अचलेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य ( Achaleshwar Mahadev Temple Mystery )
Devon ke Dev Mahadev जिन्हें संसार में हर कोई पूजता है, हर कोई इनकी भक्ति में लीन रहता है तथा भगवान शिव भी अपने भक्तों को आये दिन अपने होने का विश्वास दिलाते रहते हैं। God siva के चमत्कारों को देख हर कोई आस्था और भक्ति के सागर में डूब जाता है। आज का यह लेख आपको भगवान शिव के होने का प्रमाण जरूर देगा। आज के इस लेख का संबंध एक ऐसे भक्त से है, जिसने lord shankar के मंदिर में एक अद्भुत चमत्कार को होते हुए देखा। जी हाँ एक ऐसा चमत्कार जिसके बारे में सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। आखिर क्या हुआ उसके बाद?
दोस्तों ये shiv ling story जुड़ी है एक ऐसे मंदिर से, जंहा पर स्थापित है एक ऐसा shiva linga जो किसी रहस्य से कम नहीं है। दरअसल कई वर्षों पहले नागपुर में भोला नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसने तीन वर्ष की आयु में ही एक दुर्घटना में अपने माता पिता को खो दिया था।
तीन वर्ष की आयु से ही वह अपने गाँव में बने lord mahadev मंदिर में रहता था, उसने भगवान शिव तथा देवी पार्वती को ही अपना माता-पिता मान लिया था। वह दिन रात उनकी और shivling ki पूजा करता था, उन्हें अपना माता पिता समझकर उनकी सेवा करता था तथा मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मदद भी किया करता था। मंदिर में रोजाना आने वाले श्रद्धालु और पुजारी जी ने ही बच्चे के स्वभाव को देख उसका नाम भोला रखा था। वह अक्सर shivling puja करने के बाद उसके सामने खड़े होकर उनसे विनती कर कहता- हे परमपिता मैं आपकी भक्ति में हमेशा ही लीन रहता हूँ, अतः आप मुझे कोई ऐसा संकेत दीजिये जिससे मुझे ये आभास हो जाए कि आप मेरी भक्ति से प्रसन्न हैं। लेकिन उसे कभी संकेत नहीं मिला और वह निराश हो जाता।
दोस्तों ये shiv ling story जुड़ी है एक ऐसे मंदिर से, जंहा पर स्थापित है एक ऐसा shiva linga जो किसी रहस्य से कम नहीं है। दरअसल कई वर्षों पहले नागपुर में भोला नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसने तीन वर्ष की आयु में ही एक दुर्घटना में अपने माता पिता को खो दिया था।
तीन वर्ष की आयु से ही वह अपने गाँव में बने lord mahadev मंदिर में रहता था, उसने भगवान शिव तथा देवी पार्वती को ही अपना माता-पिता मान लिया था। वह दिन रात उनकी और shivling ki पूजा करता था, उन्हें अपना माता पिता समझकर उनकी सेवा करता था तथा मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मदद भी किया करता था। मंदिर में रोजाना आने वाले श्रद्धालु और पुजारी जी ने ही बच्चे के स्वभाव को देख उसका नाम भोला रखा था। वह अक्सर shivling puja करने के बाद उसके सामने खड़े होकर उनसे विनती कर कहता- हे परमपिता मैं आपकी भक्ति में हमेशा ही लीन रहता हूँ, अतः आप मुझे कोई ऐसा संकेत दीजिये जिससे मुझे ये आभास हो जाए कि आप मेरी भक्ति से प्रसन्न हैं। लेकिन उसे कभी संकेत नहीं मिला और वह निराश हो जाता।
रंग बदलते शिवलिंग का रहस्य ( What is the colour of Shivling? )
भोला जब वह तेईस वर्ष का हुआ तो उसे एक दिन स्वप्न आया, जहां पर भगवान शिव ने उसे Achleshwar Mahadev Mandir जाने को कहा। भोला ने अपने स्वप्न की बात पुजारी जी से बताई, अतः पुजारी जी भी समझ गए थे कि भगवान शिव जरूर उसे कोई न कोई संकेत देना चाहते हैं इसलिए उन्होंने भोले से राजस्थान में स्थित Achleshwar Mandir जाने को कहा। भोला बिना देर किये शाम को ही मंदिर के लिए निकल पड़ा, अगली सुबह वह राजस्थान पहुंचा। मंदिर में उसने यंहा पर स्थित अद्भुत shivling shivling के दर्शन किये, लेकिन न वह समझ नहीं पा रहा था आखिर भगवान शिव ( Lord Shiva ) ने उसे यंहा इतनी दूर क्यों बुलाया है। वह सुबह से लेकर शाम तक शिवलिंग के आगे बैठा रहा लेकिन यहां बैठना उसके लिए किसी चमत्कार से कम साबित नहीं हुआ।
