जिसने सबसे पहले ही देख लिया था, महाभारत के युद्ध का नतीजा।
दूर से ही महाभारत के युद्धभूमि की
पल पल की खबर रखने वाले।
अगर गौर करें तो गीता की शुरुआत
संजय और धृतराष्ट्र के संवाद से ही
होती है।
संजय हस्तीनापुर में बैठे हुए ही कुरुक्षेत्र में हो रहे महाभारत के युद्ध की पल पल की खबर धृतराष्ट्र को बताते हैं।
एक ओर जहां धृतराष्ट्र दोनों आंखों से अंधे थे वहीं संजय के पास दिव्य दृष्टि थी।
महाभारत युद्ध के बाद संजय कई सालों तक युधिष्ठिर के राज्य में रहे।
इसके बाद धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती के साथ उन्होंने भी संन्यास ले लिया था।
इसके बाद धृतराष्ट्र की मृत्यु के बाद संजय हिमालय चले गए, जहां से फिर कभी नहीं लौटे।
आपको याद होगा कि अर्जुन जब युद्ध करने से कतरा रहे थे।
आपको याद होगा कि अर्जुन जब युद्ध करने से कतरा रहे थे।
तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें गीता के उपदेश के साथ साथ अपने विराट स्वरूप का भी दर्शन कराया था
जिसे केवल अर्जुन ने ही नहीं बल्कि संजय ने भी अपनी दिव्य दृष्टि के जरिये देखा था।
और देखे।