Original Parad Shivling - असली पारद शिवलिंग
धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का ही रूप है, इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है
शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं, लेकिन इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिवत की किया जाना चाहिए।
घर में क्यों रखना चाहिए पारद शिवलिंग ?
जिस घर में भी पारद शिवलिंग स्थापित हो वहां साक्षात भोलेनाथ निवास करते हैं और केवल भगवान शिव ही नहीं माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का भी उस स्थान पर वास होता है।
चरक संहिता में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है।
ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति पारद शिवलिंग की भक्ति पूर्वक पूजा करता है, वह सभी सांसारिक सुखों का भोग करता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है।
मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं. जो व्यक्ति नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करता है उसको अपने जीवन काल में मान-सम्मान, उच्च पद, नाम और यश, और विद्या की प्राप्ति होती है।
असली पारद शिवलिंग की पहचान कैसे करें?
असली पारद शिवलिंग की पहचान करने का सबसे आसान तरीका यह है कि जब भी आप किसी पारद से निर्मित शिवलिंग को पानी में डालकर सूर्य की किरणों में रखते है तो कुछ वक़्त के बाद वह शिवलिंग स्वर्ण के जैसे दिखने लगता है।
वैज्ञानिक उपकरणों से भी पारद शिवलिंग की पहचान का पता लगाया जा सकता है जिसमे हम देखते है की कही इसमें जस्ता, कलई और सिक्का जैसी धातुएं सम्मिलित है या नहीं।
इसके पीछे की वजह यह है कि पारद शिवलिंग को बनाते समय उसमें से इन धातुओं को निकाला जाता है। ये सभी धातु पारद के दोष माने जाते है और पारद निर्मित करते समय इसका पांचवा संस्कार होता है उसे इन धातुओं से मुक्त करना।
घर में किस प्रकार का शिवलिंग रखना चाहिए
आपको अपने घर में ज्यादा बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
साथ ही आपको ये ध्यान रखना है की इसका आकार आपके अंगूठे से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।
यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।
शिवलिंग की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बर्तन में शुद्ध जल भरकर उसमे शिवलिंग को रखे और उसका नियमित रूप से अभिषेक करना चाहिए।