दरअसल यहां आना, ये उससे स्वप्न का वहम था या इसके पीछे कोई रहस्य छिपा था ? वह मन ही मन इसी गुत्थी में उलझा था कि अचानक से से उसने जो देखा, उसे देख उसके होश उड़ गए। दरअसल उसने देखा कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग का रंग बदल चुका था, वह हैरान था कि अचानक शिवलिंग ने फिर से अपना रंग बदल दिया। भोला हैरान था कि आखिर शिवलिंग तीन बार अपना रंग कैसे बदल सकता है। लेकिन भोला समझ चुका था कि Mahadev god ने उसे यहां किस लिए बुलाया था। वो संकेत दिखाने जिसकी प्रतीक्षा वह लगभग बीस सालों से कर रहा था। वह मन ही मन प्रसन्न हुआ और मन ही मन धन्यवाद कर, जोर जोर से “हर हर महादेव” कहने लगा।
माना जाता है कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित stone shivling दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है, ऐसा क्यों होता है इस रहस्य को सुलझाने कई वैज्ञानिक भी मंदिर में आये लेकिन वह इस गुत्थी को नहीं सुलझा पाए। एक और हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस lord shiva lingam की लम्बाई कितनी है इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है। दोस्तों कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में आता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती है। अगर आप भी shiva god के इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो अचलेश्वर महादेव मंदिर जरूर जाएँ।
यदि आप भगवान शिव के निराकार रूप कहे जाने वाले शिवलिंग का चमत्कार अपने ही घर में देखना चाहते हैं तो आज ही अपने घर में Original & Certified Parad Shivling लेकर आएं। इस शिवलिंग की नियमित रूप से पूजा करें और फिर देखें कैसे आपके घर से नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर भागती है। यह आपके घर के माहौल को खुशनुमा बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसे प्राण प्रतिष्ठा तक की आवश्यकता नहीं होती।
दरअसल यहां आना, ये उससे स्वप्न का वहम था या इसके पीछे कोई रहस्य छिपा था ? वह मन ही मन इसी गुत्थी में उलझा था कि अचानक से से उसने जो देखा, उसे देख उसके होश उड़ गए। दरअसल उसने देखा कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग का रंग बदल चुका था, वह हैरान था कि अचानक शिवलिंग ने फिर से अपना रंग बदल दिया। भोला हैरान था कि आखिर शिवलिंग तीन बार अपना रंग कैसे बदल सकता है। लेकिन भोला समझ चुका था कि Mahadev god ने उसे यहां किस लिए बुलाया था। वो संकेत दिखाने जिसकी प्रतीक्षा वह लगभग बीस सालों से कर रहा था। वह मन ही मन प्रसन्न हुआ और मन ही मन धन्यवाद कर, जोर जोर से “हर हर महादेव” कहने लगा।
माना जाता है कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित stone shivling दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है, ऐसा क्यों होता है इस रहस्य को सुलझाने कई वैज्ञानिक भी मंदिर में आये लेकिन वह इस गुत्थी को नहीं सुलझा पाए। एक और हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस lord shiva lingam की लम्बाई कितनी है इस बात का पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है। दोस्तों कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में आता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती है। अगर आप भी shiva god के इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो अचलेश्वर महादेव मंदिर जरूर जाएँ।
यदि आप भगवान शिव के निराकार रूप कहे जाने वाले शिवलिंग का चमत्कार अपने ही घर में देखना चाहते हैं तो आज ही अपने घर में Original & Certified Parad Shivling लेकर आएं। इस शिवलिंग की नियमित रूप से पूजा करें और फिर देखें कैसे आपके घर से नकारात्मकता और बुरी शक्तियां दूर भागती है। यह आपके घर के माहौल को खुशनुमा बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसे प्राण प्रतिष्ठा तक की आवश्यकता नहीं होती।