahoi ashtami | अहोई अष्टमी के व्रत से जुडी ये जानकारी आपको कैसी लगी इस बारे में हमे कमेंट में जरूर बताएं।